ग्वालियर: शहर में जापानी बुखार यानी जापानी इंसेफेलाइटिस ने दस्तक दे दी है. बीते दिन जापानी बुखार से पीड़ित एक लड़की अस्पताल में पहुंची थी. हालांकि इलाज के बाद अब वह स्वस्थ होकर अपने घर जा चुकी है. वहीं, इस बुखार से प्रभावित लोगों की संख्या में कोई इजाफा नहीं हुआ है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है.
गोरखपुर और नेपाल में मिलते हैं इसके मरीज
इस मामले को लेकर गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने कहा "उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और नेपाल बॉर्डर के पास बड़ी संख्या में इस बीमारी से प्रभावित लोग मिलते हैं. किशोरी की कोई ट्रैवल हिस्ट्री हो सकता रही हो, जिससे वह इस वायरस से प्रभावित हो गई हो. लोगों को मच्छरों से अपना बचाव करना चाहिए."
डॉक्टरों की सतत निगरानी में हुआ इलाज
ग्वालियर के सागर ताल के पास बनी सरकारी मल्टी में रहने वाली 14 साल की किशोरी जापानी बुखार (जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस) की शिकार हुई थी. किशोरी को उल्टी की समस्या, सिर दर्द और तेज बुखार के लक्षण होने पर ग्वालियर के हजार बिस्तर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. किशोरी की जब जांच की गई तो जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण की पुष्टि हुई. डॉक्टरों की सतत निगरानी में किशोरी की इलाज की गई.
हाथों ने काम करना बंद कर दिया था
किशोरी के परिजन ने बताया कि "जब किशोरी को तेज बुखार उल्टी की शिकायत हुई तब तत्काल घर के पास नजदीक में डॉक्टर को दिखाया गया था. डॉक्टर के द्वारा दवा देने की बावजूद भी जब उसमें कोई फायदा नहीं दिखा. किशोरी की हालत बिगड़ने लगी, हाथों ने काम करना बंद कर दिया और वह कोमा में चली गई. इसके बाद उसे जयारोग्य हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर के द्वारा जब उसके ब्लड सैंपल की जांच की गई, तो उसमें इंसेफेलाइटिस पुष्टि हुई."
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मच्छरों के काटने से फैलता है जापानी बुखार
जानकारों की मानें तो यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से नहीं फैलता है. जब भी कोई व्यक्ति इंसेफेलाइटिस का शिकार होता है, तब उसे थकान, सिर दर्द, बुखार, उल्टी के लक्षण दिखाई देते हैं. मच्छरों के काटने से यह बीमारी फैलती है. इस बीमारी में समय पर इलाज नहीं होने पर मस्तिष्क में सूजन हो सकता है. इसलिए जैसे ही ऐसे लक्षण दिखें तो तत्काल डॉक्टर के संपर्क में आना चाहिए.