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पत्थरबाजों के खिलाफ कानून को लेकर मंत्रालय में बैठक, मसौदे पर हुई चर्चा

पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की कवायद शुरू की जा चुकी है. आज मंत्रालय में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में इस नए कानून के मसौदे पर चर्चा की गई.

Vallabh Bhavan
वल्लभ भवन
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Published : Jan 8, 2021, 10:39 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य कानून के बाद अब पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की कवायद शुरू की जा चुकी है. आज मंत्रालय में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में इस नए कानून के मसौदे पर चर्चा की गई. बताया जा रहा है कि हड़ताल या दंगों में निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने पर भी वसूली करने का प्रावधान इस कानून में होगा.

आरोपियों से वसूली जाएगी नुकसान की राशि

पत्थरबाजों के खिलाफ बनाए जा रहे कानून को लेकर आज मंत्रालय में बैठक हुई. इसके ड्राफ्ट को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. बताया जा रहा है कि इस नए कानून में प्राइवेट प्रॉपर्टी को हुए नुकसान की भरपाई भी आरोपियों से ही की जाएगी. इसके अलावा दंगों या हड़ताल के दौरान भी अगर निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो उसके नुकसान की राशि भी आरोपियों से वसूली जाएगी. वहीं बैठक में यह भी तय किया गया है कि आरोपियों से नुकसान की वसूली सामूहिक और निजी दोनों ही तरीकों से की जा सकेगी.

दूसरे राज्यों के कानून को लेकर भी हुई बैठक में चर्चा

बताया जा रहा है कि इस कानून को लेकर मंत्रालय में हुई बैठक में दूसरे राज्यों में लागू कानून के प्रावधानों पर भी विस्तार से चर्चा की गई है. सूत्रों के मुताबिक अगर महिला और बच्चों को सामने कर पत्थरबाजी की जाती है तो इसे संगीन अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा. इसके अलावा धार्मिक स्थल पर खड़े होकर कोई पत्थरबाजी करता है तो सरकार पूरी तरह से राजसात करेगी. इसके अलावा सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून 1984 के प्रावधानों पर भी बैठक में चर्चा की गई. बताया जा रहा है कि इस कानून में पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर 5 साल की सजा का प्रावधान है लेकिन अर्थदंड का प्रावधान नहीं है. ऐसे में नए कानून में अर्थदंड का भी प्रावधान किया जाएगा.

अगली बैठक में होगा फाइनल ड्राफ्ट तैयार

पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ नए कानून को लेकर बताया जा रहा है कि ट्रिब्यूनल का भी गठन किया जा सकता है. इसे लेकर अगली बैठक में निर्णय लिया जा सकता है. वहीं सूत्रों के मुताबिक गृह विभाग की अगली बैठक में इस नए कानून को लेकर पूरी तरह मसौदा तैयार कर लिया जाएगा. इसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा. माना जा रहा है कि इस कानून के बिल्कुल विधानसभा के बजट सत्र में सदन में रखा जा सकता है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य कानून के बाद अब पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की कवायद शुरू की जा चुकी है. आज मंत्रालय में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में इस नए कानून के मसौदे पर चर्चा की गई. बताया जा रहा है कि हड़ताल या दंगों में निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने पर भी वसूली करने का प्रावधान इस कानून में होगा.

आरोपियों से वसूली जाएगी नुकसान की राशि

पत्थरबाजों के खिलाफ बनाए जा रहे कानून को लेकर आज मंत्रालय में बैठक हुई. इसके ड्राफ्ट को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. बताया जा रहा है कि इस नए कानून में प्राइवेट प्रॉपर्टी को हुए नुकसान की भरपाई भी आरोपियों से ही की जाएगी. इसके अलावा दंगों या हड़ताल के दौरान भी अगर निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो उसके नुकसान की राशि भी आरोपियों से वसूली जाएगी. वहीं बैठक में यह भी तय किया गया है कि आरोपियों से नुकसान की वसूली सामूहिक और निजी दोनों ही तरीकों से की जा सकेगी.

दूसरे राज्यों के कानून को लेकर भी हुई बैठक में चर्चा

बताया जा रहा है कि इस कानून को लेकर मंत्रालय में हुई बैठक में दूसरे राज्यों में लागू कानून के प्रावधानों पर भी विस्तार से चर्चा की गई है. सूत्रों के मुताबिक अगर महिला और बच्चों को सामने कर पत्थरबाजी की जाती है तो इसे संगीन अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा. इसके अलावा धार्मिक स्थल पर खड़े होकर कोई पत्थरबाजी करता है तो सरकार पूरी तरह से राजसात करेगी. इसके अलावा सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून 1984 के प्रावधानों पर भी बैठक में चर्चा की गई. बताया जा रहा है कि इस कानून में पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर 5 साल की सजा का प्रावधान है लेकिन अर्थदंड का प्रावधान नहीं है. ऐसे में नए कानून में अर्थदंड का भी प्रावधान किया जाएगा.

अगली बैठक में होगा फाइनल ड्राफ्ट तैयार

पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ नए कानून को लेकर बताया जा रहा है कि ट्रिब्यूनल का भी गठन किया जा सकता है. इसे लेकर अगली बैठक में निर्णय लिया जा सकता है. वहीं सूत्रों के मुताबिक गृह विभाग की अगली बैठक में इस नए कानून को लेकर पूरी तरह मसौदा तैयार कर लिया जाएगा. इसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा. माना जा रहा है कि इस कानून के बिल्कुल विधानसभा के बजट सत्र में सदन में रखा जा सकता है.

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