भोपाल। एमपी के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. कांग्रेस ने उनके लगातार सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने सवाल करते हुए कहा कि कोरोना पॉजिटिव होने से पहले प्रभुराम चौधरी सांची विधानसभा के देहगांव समेत अन्य जगहों पर हुए कार्यक्रमों में मुनियन के साथ थे. सांची जनपद के अध्यक्ष एस मुनियन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, इसके बाद नियमानुसार प्रभुराम चौधरी को क्वॉरेंटाइन होना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपना सैंपल देने के बाद भी सार्वजनिक कार्यक्रम करते रहे, जिसके बाद वे कोरोना संक्रमित हो गए.
कांग्रेस का आरोप है कि जानते-बूझते अगर एक स्वास्थ्य मंत्री जो स्वयं डॉक्टर भी है, आपराधिक लापरवाही करता है उसे पद पर रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल प्रभुराम चौधरी को बर्खास्त करने की मांग की है. मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जो प्रशासनिक अधिकारी इस संक्रमण के दौरान मुनियन एवं प्रभुराम चौधरी के साथ इन कार्यक्रमों में शामिल थे, वो भी क्वॉरेंटाइन होने की बजाय कोरोना कैरियर बनकर घूम रहे हैं.
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि 20 अगस्त के बाद प्रभु राम चौधरी ने 23 अगस्त को उनकी खुद की रिपोर्ट आने तक सांची, रायसेन, गैरतगंज में लगातार दौरा कार्यक्रम किए. दौरा कार्यक्रमों में साथ रहे अधिकारी प्रभुराम की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी खुद को क्वॉरेंटाइन करने से बच रहे हैं, आज भी वो कार्यालयों में बैठ रहे हैं.
कांग्रेस का आरोप है कि लगातार आगाह करने के बाद भी प्रभुराम चौधरी कार्यक्रमों में आम जनता और कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाते रहे, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का कतई पालन नहीं हुआ है. इन कार्यक्रमों में कलेक्टर एसपी समेत तमाम अधिकारी भी शामिल होते रहे और सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन होते देखते रहे. आज भी मौन रहकर ऐसे लापरवाह अधिकारियों को क्वॉरेंटाइन होने हेतु निर्देशित ना करने का समर्थन दे रहे हैं. कांग्रेस ने कहा है कि अगर जानबूझकर कोरोना फैलाने के इस कार्यक्रम को नहीं रोका गया और मंत्री को नहीं हटाया गया तो महामहिम राज्यपाल को इस संबंध में ज्ञापन सौंपेंगे.