ETV Bharat / state

स्वतंत्रता दिवस पर मीसा बंदियों को मध्यप्रदेश सरकार ने किया नजरअंदाज

मध्यप्रदेश सरकार ने इस बार स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले कार्यक्रम में मीसाबंदियों को नहीं बुलाया, जिसे लेकर मीसा बंदियों ने नाराजगी जताई है. मीसाबंदियों ने आरोप लगाया है कि सरकार उन्हे जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है.

स्वतंत्रता दिवस पर मीसा बंदियों को मध्यप्रदेश सरकार ने किया नजरअंदाज
author img

By

Published : Aug 14, 2019, 10:00 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पुराने तौर-तरीके बदलने को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं. यही वजह है कि सरकार के फैसले आए दिन विवादों से घिरे रहते हैं. हर साल15 अगस्त को स्वत्रंत्रता संग्राम सेनानी और मीसा बंदियों को शासकीय कार्यक्रम में बुलाया जाता था, लेकिन इस बार सरकार ने मीसा बंदियों को सरकारी में कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया. जिसे लेकर मीसा बंदियो में नाराजगी जताई है.

स्वतंत्रता दिवस पर मीसा बंदियों को मध्यप्रदेश सरकार ने किया नजरअंदाज
मीसाबंदी संघ के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक का कहना है कि सरकार मीसा बंदियो का अपमान कर रही है. क्योकि मीसा बंदी, भाजपा, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य संस्थाओं से जुड़े हैं, इसलिए सरकार जानबूझकर ऐसा बर्ताव कर रही है. उन्होने कहा कि सरकार ने इसके पहले भी हमारी पेंशन बन्द कर दी थी, फिर विरोध करने पर सरकार ने मीसा बंदियो की पेंशन दोबारा शुरू कर दी थी. यह सरकार फैसले बदलने वाली सरकार है हम सरकार के इस फैसले विरोध करते है.मध्यप्रदेश में जब से कांग्रेस सरकार आई है, भाजपा सरकार में शुरू किए गए नियमों और योजनाओं को बदलने में लगी है या फिर उन्हें बन्द करने की कोशिश में है. इसी कड़ी में मीसाबंदीयों को स्वतंत्रता कार्यक्रम में न बुलाने का फैसला लिया है.

भोपाल। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार पुराने तौर-तरीके बदलने को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं. यही वजह है कि सरकार के फैसले आए दिन विवादों से घिरे रहते हैं. हर साल15 अगस्त को स्वत्रंत्रता संग्राम सेनानी और मीसा बंदियों को शासकीय कार्यक्रम में बुलाया जाता था, लेकिन इस बार सरकार ने मीसा बंदियों को सरकारी में कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया. जिसे लेकर मीसा बंदियो में नाराजगी जताई है.

स्वतंत्रता दिवस पर मीसा बंदियों को मध्यप्रदेश सरकार ने किया नजरअंदाज
मीसाबंदी संघ के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक का कहना है कि सरकार मीसा बंदियो का अपमान कर रही है. क्योकि मीसा बंदी, भाजपा, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य संस्थाओं से जुड़े हैं, इसलिए सरकार जानबूझकर ऐसा बर्ताव कर रही है. उन्होने कहा कि सरकार ने इसके पहले भी हमारी पेंशन बन्द कर दी थी, फिर विरोध करने पर सरकार ने मीसा बंदियो की पेंशन दोबारा शुरू कर दी थी. यह सरकार फैसले बदलने वाली सरकार है हम सरकार के इस फैसले विरोध करते है.मध्यप्रदेश में जब से कांग्रेस सरकार आई है, भाजपा सरकार में शुरू किए गए नियमों और योजनाओं को बदलने में लगी है या फिर उन्हें बन्द करने की कोशिश में है. इसी कड़ी में मीसाबंदीयों को स्वतंत्रता कार्यक्रम में न बुलाने का फैसला लिया है.
Intro:कांग्रेस सरकार पुराने सिस्टम और तौर तरीके बदलने की तरफ आगे बढ़ रही है। और यही वजह है सरकार फैसले विवादों में रहते है। प्रदेश में 15 अगस्त को स्वत्रंत्रता संग्राम सेनानी और मीसा बंदियों को शासकीय कार्यक्रम में बुलाया जाता था, लेकिन इस बार सरकार ने मीसा बंदियों को सरकारी में कार्यक्रम में आमंत्रित नही किया। जिसको लेकर मीसा बंदियो में नाराजगी है, मीसा बंदी संघ के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक का कहना है कि, सरकार मीसा बंदियो का अपमान कर रही है। क्योकि मीसा बंदी,bjp, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद ,के साथ अन्य संस्थाओं से जुड़े है, इसलिए सरकार जानबूझकर , इस तरह का बर्ताव कर रही है।


Body:प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक का कहना है कि सरकार इस तरह से प्रदेश के हजारों मीसा बंदियो का अपमान कर रही है। सरकार ने इसके पहले भी हमारी पेंशन बन्द कर दी थी, और फिर विरोध करने पर सरकार ने मीसा बंदियो की पेंशन दोबारा शुरू कर दी थी। यानी सरकार ने अपना फैसला बदल दिया,यानी ये सरकार फैसला बदलने वाली है । और हम सरकार के इस फैसले विरोध करते है।


Conclusion:आपको बता दे कांग्रेस सराकर उन नियमों और योजनाओं को बदलने में लगी है ,जो bjp सरकार ने शुरू की थी, कमलनाथ सरकार या उन्हें बन्द करने की कोशिश में है ,या कुछ संसोधन कर दोबारा चला रही है। अब देखना यह है कि शासकीय कार्यक्रम खासतौर पर 15 अगस्त और 26 जनवरी पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मान किया जाता था लेकिन अब सिर्फ स्वतन्त्रता संग्राम सेनानीयो को बुलाया गया है।

बाइट- तपन भौमिक, प्रदेश अध्यक्ष, मीसा बन्दी,।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.