ETV Bharat / state

MP रिटायर्ड कर्मचारियों को बड़ी राहत देने की तैयारी, पेंशन व ग्रेच्युटी को लेकर होने वाला है ये बड़ा फैसला - पेनल्टी के प्रावधान भी

रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पेंशन राशि और ग्रेच्युटी के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं (Preparation big relief to employees) लगाने होंगे. मध्य प्रदेश कर्मचारी आयोग (Madhya Pradesh Staff Commission) द्वारा सिविल सर्विस पेंशन नियम 1976 में संशोधन के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. कर्मचारी आयोग की इस पहल का कर्मचारी संगठनों ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि बाकी स्थिति तब स्पष्ट होगी, जब कैबिनेट का फैसला हो जाएगा.

Madhya Pradesh Staff Commission
MP रिटायर्ड कर्मचारियों को बड़ी राहत देने की तैयारी
author img

By

Published : Nov 28, 2022, 6:05 PM IST

भोपाल। 2019 में गठित किए गए मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 11 दिसंबर को खत्म होने जा रहा है. माना जा रहा है कि इसके पहले नया ड्राफ्ट शासन के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. मध्य प्रदेश सिविल सर्विस नियम 1976 में बदलाव का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसका फाइनल रिव्यू 30 नवंबर को किया जाएगा. ड्राफ्ट में कई प्रावधान किए गए हैं. मसलन, सरकारी कर्मचारी- अधिकारी के रिटायर होने के तत्काल बाद उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी मिलने लगेगी.इसके लिए संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

पेनाल्टी के प्रावधान भी : तय समय सीमा से देरी होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ पेनाल्टी के प्रावधान भी किए जा रहे हैं. अधिकारी -कर्मचारी यदि लापता है या सेवा के दौरान उसका निधन हो चुका है तो ऐसे आवेदन तुरंत मंजूर किए जाएंगे. सर्विस बुक में यदि जन्म तिथि की गड़बड़ी है या नियुक्ति संबंधी कोई गड़बड़ी है तो उसे रिटायरमेंट के पहले ही ठीक किया जाएगा. इसी तरह यदि कर्मचारी अधिकारी पर कोई पेनाल्टी या वसूली शेष है तो उसे भी रिटायरमेंट के पहले पूरा कराया जाएगा.

पेंशन संबंधी काम होगा ऑनलाइन : सर्विस बुक यदि अधूरी पाई गई तो संबंधित व्यक्ति की जवाबदेही तय की जाएगी. अभी तक पेंशन संबंधी काम मैनुअली किए जा रहे हैं लेकिन अब यह पूरा सिस्टम ऑनलाइन किया जाएगा. कल्याणी दिव्यांग या तलाकशुदा का नाम पेंशन सूची में कैसे जुड़ें, इसको लेकर विचार किया जाएगा. मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष जीपी सिंघल का कहना है कि नए नियम केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार ही होंगे. हालांकि कुछ नियमों को लेकर अभी कंफ्यूजन है, लेकिन इसे जल्द होने वाली बैठक में निपटा लिया जाएगा. नियमों को जल्दी ही मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा.

जो पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करेगा, वही मध्य प्रदेश में राज करेगा- संयुक्त कर्मचारी संगठन

कर्मचारी संगठन बोले -लंबे समय से की जा रही थी मांग : कर्मचारी संगठनों के मुताबिक संगठनों द्वारा लंबे समय से पेंशन नियमों में सुधार को लेकर मांग की जा रही थी. अभी स्थिति यह है कि कर्मचारी अधिकारी के रिटायर्ड होने के बाद उन्हें महीनों पेंशन और ग्रेच्युटी के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने होते हैं. कई बार जानबूझकर फाइलों को लटकाया जाता है. इसको लेकर शासन से लगातार मांग की जा रही थी कि नियमों में सुधार किया जाए ताकि सालों सरकार की सेवा करने वाले कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद परेशान ना होना पड़े. कर्मचारी अधिकारी कर्मचारी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष जितेन सिंह के मुताबिक स्थिति काफी कुछ तब स्पष्ट होगी, जब शासन इसे मंजूरी देगा.

भोपाल। 2019 में गठित किए गए मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग का कार्यकाल 11 दिसंबर को खत्म होने जा रहा है. माना जा रहा है कि इसके पहले नया ड्राफ्ट शासन के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. मध्य प्रदेश सिविल सर्विस नियम 1976 में बदलाव का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसका फाइनल रिव्यू 30 नवंबर को किया जाएगा. ड्राफ्ट में कई प्रावधान किए गए हैं. मसलन, सरकारी कर्मचारी- अधिकारी के रिटायर होने के तत्काल बाद उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी मिलने लगेगी.इसके लिए संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

पेनाल्टी के प्रावधान भी : तय समय सीमा से देरी होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ पेनाल्टी के प्रावधान भी किए जा रहे हैं. अधिकारी -कर्मचारी यदि लापता है या सेवा के दौरान उसका निधन हो चुका है तो ऐसे आवेदन तुरंत मंजूर किए जाएंगे. सर्विस बुक में यदि जन्म तिथि की गड़बड़ी है या नियुक्ति संबंधी कोई गड़बड़ी है तो उसे रिटायरमेंट के पहले ही ठीक किया जाएगा. इसी तरह यदि कर्मचारी अधिकारी पर कोई पेनाल्टी या वसूली शेष है तो उसे भी रिटायरमेंट के पहले पूरा कराया जाएगा.

पेंशन संबंधी काम होगा ऑनलाइन : सर्विस बुक यदि अधूरी पाई गई तो संबंधित व्यक्ति की जवाबदेही तय की जाएगी. अभी तक पेंशन संबंधी काम मैनुअली किए जा रहे हैं लेकिन अब यह पूरा सिस्टम ऑनलाइन किया जाएगा. कल्याणी दिव्यांग या तलाकशुदा का नाम पेंशन सूची में कैसे जुड़ें, इसको लेकर विचार किया जाएगा. मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष जीपी सिंघल का कहना है कि नए नियम केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार ही होंगे. हालांकि कुछ नियमों को लेकर अभी कंफ्यूजन है, लेकिन इसे जल्द होने वाली बैठक में निपटा लिया जाएगा. नियमों को जल्दी ही मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा.

जो पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करेगा, वही मध्य प्रदेश में राज करेगा- संयुक्त कर्मचारी संगठन

कर्मचारी संगठन बोले -लंबे समय से की जा रही थी मांग : कर्मचारी संगठनों के मुताबिक संगठनों द्वारा लंबे समय से पेंशन नियमों में सुधार को लेकर मांग की जा रही थी. अभी स्थिति यह है कि कर्मचारी अधिकारी के रिटायर्ड होने के बाद उन्हें महीनों पेंशन और ग्रेच्युटी के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने होते हैं. कई बार जानबूझकर फाइलों को लटकाया जाता है. इसको लेकर शासन से लगातार मांग की जा रही थी कि नियमों में सुधार किया जाए ताकि सालों सरकार की सेवा करने वाले कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद परेशान ना होना पड़े. कर्मचारी अधिकारी कर्मचारी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष जितेन सिंह के मुताबिक स्थिति काफी कुछ तब स्पष्ट होगी, जब शासन इसे मंजूरी देगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.