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सड़कों की मरम्मत के लिए खंगाला गया रिकॉर्ड, शिवराज कार्यकाल का घोटाला आया सामने

शिवराज कार्यकाल में हुए कई बड़े घोटाले सामने आए हैं. बीजेपी की सरकार के दौरान 15 सालों में अनियमितताएं बरती गईं और सड़क गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया.

शिवराज कार्यकाल का घोटाला आया सामने
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Published : Nov 4, 2019, 8:08 PM IST

भोपाल। इस साल हुई भारी बारिश में करीब 11 हजार किलोमीटर सड़कें बर्बाद हो गई हैं. कमलनाथ सरकार इन सड़कों को सुधारने के लिए मशक्कत कर रही है. जब मामले में ठेकेदारों पर कार्रवाई के लिए सड़कों के निर्माण के समय का रिकॉर्ड खंगाला गया, तो कई गड़बड़ियां सामने आई.


ठेकेदारों ने ना तो पूरे दस्तावेज जमा कराए थे और ना ही सुरक्षा निधि जमा कराई थी. इसके अलावा सड़कों के टेंडर 30% से 40% ब्लो रेट पर दे दिए गए, जिसके कारण सड़कों की गुणवत्ता अच्छी नहीं रही और सड़कें पहली ही बारिश में बह गई हैं. इन परिस्थितियों को लेकर कांग्रेस ने शिवराज काल में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री के विदेश से लौटते ही उनके संज्ञान में यह मामला लाया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी.


मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश में सड़कों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. बीजेपी की सरकार के दौरान 15 सालों में अनियमितताएं बरती गईं. घोटाले किए गए. टेंडर प्रक्रिया को बदला गया. गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया. इसीलिए पहली ही बारिश में मध्य प्रदेश की सड़कें बह गई.

भोपाल। इस साल हुई भारी बारिश में करीब 11 हजार किलोमीटर सड़कें बर्बाद हो गई हैं. कमलनाथ सरकार इन सड़कों को सुधारने के लिए मशक्कत कर रही है. जब मामले में ठेकेदारों पर कार्रवाई के लिए सड़कों के निर्माण के समय का रिकॉर्ड खंगाला गया, तो कई गड़बड़ियां सामने आई.


ठेकेदारों ने ना तो पूरे दस्तावेज जमा कराए थे और ना ही सुरक्षा निधि जमा कराई थी. इसके अलावा सड़कों के टेंडर 30% से 40% ब्लो रेट पर दे दिए गए, जिसके कारण सड़कों की गुणवत्ता अच्छी नहीं रही और सड़कें पहली ही बारिश में बह गई हैं. इन परिस्थितियों को लेकर कांग्रेस ने शिवराज काल में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री के विदेश से लौटते ही उनके संज्ञान में यह मामला लाया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी.


मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश में सड़कों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. बीजेपी की सरकार के दौरान 15 सालों में अनियमितताएं बरती गईं. घोटाले किए गए. टेंडर प्रक्रिया को बदला गया. गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया. इसीलिए पहली ही बारिश में मध्य प्रदेश की सड़कें बह गई.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल हुई भारी बारिश में करीब 11 हजार किलोमीटर सड़कें बर्बाद हो गई हैं। कमलनाथ की नई नवेली सरकार इन सड़कों को सुधारने के लिए मशक्कत कर रही है। जब इन सड़कों को सुधारने के लिए कमलनाथ सरकार ने सड़कों के ठेकेदारों से संपर्क किया। तो ठेकेदारों ने बहाने बनाकर सड़के सुधारने से इंकार कर दिया ।इस मामले में जब ठेकेदारों पर कार्रवाई के लिए सड़कों के निर्माण के समय का रिकॉर्ड खंगाला गया, तो कई गड़बड़ियां सामने आई। इन ठेकेदारों ने ना तो पूरे दस्तावेज जमा कराए थे और ना ही सुरक्षा निधि जमा कराई थी। इसके अलावा सड़कों के टेंडर 30 से 40% ब्लो रेट पर दे दिए गए ।जिसके कारण सड़कों की गुणवत्ता अच्छी नहीं रही और सड़कें पहली ही बारिश में बह गई हैं। इन परिस्थितियों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने शिवराज काल में भारी गड़बड़ झाले का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री के विदेश से लौटते ही उनके संज्ञान में यह मामला लाया जाएगा और कार्यवाही की जाएगी।Body:प्रदेश में भारी बारिश की वजह से खराब हुईं सड़कों को सुधारने के लिए लोक निर्माण विभाग को राशि कम पड़ रही है। प्रदेश में बारिश के कारण बर्बाद हुई 11 हजार किलोमीटर की सड़कों को सुधारने के लिए 540 करोड़ की जरूरत है। ऊपर से टोल की सड़कों में 15000 करोड़ का खेल सामने आया है। ना तो प्रीमियम मिला और न ही कर्ज लौटाया। प्रदेश में शिवराज सरकार के दौरान बीओटी मॉडल पर बनीं 6 हजार किमी की 104 टोल सड़कों में 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का गड़बड़झाला हुआ है।प्रदेश में अतिवृष्टि से बर्बाद हुई सड़कों को सुधारने के लिए कमलनाथ सरकार ने इन कंपनियों को बुलाया। तो उन्होंने टोल में घाटा होने की बात कहकर दोबारा सड़क बनाने से दो टूक इंकार कर दिया।सरकार ने इन कंपनियों का अनुबंध निरस्त करने के लिए फाईलें खंगाली। तो यह तथ्य सामने आया कि इन्होंने बैंकों का हजारों करोड़ों रुपए का कर्ज चुकाया ही नहीं है। अनुबंध की शर्त के अनुसार अगर इनका ठेका निरस्त होता है। तो यह पूरा कर्ज सरकार के माथे आ जाएगा।अब इस मामले को मुख्यमंत्री कमलनाथ के विदेश से वापस आने पर सामने रखा जाएगा।Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्यप्रदेश में सड़कों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। भाजपा की सरकार के दौरान 15 सालों में अनियमितताएं बरती गई। घपले घोटाले किए गए। टेंडर प्रक्रिया को बदला गया, ताकि भ्रष्ट ठेकेदारों को टेंडर दिया जा सके ।30 से 40 फ़ीसदी तक ब्लो जाकर टेंडर किए गए, इसलिए गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। पहली ही बारिश में मध्य प्रदेश की सड़कें बह गई।जबकि उच्च गुणवत्ता की उम्र 7 से 12 साल तक होती है । क्योंकि घटिया क्वालिटी की सड़कें थी, इसलिए बह गई।अभी हमारी सरकार ने इन ठेकेदारों पर कार्रवाई के लिए फाइलें खंगालने पर पाया गया कि ठेकेदारों द्वारा ना तो दस्तावेज पूरे किए गए और ना ही सुरक्षा निधि जमा की गई। एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ जैसे ही विदेश यात्रा से वापस आएंगे, इस मामले को उनके संज्ञान में लाया जाएगा। जो भी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने सड़कों को लेकर मध्यप्रदेश के खजाने से डकैती की है।उनके ऊपर कार्यवाही की जाएगी। किसी बड़ी एजेंसी से इस गड़बड़ झाले की जांच कराई जाएगी।
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