भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की अलग-अलग जेलों से पैरोल पर छोड़े गए कैदियों (Prisoners Parole) की मियाद बढ़ाई गई है. वहीं चर्चा है कि दुष्कर्म के आरोप में सजा काट रहे आरोपियों को भी राज्य सरकार पैरोल पर छोड़ने की तैयारी में है. इस पर कांग्रेस (Congress) ने सवाल उठाए हैं और सरकार पर हमला बोला है.
इस फैसले पर रोक लगनी चाहिए - कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, यह जानकारी सामने आई है कि प्रदेश में आजीवन कारावास (lifetime imprisonment) की सजा काट रहे करीब 400 दुष्कर्मियों को शिवराज सरकार कोरोना के नाम पर पैरोल (Prisoners Parole) पर छोड़ने की तैयारी कर रही है. इसमें से 100 के करीब तो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के दोषी हैं. यह फैसला बेहद निंदनीय है. कमल नाथ ने आगे कहा कि जब प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर तकरीबन समाप्ति की कगार पर है, तो ऐसे में इस निर्णय पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. प्रदेश पहले से ही दुष्कर्म के मामलों में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है और इस निर्णय से पीड़ित परिवारों में भी असंतोष है. सरकार तत्काल इस निर्णय पर रोक लगाए.
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शिवराज पर भड़के अरुण यादव
कांग्रेस (Congress) के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी इस निर्णय पर चिंता जताते हुए कहा, शिवराज जी आपका चरित्र ही समझ से परे है, आखिरकार आप चाहते क्या हैं - एक तरफ आप कांग्रेस के सहयोग के बाद वर्ष - 2011 मे बलात्कारियों के खिलाफ फांसी का अध्यादेश लाए. दूसरी तरफ अब आपकी सरकार उम्रकैद काट रहे दुष्कर्मियों को पैरोल पर छोड़ने की पैरोकार हो गई. किस हद तक, कितना गिरेंगे आप ? यही तो अंतर है मामा और कंस में.