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निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव की मौत, कोरोना से थे संक्रमित

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Published : Apr 15, 2021, 10:49 PM IST

मध्य प्रदेश के चित्रकूट से हरिद्वार महाकुंभ में शामिल होने आए 65 वर्षीय महामंडलेश्वर कपिल देव की देहरादून के निजी चिकित्सालय में मौत हो गई. अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि महामंडलेश्वर कपिल देव को 3 दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था.

महामंडलेश्वर कपिल देव की मौत
महामंडलेश्वर कपिल देव की मौत

देहरादून/हरिद्वार: मध्य प्रदेश के चित्रकूट से हरिद्वार महाकुंभ में शामिल होने आए 65 वर्षीय महामंडलेश्वर कपिल देव की देहरादून के निजी चिकित्सालय में मौत हो गई. अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि महामंडलेश्वर कपिल देव को 3 दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्हें किडनी फेल और बुखार की समस्या थी. उनकी मौत की पुष्टि कैलाश अस्पताल के डायरेक्टर पवन शर्मा ने की है.

गौर हो कि निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव कोरोना संक्रमित मिले थे. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि महामंडलेश्वर को किडनी फेलियर और बुखार की शिकायत थी, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन 13 तारीख को महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मौत हो गई है.

ये भी पढ़ें: IIT रुड़की के क्वारंटाइन सेंटर में छात्र की मौत, RT-PCR रिपोर्ट थी नेगेटिव

बता दें कि महामंडलेश्वर कपिल देव मध्य प्रदेश के चित्रकूट के रहने वाले थे. कपिल देव निर्माणी अखाड़े के महामंडलेश्वर थे. वहीं, देश-प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए चिकित्सकों ने लोगों से कोरोना के प्रति लापरवाही न बरतने की अपील की है.

महंत नरेंद्र गिरी भी अस्पताल में भर्ती

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है. बीते दिनों ही नरेंद्र गिरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद वो आश्रम में ही आइसोलेट थे. तबीयत में सुधार न होने के कारण डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया था. फिलहाल महंत नरेंद्र गिरी की हालत स्थिर है. बता दें कि बीते 11 अप्रैल को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उससे पहले स्वास्थ्य बिगड़ने के चलते नरेंद्र गिरि महाराज को हरिद्वार के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज किया गया. उस समय जब उनका कोरोना टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. कुछ ही दिनों पहले उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. मोहन भागवत भी कोरोना पॉजिटिव हैं.

पढ़ें- कोरोना संक्रमित नरेंद्र गिरी एम्स ऋषिकेश में भर्ती, डॉक्टरों ने बताया स्टेबल

उत्तराखंड में तेज हो रहा कोरोना का कहर

गौर हो कि उत्तराखंड में कोरोना बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है. कोरोना के नए मामले उत्तराखंड में रोज रिकॉर्ड बना रहे हैं. गुरुवार को उत्तराखंड में कोरोना के 2220 नए केस सामने आए हैं. वहीं कोरोना संक्रमित 9 मरीजों की मौत हुई हैं. प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 12,484 तक पहुंच गई है. प्रदेश में कोरोना का कुल आंकड़ा 1,16,244 है. वहीं कोरोना के प्रदेश में अभी तक 1,802 लोगों की मौत हो चुकी है.

वहीं, हरिद्वार महाकुंभ में पिछले छह दिनों (10 से 15 अप्रैल) में 2780 कोरोना संक्रमित पाये गए हैं. उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार,

  • 10 अप्रैल को कोरोना के 254 मामले
  • 11 अप्रैल को कोरोना के 386 मामले
  • 12 अप्रैल को कोरोना के 408 मामले
  • 13 अप्रैल को कोरोना के 594 मामले
  • 14 अप्रैल को कोरोना के 525 मामले
  • 15 अप्रैल को कोरोना के 613 मामले सामने आए हैं.

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना मामलों के बढ़ते मामलों के बीच बयान दिया था कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले की तुलना निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से नहीं की जानी चाहिए जो बंद जगह में हुआ था और उसमें देश के बाहर के लोगों ने भी शिरकत की थी. हरिद्वार कुंभ और निजामुद्दीन मरकज के बीच अन्य अंतर बताते हुए रावत ने यह भी कहा था कि कुंभ में आ रहे श्रद्धालु बाहर के नहीं बल्कि अपने ही हैं. इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि जब मरकज हुआ था तब कोरोना के बारे में कोई जागरुकता नहीं थी और ना हीं कोई दिशा-निर्देश थे.

देहरादून/हरिद्वार: मध्य प्रदेश के चित्रकूट से हरिद्वार महाकुंभ में शामिल होने आए 65 वर्षीय महामंडलेश्वर कपिल देव की देहरादून के निजी चिकित्सालय में मौत हो गई. अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि महामंडलेश्वर कपिल देव को 3 दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्हें किडनी फेल और बुखार की समस्या थी. उनकी मौत की पुष्टि कैलाश अस्पताल के डायरेक्टर पवन शर्मा ने की है.

गौर हो कि निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव कोरोना संक्रमित मिले थे. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि महामंडलेश्वर को किडनी फेलियर और बुखार की शिकायत थी, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन 13 तारीख को महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मौत हो गई है.

ये भी पढ़ें: IIT रुड़की के क्वारंटाइन सेंटर में छात्र की मौत, RT-PCR रिपोर्ट थी नेगेटिव

बता दें कि महामंडलेश्वर कपिल देव मध्य प्रदेश के चित्रकूट के रहने वाले थे. कपिल देव निर्माणी अखाड़े के महामंडलेश्वर थे. वहीं, देश-प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए चिकित्सकों ने लोगों से कोरोना के प्रति लापरवाही न बरतने की अपील की है.

महंत नरेंद्र गिरी भी अस्पताल में भर्ती

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है. बीते दिनों ही नरेंद्र गिरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद वो आश्रम में ही आइसोलेट थे. तबीयत में सुधार न होने के कारण डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया था. फिलहाल महंत नरेंद्र गिरी की हालत स्थिर है. बता दें कि बीते 11 अप्रैल को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उससे पहले स्वास्थ्य बिगड़ने के चलते नरेंद्र गिरि महाराज को हरिद्वार के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज किया गया. उस समय जब उनका कोरोना टेस्ट किया गया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. कुछ ही दिनों पहले उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी. मोहन भागवत भी कोरोना पॉजिटिव हैं.

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उत्तराखंड में तेज हो रहा कोरोना का कहर

गौर हो कि उत्तराखंड में कोरोना बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है. कोरोना के नए मामले उत्तराखंड में रोज रिकॉर्ड बना रहे हैं. गुरुवार को उत्तराखंड में कोरोना के 2220 नए केस सामने आए हैं. वहीं कोरोना संक्रमित 9 मरीजों की मौत हुई हैं. प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या 12,484 तक पहुंच गई है. प्रदेश में कोरोना का कुल आंकड़ा 1,16,244 है. वहीं कोरोना के प्रदेश में अभी तक 1,802 लोगों की मौत हो चुकी है.

वहीं, हरिद्वार महाकुंभ में पिछले छह दिनों (10 से 15 अप्रैल) में 2780 कोरोना संक्रमित पाये गए हैं. उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार,

  • 10 अप्रैल को कोरोना के 254 मामले
  • 11 अप्रैल को कोरोना के 386 मामले
  • 12 अप्रैल को कोरोना के 408 मामले
  • 13 अप्रैल को कोरोना के 594 मामले
  • 14 अप्रैल को कोरोना के 525 मामले
  • 15 अप्रैल को कोरोना के 613 मामले सामने आए हैं.

इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना मामलों के बढ़ते मामलों के बीच बयान दिया था कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले की तुलना निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम से नहीं की जानी चाहिए जो बंद जगह में हुआ था और उसमें देश के बाहर के लोगों ने भी शिरकत की थी. हरिद्वार कुंभ और निजामुद्दीन मरकज के बीच अन्य अंतर बताते हुए रावत ने यह भी कहा था कि कुंभ में आ रहे श्रद्धालु बाहर के नहीं बल्कि अपने ही हैं. इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि जब मरकज हुआ था तब कोरोना के बारे में कोई जागरुकता नहीं थी और ना हीं कोई दिशा-निर्देश थे.

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