भोपाल। मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले की तरह कहीं चूक न हो जाए, इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद अपने हाथों में कमान लिए हुए हैं. लिहाजा ब्लैक फंगस बीमारी को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, ब्लैक फंगस के प्रदेश में कुल 135 मामले हैं, जो बेहद डरावने हैं.
ब्लैक फंगस को नाक के स्तर पर रोक लिया, तो बीमारी आगे नहीं बढ़ेगी
ब्लैक फंगस के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. एसपी दुबे द्वारा विशेष प्रेजेंटेशन की प्रस्तुति दी गई. इसमें बताया गया कि यह बीमारी नाक से आंख में और आंख से मस्तिष्क तक पहुंचती हैं. अगर इसे नाक के स्तर पर ही रोक लिया जाए, तो बीमारी आगे नहीं बढ़ेगी.
पोस्ट कोविड मरीजों की नेजोएक्डोस्कॉपी कराई जाए
डॉ. दुबे ने सलाह दी कि पोस्ट कोविड मरीजों की नेजोएक्डोस्कॉपी करवाई जाए. ब्लैक फंगस पाए जाने पर उनका तुरंत ऑपरेशन कराया जाए. एम्फोटैरिसिन-बी इंजेक्शन भी दी जाए. इससे रोगी बिल्कुल ठीक हो जाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि एम्फोटैरिसिन-बी इंजेक्शन की कीमत लगभग पांच से सात हजार रुपए हैं.
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5 जिलों में 200 से अधिक मामले
प्रदेश के पांच जिलों में अब तक 200 से अधिक कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 12 जिलों में 100 से अधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
इंदौर में 1307, भोपाल में 657, जबलपुर में 421, उज्जैन में 232, ग्वालियर में 201, सागर में 195, रतलाम में 190, रीवा में 170, शिवपुरी में 114, नरसिंहपुर में 113, सीहोर में 106 और दमोह में 104 कोरोना मामले हैं.
20 जिलों में 10 प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी
होशंगाबाद, देवास, विदिशा, बालाघाट, टीकमगढ़, मुरैना, छिंदवाड़ा, छतरपुर, श्योपुर, मंडला, गुना, आगर मालवा, बड़वानी, अशोकनगर, झाबुआ, निवाड़ी, भिंड, खंडवा, बुरहानपुर औरअलीराजपुर की साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से कम दर्ज की गई हैं.
अस्पतालों में जनरेटर और इन्वर्टर चालू रहें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने निर्देश दिए कि तौकते तूफान के कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती हैं. इसके लिए हर अस्पताल में इंनवर्टर या जनरेटर चालू रहें. गेहूं उपार्जन केन्द्रों पर उपार्जित गेहूं खुले में न रहें.
ऑक्सीजन संयंत्र स्थापना की माइक्रो मॉनिटरिंग करें
सीएम शिवराज सिंह ने निर्देश दिए कि प्रदेश में लगने वाले सभी ऑक्सीजन प्लांट की माइक्रो मॉनिटरिंग की जाए. जल्दी से जल्दी कार्य पूरा किया जाए. बड़े ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के भी प्रयास किए जाए. वहीं उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 95 ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं.
बेसहारा हुए बच्चों की सूची भेजें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड के कारण जो बच्चे अनाथ हो गए हैं, उनकी जानकारी दी जाए. धार जिले में 125 और अलीराजपुर में 90 ऐसे बच्चे हैं.