ETV Bharat / state

इंग्लैंड की तर्ज पर एमपी पुलिस के कई कानूनों में होगा बदलाव, अगले माह आयोग सौंपेगा रिपोर्ट

मध्यप्रदेश में डेढ़ सौ साल पुराने पुलिस एक्ट में बदलाव की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर विधि आयोग दिसंबर माह में अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपने जा रहा है. इसमें आयोग लोगों को जल्द न्याय दिलाने और कोर्ट की प्रोसीडिंग में तेजी लाने कई सुझाव देने जा रही है.

Police headquarters
पुलिस मुख्यालय
author img

By

Published : Nov 27, 2020, 5:07 PM IST

Updated : Nov 27, 2020, 6:41 PM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में डेढ़ सौ साल पुराने पुलिस एक्ट में बदलाव की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर विधि आयोग दिसंबर माह में अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपने जा रहा है. इसमें आयोग लोगों को जल्द न्याय दिलाने और कोर्ट की प्रोसीडिंग में तेजी लाने कई सुझाव देने जा रही है. पुलिस रिफार्म के लिए दो साल पहले तीन विधि आयोग का गठन किया गया था. आयोग इंग्लैंड के कानून की तर्ज पर ट्रायल में एंबुश डिफेंस को खत्म करने की सिफारिश करने जा रहा है. जल्द न्याय के लिए यह सिफारिशें लोगों को सरल सुलभ तरीके से न्याय दिलाने पुलिस सुधार के लिए विधि आयोग सरकार को कई सिफारिशें करने जा रहा है. विधि आयोग के अध्यक्ष के मुताबिक इसको लेकर अंतिम रिपोर्ट दिसंबर माह में सौंप दी जाएगी, इसमें सरकार से कई सिफारिशें की जा रही हैं.

मध्यप्रदेश पुलिस

खात्मा की पहले पीड़ित को सुना जाए

कई बार किसी मामले की जांच के दौरान तथ्य ना मिलने पर खात्मा लगा दिया जाता है, जबकि इस मामले में पीड़ित को खबर ही नहीं मिलती. आयोग ने सिफारिश की है कि मामले में खात्मा लगाए जाने की पहली पीड़ित को सुना जाना चाहिए. इसके अलावा किसी भी मामले में चार्जशीट की कॉपी दी जाए.

निवास स्थान पर मिले दावा लगाने का अधिकार

भरण पोषण के लिए पत्नी अपने मौजूदा निवास स्थान से ही दावा लगा सकती हैं भले ही पति किसी भी शहर में रहता हो, लेकिन माता-पिता को यदि बेटे के खिलाफ भरण-पोषण के लिए दावा लगाना हो तो बेटे के शहर में ही लगाना होगा. आयोग ने सिफारिश की है कि माता-पिता को अपने निवास स्थान से ही दावा लगाने की अनुमति दी जाए.

ट्रायल में एंबुश डिफेंस खत्म हो

कोर्ट में किसी मामले की ट्रायल के दौरान घटना की परिस्थितियों को लेकर अलग-अलग बयान आते हैं. इससे ट्रायल पेचीदा होता जाता है. इसको लेकर आयोग ट्रायल में एम्बुश डिफेंस को खत्म करने की सिफारिश करने जा रहा है. इसके लिए ट्रायल के शुरुआत में आरोपी को घटना के संबंध में लिखित जवाब देना होगा ताकि बार-बार बयान ना बदले जा सकें इस तरह की व्यवस्था इंग्लैंड में पहले से है. आयोग के अध्यक्ष जस्टिस वेद प्रकाश के मुताबिक पुलिस रिफॉर्म को लेकर अंतिम रिपोर्ट एक माह में सौंप दी जाएगी.

विधि आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन मौजूदा जरूरत और पुलिस की उपयोगिता के हिसाब से रिपोर्ट तैयार की जा रही है. उधर पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी पुलिस रिफॉर्म को जरूरी मानते हैं. लोकायुक्त के रिटायर्ड डीजी अरुण गुर्टू के मुताबिक मौजूदा एक्ट ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था. रूल ऑफ लॉ के लिए पुलिस को राजनीतिक दबाव से मुक्त होना होगा. इसके लिए पुलिस सुधार में राजनीतिक पार्टियां कितनी सख्ती दिखा पाती हैं यह देखना होगा.

भोपाल: मध्यप्रदेश में डेढ़ सौ साल पुराने पुलिस एक्ट में बदलाव की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर विधि आयोग दिसंबर माह में अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपने जा रहा है. इसमें आयोग लोगों को जल्द न्याय दिलाने और कोर्ट की प्रोसीडिंग में तेजी लाने कई सुझाव देने जा रही है. पुलिस रिफार्म के लिए दो साल पहले तीन विधि आयोग का गठन किया गया था. आयोग इंग्लैंड के कानून की तर्ज पर ट्रायल में एंबुश डिफेंस को खत्म करने की सिफारिश करने जा रहा है. जल्द न्याय के लिए यह सिफारिशें लोगों को सरल सुलभ तरीके से न्याय दिलाने पुलिस सुधार के लिए विधि आयोग सरकार को कई सिफारिशें करने जा रहा है. विधि आयोग के अध्यक्ष के मुताबिक इसको लेकर अंतिम रिपोर्ट दिसंबर माह में सौंप दी जाएगी, इसमें सरकार से कई सिफारिशें की जा रही हैं.

मध्यप्रदेश पुलिस

खात्मा की पहले पीड़ित को सुना जाए

कई बार किसी मामले की जांच के दौरान तथ्य ना मिलने पर खात्मा लगा दिया जाता है, जबकि इस मामले में पीड़ित को खबर ही नहीं मिलती. आयोग ने सिफारिश की है कि मामले में खात्मा लगाए जाने की पहली पीड़ित को सुना जाना चाहिए. इसके अलावा किसी भी मामले में चार्जशीट की कॉपी दी जाए.

निवास स्थान पर मिले दावा लगाने का अधिकार

भरण पोषण के लिए पत्नी अपने मौजूदा निवास स्थान से ही दावा लगा सकती हैं भले ही पति किसी भी शहर में रहता हो, लेकिन माता-पिता को यदि बेटे के खिलाफ भरण-पोषण के लिए दावा लगाना हो तो बेटे के शहर में ही लगाना होगा. आयोग ने सिफारिश की है कि माता-पिता को अपने निवास स्थान से ही दावा लगाने की अनुमति दी जाए.

ट्रायल में एंबुश डिफेंस खत्म हो

कोर्ट में किसी मामले की ट्रायल के दौरान घटना की परिस्थितियों को लेकर अलग-अलग बयान आते हैं. इससे ट्रायल पेचीदा होता जाता है. इसको लेकर आयोग ट्रायल में एम्बुश डिफेंस को खत्म करने की सिफारिश करने जा रहा है. इसके लिए ट्रायल के शुरुआत में आरोपी को घटना के संबंध में लिखित जवाब देना होगा ताकि बार-बार बयान ना बदले जा सकें इस तरह की व्यवस्था इंग्लैंड में पहले से है. आयोग के अध्यक्ष जस्टिस वेद प्रकाश के मुताबिक पुलिस रिफॉर्म को लेकर अंतिम रिपोर्ट एक माह में सौंप दी जाएगी.

विधि आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन मौजूदा जरूरत और पुलिस की उपयोगिता के हिसाब से रिपोर्ट तैयार की जा रही है. उधर पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी पुलिस रिफॉर्म को जरूरी मानते हैं. लोकायुक्त के रिटायर्ड डीजी अरुण गुर्टू के मुताबिक मौजूदा एक्ट ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था. रूल ऑफ लॉ के लिए पुलिस को राजनीतिक दबाव से मुक्त होना होगा. इसके लिए पुलिस सुधार में राजनीतिक पार्टियां कितनी सख्ती दिखा पाती हैं यह देखना होगा.

Last Updated : Nov 27, 2020, 6:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.