भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में सरकारी संपत्तियों को मेंटेन रखने के लिए अब मनरेगा के फंड का उपयोग किया जाएगा. पंचायतों में सरकारी संपत्तियों को व्यवस्थित रखने के लिए ग्राम परिसंपत्ति संधारण योजना शुरू की जा रही है. इसके तहत अब राज्य सरकार मनरेगा के फंड से इन संपत्तियों को मेंटेन रखेगी. इसके तहत गांव की जल प्रदाय योजना से लेकर पंचायत, आंगनवाड़ी केंद्रों की मरम्मत के काम किए जाएंगे.
अभी तक यह है व्यवस्था
प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पंचायत भवन, नहर, आंगनवाड़ी केंद्र और सड़कों की मरम्मत के काम पंच परमेश्वर योजना के तहत किए जाते हैं, लेकिन इसमें बजट की कमी की वजह से यह काम ठीक से नहीं हो पाते थे. लिहाजा अब राज्य सरकार ने इस को व्यवस्थित रखने के लिए नया तरीका खोज निकाला है. राज्य सरकार इन सभी कामों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना से जोड़ रही है. इसकी वजह से बजट की कमी भी नहीं आएगी और सार्वजनिक संपत्ति को बेहतर तरीके से मेंटेन भी रखा जा सकेगा.
महिला स्व सहायता समूह को जोड़ा जाएगा
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इन कामों से स्थानीय महिला स्व. सहायता समूह और मजदूरों को जोड़ेगी. इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा और सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत के लिए मजदूरों को नहीं ढूंढना होगा. स्थानीय लोगों को रोजगार देने की वजह से काम भी तेजी से होगा और सार्वजनिक उपयोग की इन संपत्तियों को लंबे समय तक उपयोग में लिया जा सकेगा. मरम्मत कार्य ना होने की वजह से यह संपत्तियां खराब स्थिति में है.
इस योजना के तहत यह कार्य होंगे
ग्राम परिसंपत्ति संधारण योजना के तहत गांव की टूटी-फूटी सड़कों की मरम्मत, सामुदायिक भवन पंचायत भवन, आंगनवाड़ी केंद्रों के भवन की मरम्मत गांव की जल प्रदाय योजना और सीवर लाइन के संधारण आदि के काम इस योजना के तहत किए जाएंगे. दरअसल इन सार्वजनिक संपत्तियों के निर्माण और मेंटेनेंस की ठेकेदार की समय सीमा निकलने के बाद इनका रखरखाव ही नहीं हो पाता. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव के मुताबिक इस योजना से ग्रामीण इलाकों की सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत की व्यवस्था बेहतर तरीके से हो सकेगी.