भोपाल। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश की चार बिजली कंपनियों के खिलाफ एक-एक लाख रुपये का जुर्माना ठोका है. पहली बार विद्युत नियामक आयोग ने इस तरह का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. आयोग ने यह फैसला मध्य, पूर्व, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनियों और पावर मैनेजमेंट कंपनी के एमडी द्वारा पेंशन ट्रस्ट में 750 करोड़ रुपए जमा करने को लेकर है.
11 जून 2022 तक जुर्माना जमा करने का आदेश
सामान्य तौर पर मध्य विद्युत नियामक आयोग आम जनता की बिजली के टैरिफ पाए जाने की शिकायतों पर दरें तय करता है. आयोग के अध्यक्ष एसपीएस परिहार ने अपने फैसले में चारों कंपनियों के एमडी से 11 जून 2022 तक 1,00,000 रुपये का जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है. चारों कंपनियों के एमडी को 10 तारीख में 4,00,000 रुपये आयोग में जमा करना होंगे. अन्यथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 146 के तहत तीन महीने की सजा का प्रावधान है.
तारों में दौड़ती मौत! बिजली लाइन से लोगों को हाई 'टेंशन'
यह पहला मामला है जब विद्युत वितरण कंपनियों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है. बिजली अभियंता संघ के महासचिव बिहार की ओर से विद्युत नियामक आयोग में एक की गई थी, जिसमें पेंशन ट्रस्ट में 750 करोड़ रुपये जमा नहीं करने की बात कही गई थी. कंपनियों को पेंशन ट्रस्ट में 750 करोड़ पर जमा कराए जाने के लिए 10 महीने का समय दिया गया है.