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लॉकडाउन में कुपोषित बच्चों को नहीं मिला पोषण आहार, नई योजना के तहत भरपाई करने में जुटा विभाग - महिला एवं बाल विकास विभाग

कोरोना वायरस के कारण लगाए गए 3-4 महीनों के लॉक डाउन में प्रदेश की आंगनबाड़ियां भी बंद थीं. आंगनबाड़ियों के बंद होने से महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ महिलाओं और बच्चों को नहीं मिल पाया. लिहाजा अब विभाग नई योजना के तहत इसकी भरपाई करने में जुटा गया है. पढ़िए पूरी खबर...

Director of Women and Child Development Directorate Swati Meena Nayak
महिला एवं बाल विकास संचालनालय की संचालक स्वाति मीणा नायक
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Published : Sep 5, 2020, 6:26 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 5:46 PM IST

भोपाल। आंगनबाड़ियों के बंद होने से पोषण आहार कुपोषित बच्चों को समय पर नहीं मिल पाया. जिसके चलते उनके स्वास्थ्य पर भी इसका असर देखने को मिला. यदि हम मध्यप्रदेश में कुपोषण की बात करें तो प्रदेश को पहले से ही 'कुपोषित प्रदेश' का तमगा मिला हुआ है और कोरोना वायरस के कारण महिला एवं बाल विकास की पोषण आहार देने की योजनाएं विफल हुई हैं.

महिला एवं बाल विकास संचालनालय की संचालक स्वाति मीणा नायक

अब प्रदेश का महिला एवं बाल विकास विभाग केंद्र सरकार की पोषण माह योजना के जरिए लॉकडाउन की अवधि में हुए नुकसान की भरपाई करने में जुटा हुआ है. विभाग की योजना है कि पिछले महीनों में पोषण आहार योजना को लेकर जो भी नुकसान हुआ है उसे इस माह पूरा किया जाए.

क्या है विभाग की नई योजना

अपनी नई योजनाओं के बारे में महिला एवं बाल विकास संचालनालय की संचालक स्वाति मीणा नायक का कहना है कि पोषण माह में हमने योजना बनाई है कि हम अति गंभीर कुपोषित बच्चों को दोबारा चिन्हित करेंगे. साथ ही ग्रोथ मॉनिटरिंग भी दोबारा की जाएगी. इसके लिए हम कम संख्या में बच्चों को आंगनबाड़ी सेंटर में बुलाकर मॉनिटरिंग करेंगे.

कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए छोटे बच्चों का वजन उनकी माता के साथ ही किया जाएगा. चिन्हित बच्चों के लिए अगले 3 महीने में एक सी सैम मॉड्यूल तैयार कर लेंगे. ये एक रियल टाइम मॉनिटरिंग एप्लीकेशन है, जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रियल टाइम में एंट्री कर पाएंगी. इस एप्लीकेशन में बच्चों की सारी जानकारी, उनके स्वास्थ्य की जानकारी होगी. 30 सितंबर तक हमारे पास सारी जानकारी उपलब्ध होगी. उसके बाद हमें ये पता चल जाएगा कि इन तीन-चार महीनों में किस क्षेत्र में क्या नुकसान हुआ है. इस आधार पर हम उन क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान देंगे, जहां सेवा को पहुंचाने में नुकसान हुआ है.

80 लाख हितग्राहियों को दिया जा रहा पूरक पोषण आहार

मध्य प्रदेश में इस समय संचालित 453 बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 84,465 आंगनबाड़ी केंद्र और 12,670 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार योजना चलाई जा रही है. इन आंगनबाड़ियों में लगभग 80 लाख हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार से लाभान्वित किया जा रहा है.

Nutrition Diet Routine Chart
पोषण आहार की दिनचर्या का चार्ट

आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था के लिए खर्च की जाने वाली राशि से 50% की राशि भारत सरकार महिला एवं बाल विकास उपलब्ध करवाता है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण करीब 30% से भी कम हितग्राहियों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है, जिसे लेकर अब महिला एवं बाल विकास विभाग क्रियान्वयन की नई योजनाओं को बनाने में जुटा हुआ है.

भोपाल। आंगनबाड़ियों के बंद होने से पोषण आहार कुपोषित बच्चों को समय पर नहीं मिल पाया. जिसके चलते उनके स्वास्थ्य पर भी इसका असर देखने को मिला. यदि हम मध्यप्रदेश में कुपोषण की बात करें तो प्रदेश को पहले से ही 'कुपोषित प्रदेश' का तमगा मिला हुआ है और कोरोना वायरस के कारण महिला एवं बाल विकास की पोषण आहार देने की योजनाएं विफल हुई हैं.

महिला एवं बाल विकास संचालनालय की संचालक स्वाति मीणा नायक

अब प्रदेश का महिला एवं बाल विकास विभाग केंद्र सरकार की पोषण माह योजना के जरिए लॉकडाउन की अवधि में हुए नुकसान की भरपाई करने में जुटा हुआ है. विभाग की योजना है कि पिछले महीनों में पोषण आहार योजना को लेकर जो भी नुकसान हुआ है उसे इस माह पूरा किया जाए.

क्या है विभाग की नई योजना

अपनी नई योजनाओं के बारे में महिला एवं बाल विकास संचालनालय की संचालक स्वाति मीणा नायक का कहना है कि पोषण माह में हमने योजना बनाई है कि हम अति गंभीर कुपोषित बच्चों को दोबारा चिन्हित करेंगे. साथ ही ग्रोथ मॉनिटरिंग भी दोबारा की जाएगी. इसके लिए हम कम संख्या में बच्चों को आंगनबाड़ी सेंटर में बुलाकर मॉनिटरिंग करेंगे.

कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए छोटे बच्चों का वजन उनकी माता के साथ ही किया जाएगा. चिन्हित बच्चों के लिए अगले 3 महीने में एक सी सैम मॉड्यूल तैयार कर लेंगे. ये एक रियल टाइम मॉनिटरिंग एप्लीकेशन है, जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रियल टाइम में एंट्री कर पाएंगी. इस एप्लीकेशन में बच्चों की सारी जानकारी, उनके स्वास्थ्य की जानकारी होगी. 30 सितंबर तक हमारे पास सारी जानकारी उपलब्ध होगी. उसके बाद हमें ये पता चल जाएगा कि इन तीन-चार महीनों में किस क्षेत्र में क्या नुकसान हुआ है. इस आधार पर हम उन क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान देंगे, जहां सेवा को पहुंचाने में नुकसान हुआ है.

80 लाख हितग्राहियों को दिया जा रहा पूरक पोषण आहार

मध्य प्रदेश में इस समय संचालित 453 बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 84,465 आंगनबाड़ी केंद्र और 12,670 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार योजना चलाई जा रही है. इन आंगनबाड़ियों में लगभग 80 लाख हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार से लाभान्वित किया जा रहा है.

Nutrition Diet Routine Chart
पोषण आहार की दिनचर्या का चार्ट

आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था के लिए खर्च की जाने वाली राशि से 50% की राशि भारत सरकार महिला एवं बाल विकास उपलब्ध करवाता है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण करीब 30% से भी कम हितग्राहियों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है, जिसे लेकर अब महिला एवं बाल विकास विभाग क्रियान्वयन की नई योजनाओं को बनाने में जुटा हुआ है.

Last Updated : Sep 7, 2020, 5:46 PM IST
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