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परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को दान में मिली 50 एकड़ जमीन, उठने लगे सवाल...विपक्ष ने बताया गोलमाल

मध्य प्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind singh rajput) को उनके साले ने करीब 50 एकड़ जमीन दान की है. (MP Minister brother in law donated 50 acres land) इसके बाद पूर्व भाजपा नेता राजकुमार धनोरा ने मंत्री गोविंद सिंह पर आरोप लगाया कि मंत्री ने पहले अपने साले के नाम पर जमीन खरीदी थी. फिर दान पत्र लिखवा लिया. इसकी शिकायत उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की है.

MP Cm Shivraj Singh And Govind Singh Rajput
गोविंद सिंह राजपूत को दान मिली जमीन
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Published : Dec 21, 2022, 3:38 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को 58 साल की उम्र में ससुराल से दान में 50 एकड़ से ज्यादा जमीन मिली है. सागर भोपाल रोड पर भापेल गांव में कल्पना सिंघई से 2021 में उनके साले हिमाचल सिंह और करतार सिंह ने करोड़ों की ये जमीन खरीदी और अगले ही साल अपने जीजा यानी मंत्री जी और उनके परिवार को दान कर दी. जमीन दान करने के बाद यह मामला लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.

कहां से आया इतना पैसा: जानकारी के मुताबिक, साल 2021 में सागर से करीब 12 किलोमीटर दूर गांव में हिमाचल सिंह राजपूत और उनके भाई करतार सिंह राजपूत ने करीब 50 एकड़ जमीन खरीदी थी. साल 2022 में इस जमीन का दान-पत्र उन्होंने अपने जीजा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, बहन सविता सिंह और भांजे आदित्य सिंह राजपूत के नाम लिख दिया. इस दान की गई जमीन को लेकर पूर्व भाजपा नेता राजकुमार धनोरा ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इनका कहना है कि यह जमीन मंत्री ने अपने सालों के नाम पर खरीदी थी. फिर बाद में दान पत्र लिखवा लिया गया है. गोविंद सिंह ने एक साल में बच्चों के नाम पर लगभग 75 एकड़ जमीन खरीदी है. आखिर इनके पास इतना पैसा कहां से आया. इसकी शिकायत उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की है. दान की गई पूरी जमीन की जांच की जाए.

आरोप पर गोविंद सिंह ने किया पलटवार: पूर्व भाजपा नेता राजकुमार धनोरा के आरोप पर राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत कहा, "अगर किसी से ब्लड का रिलेशन होता है और उसके पास जमीन जायदाद है, तो वह दान पत्र लिख सकता है. यह काम कोई चोरी-छिपे नहीं होता. बाकायदा रजिस्टर्ड होता है. इसके साथ ही कोर्ट भी जाना पड़ता है. हर चीज ऑनलाइन है. आप देख सकते हैं. उनके ससुराल में एक जमाने में 600 से 800 एकड़ तक जमीन हुआ करती थी. आज भी उनके पास 400 से 500 एकड़ जमीन है. इधर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके रिश्तेदार यानि की पत्नी के भाई ने 50 करोड़ रुपए की जमीन दान में दे दी (brother in law gave land to mp transport minister), सरकार ने मंत्रियों को लूट की छूट दे रखी है.

मंत्री को मिला देश में सबसे बड़ा दान: पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में सरकार नहीं सर्कस चल रही है. परिवहन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह राजपूत को 50 करोड़ रुपए दान में मिल गए हैं, यह देश में पहला केस होगा, जिसमें किसी को 50 करोड़ से ज्यादा का दान मिला है. (brother in law gave land to mp transport minister). गोविंद सिंह को 50 करोड़ रुपए कीमत की यह जमीन उनके रिश्तेदार साले ने दी है. इससे साफ है कि शिवराज सरकार ने मंत्रियों को लूट की छूट दे दी है. (jitu patwari statement on mp government).

भाई-भतीजावाद का साम्राज्य: पटवारी ने आरोप लगाया कि भाई भतीजावाद का विरोध करने वाली बीजेपी सरकार में ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के ससुर को कुलपति बना दिया गया. असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में उच्च शिक्षा मंत्री के करीबी रिश्तेदारों की चांदी हो गई है. यह भाई भतीजावाद का विरोध करने वालों को समझ क्यों नहीं आया. मंडी बोर्ड में उच्च षिक्षा विभाग के कर्मचारी को प्रतिनिधि पर भेज दिया गया.

परिवहन मंत्री को दान में मिली 50 करोड़ की जमीन, पूर्व मंत्री बोले सरकार ने दी लूट की छूट

उद्योगों को दी गई जमीन पर उठे सवाल: जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार में आने के पहले कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करने वाली शिवराज सरकार पीएससी के चयनित अभ्यर्थी के मामले में मौन है. आयुष के कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. बिजली के कर्मचारी भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जीतू पटवारी ने इंवेस्टर समिट को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जिन 286 उद्योगों को जमीन दी गई, उससे कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला.

भोपाल। मध्यप्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को 58 साल की उम्र में ससुराल से दान में 50 एकड़ से ज्यादा जमीन मिली है. सागर भोपाल रोड पर भापेल गांव में कल्पना सिंघई से 2021 में उनके साले हिमाचल सिंह और करतार सिंह ने करोड़ों की ये जमीन खरीदी और अगले ही साल अपने जीजा यानी मंत्री जी और उनके परिवार को दान कर दी. जमीन दान करने के बाद यह मामला लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.

कहां से आया इतना पैसा: जानकारी के मुताबिक, साल 2021 में सागर से करीब 12 किलोमीटर दूर गांव में हिमाचल सिंह राजपूत और उनके भाई करतार सिंह राजपूत ने करीब 50 एकड़ जमीन खरीदी थी. साल 2022 में इस जमीन का दान-पत्र उन्होंने अपने जीजा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, बहन सविता सिंह और भांजे आदित्य सिंह राजपूत के नाम लिख दिया. इस दान की गई जमीन को लेकर पूर्व भाजपा नेता राजकुमार धनोरा ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इनका कहना है कि यह जमीन मंत्री ने अपने सालों के नाम पर खरीदी थी. फिर बाद में दान पत्र लिखवा लिया गया है. गोविंद सिंह ने एक साल में बच्चों के नाम पर लगभग 75 एकड़ जमीन खरीदी है. आखिर इनके पास इतना पैसा कहां से आया. इसकी शिकायत उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की है. दान की गई पूरी जमीन की जांच की जाए.

आरोप पर गोविंद सिंह ने किया पलटवार: पूर्व भाजपा नेता राजकुमार धनोरा के आरोप पर राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत कहा, "अगर किसी से ब्लड का रिलेशन होता है और उसके पास जमीन जायदाद है, तो वह दान पत्र लिख सकता है. यह काम कोई चोरी-छिपे नहीं होता. बाकायदा रजिस्टर्ड होता है. इसके साथ ही कोर्ट भी जाना पड़ता है. हर चीज ऑनलाइन है. आप देख सकते हैं. उनके ससुराल में एक जमाने में 600 से 800 एकड़ तक जमीन हुआ करती थी. आज भी उनके पास 400 से 500 एकड़ जमीन है. इधर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके रिश्तेदार यानि की पत्नी के भाई ने 50 करोड़ रुपए की जमीन दान में दे दी (brother in law gave land to mp transport minister), सरकार ने मंत्रियों को लूट की छूट दे रखी है.

मंत्री को मिला देश में सबसे बड़ा दान: पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में सरकार नहीं सर्कस चल रही है. परिवहन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह राजपूत को 50 करोड़ रुपए दान में मिल गए हैं, यह देश में पहला केस होगा, जिसमें किसी को 50 करोड़ से ज्यादा का दान मिला है. (brother in law gave land to mp transport minister). गोविंद सिंह को 50 करोड़ रुपए कीमत की यह जमीन उनके रिश्तेदार साले ने दी है. इससे साफ है कि शिवराज सरकार ने मंत्रियों को लूट की छूट दे दी है. (jitu patwari statement on mp government).

भाई-भतीजावाद का साम्राज्य: पटवारी ने आरोप लगाया कि भाई भतीजावाद का विरोध करने वाली बीजेपी सरकार में ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के ससुर को कुलपति बना दिया गया. असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में उच्च शिक्षा मंत्री के करीबी रिश्तेदारों की चांदी हो गई है. यह भाई भतीजावाद का विरोध करने वालों को समझ क्यों नहीं आया. मंडी बोर्ड में उच्च षिक्षा विभाग के कर्मचारी को प्रतिनिधि पर भेज दिया गया.

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उद्योगों को दी गई जमीन पर उठे सवाल: जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार में आने के पहले कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करने वाली शिवराज सरकार पीएससी के चयनित अभ्यर्थी के मामले में मौन है. आयुष के कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. बिजली के कर्मचारी भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जीतू पटवारी ने इंवेस्टर समिट को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जिन 286 उद्योगों को जमीन दी गई, उससे कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला.

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