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पूर्व बागी मलखान सिंह ने कृषि कानून को बताया सही, कहा- किसानों को उकसाया जा रहा

चंबल घाटी में दद्दा के नाम से पहचाने जाने वाले डाकू मलखान सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा लाए कृषि कानून को सही बताया है. उन्होंने कहा कि यह कानून किसानों के हित में है. मलखान सिंह ने कहा कि किसानों को भड़काया जा रहा है.

Malkhan Singh
मलखान सिंह
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Published : Dec 17, 2020, 2:21 PM IST

भोपाल। पूर्व बागी मलखान सिंह जिन्हें चंबल घाटी में दद्दा के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने किसान कानून के बारे में ईटीवी से बात करते हुए कहा कि यह जो किसान आंदोलन है यह भड़काने वाली बातें हैं. किसानों को प्रधानमंत्री और शिवराज सिंह ने काफी अच्छी मदद की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह हमेशा किसानों के विषय में खरे उतरे हैं.

मलखान सिंह ने कहा कि यह किसान आंदोलन आग लगाने वाली बातें हैं. किसान नहीं बौखला रहा बल्कि उसे उकसाया जा रहा है. अभी जो कुछ हो रहा है. वह उकसाने वाली बातें हो रही हैं. हम मध्यप्रदेश को जानते हैं, यहां का किसान कहीं कुछ आंदोलन नहीं कर रहा. किसान तो अपनी खेती-किसानी कर रहा है. उन्होंने कहा कि अभी फसलें नष्ट हुई, यह एक अलग बात है, उसका मुआवजा भी दिया जाएगा. उसे शिवराज सरकार देगी. शिवराज किसान के विषय में खरे उतरे हैं और हमेशा किसानों की मदद करते हैं.

पूर्व डाकू मलखान सिंह

अन्याय के खिलाफ जो होगा उसके खिलाफ लड़ता रहूंगा

वहीं जब मलखान सिंह से सपा, कांग्रेस के बाद अब बीजेपी में रहने का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं अन्याय के खिलाफ ही बागी बना था. अभी भी अन्याय के खिलाफ हूं,उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी से कुछ नहीं मांगा. ना पेट्रोल पंप की मांग की मैं हमेशा अन्याय के खिलाफ खड़ा रहा हूं, जो अन्याय करेगा उसके साथ नहीं रहूंगा, चाहे वह कोई भी दल हो. अगर पार्टी अन्याय करेगी तो छोड़ दूंगा. बहन-बेटी और किसान के साथ अन्याय होगा तो वहां भी अन्याय के खिलाफ खड़ा रहूंगा. एक क्रांतिकारी के रूप में अन्याय के खिलाफ हमने 100 बीघा जमीन लगाई. वहीं से समर्पण किया. राम जानकी के नाम से तो मैं हमेशा अन्याय के खिलाफ रहा हूं.

कौन है मलखान सिंह

बता दें मध्य प्रदेश के बीहड़ों में आतंक मचाने वाले डाकू मलखान सिंह ने साल 1981 में आत्मसमर्पण किया था. तब प्रदेश में अर्जुन सिंह की सरकार थी. चंबल के लोग मलखान सिंह को दद्दा कहकर बुलाते थे. मलखान सिंह ने कहा था कि वे अन्याय के खिलाफ बागी बने थे, उन्होंने हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. मलखान सिंह मध्य प्रदेश की करैरा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. वहीं साल 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव के दौरान भिंड की अटेर सीट पर प्रत्याशी रहे अरविंद भदौरिया के समर्थन में मलखान सिंह ने अटेर में प्रचार करते नजर आए थे. हालांकि इसके बाद वे उपचुनाव में नजर नहीं आए.

भोपाल। पूर्व बागी मलखान सिंह जिन्हें चंबल घाटी में दद्दा के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने किसान कानून के बारे में ईटीवी से बात करते हुए कहा कि यह जो किसान आंदोलन है यह भड़काने वाली बातें हैं. किसानों को प्रधानमंत्री और शिवराज सिंह ने काफी अच्छी मदद की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह हमेशा किसानों के विषय में खरे उतरे हैं.

मलखान सिंह ने कहा कि यह किसान आंदोलन आग लगाने वाली बातें हैं. किसान नहीं बौखला रहा बल्कि उसे उकसाया जा रहा है. अभी जो कुछ हो रहा है. वह उकसाने वाली बातें हो रही हैं. हम मध्यप्रदेश को जानते हैं, यहां का किसान कहीं कुछ आंदोलन नहीं कर रहा. किसान तो अपनी खेती-किसानी कर रहा है. उन्होंने कहा कि अभी फसलें नष्ट हुई, यह एक अलग बात है, उसका मुआवजा भी दिया जाएगा. उसे शिवराज सरकार देगी. शिवराज किसान के विषय में खरे उतरे हैं और हमेशा किसानों की मदद करते हैं.

पूर्व डाकू मलखान सिंह

अन्याय के खिलाफ जो होगा उसके खिलाफ लड़ता रहूंगा

वहीं जब मलखान सिंह से सपा, कांग्रेस के बाद अब बीजेपी में रहने का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं अन्याय के खिलाफ ही बागी बना था. अभी भी अन्याय के खिलाफ हूं,उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी से कुछ नहीं मांगा. ना पेट्रोल पंप की मांग की मैं हमेशा अन्याय के खिलाफ खड़ा रहा हूं, जो अन्याय करेगा उसके साथ नहीं रहूंगा, चाहे वह कोई भी दल हो. अगर पार्टी अन्याय करेगी तो छोड़ दूंगा. बहन-बेटी और किसान के साथ अन्याय होगा तो वहां भी अन्याय के खिलाफ खड़ा रहूंगा. एक क्रांतिकारी के रूप में अन्याय के खिलाफ हमने 100 बीघा जमीन लगाई. वहीं से समर्पण किया. राम जानकी के नाम से तो मैं हमेशा अन्याय के खिलाफ रहा हूं.

कौन है मलखान सिंह

बता दें मध्य प्रदेश के बीहड़ों में आतंक मचाने वाले डाकू मलखान सिंह ने साल 1981 में आत्मसमर्पण किया था. तब प्रदेश में अर्जुन सिंह की सरकार थी. चंबल के लोग मलखान सिंह को दद्दा कहकर बुलाते थे. मलखान सिंह ने कहा था कि वे अन्याय के खिलाफ बागी बने थे, उन्होंने हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. मलखान सिंह मध्य प्रदेश की करैरा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. वहीं साल 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव के दौरान भिंड की अटेर सीट पर प्रत्याशी रहे अरविंद भदौरिया के समर्थन में मलखान सिंह ने अटेर में प्रचार करते नजर आए थे. हालांकि इसके बाद वे उपचुनाव में नजर नहीं आए.

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