भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक मामला लगातार उठ रहा है. एक ओर माध्यमिक शिक्षा मंडल संबंधित के ऊपर एफआईआरदर्ज करा रही है. वहीं दूसरी ओर एनएसयूआई ने मंडल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि, लगातार पेपर लीक के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में मंडल द्वारा इस मामले में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. 4 तारीख को जब पहली बार इस तरह की शिकायत आई थी. अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है.
अधिकारियों पर आरोप: एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि, इस मामले में माध्यमिक शिक्षा मंडल के कर्मचारी अधिकारियों की भी मिलीभगत का अंदाजा लगाया जा रहा है, क्योंकि बिना उनकी मिलीभगत के ऐसा संभव नहीं है. मंडल बार-बार इस मामले में कह रहा है कि पेपर लीक की घटनाएं की पूरी जांच कराई जा रही है. लेकिन अभी भी इसमें माध्यमिक शिक्षा मंडल के ही कई कर्मचारी अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है. जिस वजह से यह पूरा मामला आगे चलकर दबा दिया जाएगा. इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
कमेटी का गठन: आपको बता दें कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जहां भी पेपर लिक की घटनाएं हुई हैं उस जगह पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. अभी कुछ दिन पहले ही टेलीग्राम के माध्यम से भी पेपर लीक की घटना सामने आई थी, उसके बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इसमें छह सदस्य कमेटी का गठन किया है. जो इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
शोसल मीडिया में वायरल हुआ था पेपर: 6 मार्च को भिंड जिले में भी हायर सेकेंडरी का भौतिक शास्त्र का पेपर हुआ था. यहां भी यूट्यूब पर वायरल होने की खबर सामने आई थी. जो बाद में कई ग्रुपों पर व्हाट्सएप पर वायरल भी की गई थी. इस खबर को फैलाने पर भी मंडल के जिला शिक्षा अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराई थी. वहीं सोशल मीडिया पर लगातार इस तरह के पेपर लीक हो रहे हैं.
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कमेटी जांच कर रही जांच: इधर माध्यमिक शिक्षा मंडल इस मामले में कमेटी गठित होने की बात कह रहा है. मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मालवीय का कहना है कि, इस मामले में कमेटी जांच कर रही है, लेकिन उनका छात्रों से यही कहना है कि सोशल मीडिया और ऐसे एपों के माध्यम से जो पेपर लीक होने संबंधी जानकारी आ रही है. यह भ्रामित जानकारियां हैं. इनसे छात्रों को दूर रहकर ही परीक्षा की तैयारी करना चाहिए.