ETV Bharat / state

बिना शादी साथ रहने कोर्ट ने दी अनुमति, परिजनों की मर्जी के खिलाफ लिव इन रिलेशन का मामला - INDORE HIGHCOURT ALLOWS LIVEIN

इंदौर हाई कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिना शादी युवक-युवती को एक साथ रहने की अनुमति दी है.

INDORE HIGHCOURT ALLOWS LIVEIN without marriage
बिना शादी साथ रह सकते हैं युवक-युवती (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 12:53 PM IST

इंदौर : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 18 साल की युवती और 21 साल के युवक को बिना शादी के साथ रहने की इजाजत दी है. साथ ही कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप के फैसले पर चिंता जाहिर भी की है. दरअसल, कोर्ट ने ये फैसला 18 साल की एक युवती की याचिका पर दिया है. इस याचिका में युवती ने इंदौर हाई कोर्ट को बताया था कि उसकी मां का निधन हो गया था और घर का माहौल ठीक नहीं होने की वजह से वह अपने परिजनों की मर्जी के विरुद्ध अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है.

क्या है पूरा मामला?

इस मामले के बारे में बताते हुए अधिवक्ता मनोज बिनी वाले ने कहा, '' युवती ने कोर्ट के समक्ष ये भी बताया कि जिस युवक के साथ वह रहना चाहती है वह भी बालिग है और दोनों एक ही कॉलेज में साथ पढ़ाई करते हैं. याचिका में कहा गया कि दोनों बालिग जरूर है पर फिलहाल कानून शादी करने के लिए सक्षम नहीं हैं. इसी वजह से दोनों साथ रहने लगे थे लेकिन दोनों के परिजनों ने नाराजगी जताते हुए इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी थी.''

कोर्ट ने दी लिव-इन की अनुमति, लेकिन चिंता भी जताई

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने युवक-युवती को लिव-इन में रहने की अनुमति दे दी है, लेकिन इतनी कम उम्र में इस तरह का निर्णय लेने के सामाजिक और व्यक्तिगत प्रभाव पर विचार करने की बात भी कही है. वहीं युवती ने कोर्ट के समक्ष यह भी बताया कि वह अपने घर में काफी तनावपूर्ण तरीके से रहती है. अतः उस तनावपूर्ण माहौल से बचने के लिए ही वह युवक के साथ रह रही है.

क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट?

इस मामले को लेकर अधिवक्ता मनोज बिनीवाले ने कहा, ''इस तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें बालिग होने के बाद उन पर किसी तरह की जोर जबरदस्ती नहीं की जा सकती है और इस आदेश के तहत कोर्ट ने भी दोनों को साथ रहने की अनुमति दी है.''

यह भी पढ़ें-

इंदौर : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 18 साल की युवती और 21 साल के युवक को बिना शादी के साथ रहने की इजाजत दी है. साथ ही कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप के फैसले पर चिंता जाहिर भी की है. दरअसल, कोर्ट ने ये फैसला 18 साल की एक युवती की याचिका पर दिया है. इस याचिका में युवती ने इंदौर हाई कोर्ट को बताया था कि उसकी मां का निधन हो गया था और घर का माहौल ठीक नहीं होने की वजह से वह अपने परिजनों की मर्जी के विरुद्ध अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है.

क्या है पूरा मामला?

इस मामले के बारे में बताते हुए अधिवक्ता मनोज बिनी वाले ने कहा, '' युवती ने कोर्ट के समक्ष ये भी बताया कि जिस युवक के साथ वह रहना चाहती है वह भी बालिग है और दोनों एक ही कॉलेज में साथ पढ़ाई करते हैं. याचिका में कहा गया कि दोनों बालिग जरूर है पर फिलहाल कानून शादी करने के लिए सक्षम नहीं हैं. इसी वजह से दोनों साथ रहने लगे थे लेकिन दोनों के परिजनों ने नाराजगी जताते हुए इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी थी.''

कोर्ट ने दी लिव-इन की अनुमति, लेकिन चिंता भी जताई

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने युवक-युवती को लिव-इन में रहने की अनुमति दे दी है, लेकिन इतनी कम उम्र में इस तरह का निर्णय लेने के सामाजिक और व्यक्तिगत प्रभाव पर विचार करने की बात भी कही है. वहीं युवती ने कोर्ट के समक्ष यह भी बताया कि वह अपने घर में काफी तनावपूर्ण तरीके से रहती है. अतः उस तनावपूर्ण माहौल से बचने के लिए ही वह युवक के साथ रह रही है.

क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट?

इस मामले को लेकर अधिवक्ता मनोज बिनीवाले ने कहा, ''इस तरह के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें बालिग होने के बाद उन पर किसी तरह की जोर जबरदस्ती नहीं की जा सकती है और इस आदेश के तहत कोर्ट ने भी दोनों को साथ रहने की अनुमति दी है.''

यह भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.