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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने किया अजीत जोगी के काम को याद, दी श्रद्धांजलि

जोगी के निधन पर छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश की राजनीति में भी गमगीन माहौल है, सभी नेता उन्हें याद कर रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी.

mp BJP paid tribute to Ajit Jogi
बीजेपी ने दी अजीत जोगी को श्रद्धांजलि
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Published : May 29, 2020, 9:14 PM IST

भोपाल। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी. बीजेपी अध्यक्ष ने उनके कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि अजीत जोगी अपनी एक अलग कार्यशैली के लिए जाने जाते थे और मध्यप्रदेश में भी कलेक्टर के तौर पर उनका कार्यकाल बेहद सराहनीय रहा.

पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे अजीत जोगी के निधन के बाद मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के सभी नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अजीत जोगी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों क्षेत्रों में अपनी एक अलग छवि बनाई थी, इसके साथ ही मंत्री तुलसी सिलावट ने अजीत जोगी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए, जोगी के इंदौर कलेक्टर रहते हुए किए गए कामों को याद किया.

बीजेपी ने दी अजीत जोगी को श्रद्धांजलि

आपको बता दें कि अजीत जोगी आईएएस अधिकारी थे और मध्यप्रदेश में कलेक्टर भी रहे हैं, इसके बाद छत्तीसगढ़ विभाजित हुआ और बतौर छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के नाम पर अजीत जोगी का नाम इतिहास में दर्ज है. पिछले लंबे समय से अजीत जोगी बीमार चल रहे थे और उसके पहले वे व्हील चेयर से ही अपनी राजनीतिक यात्रा का सफर कर रहे थे.

दिमाग में सूजन आने की वजह से जोगी कोमा में चले गए थे. गंगा इमली का बीच उनके गले में फंस गया था, जिसकी वजह से उनकी सांस रुक गई थी. निजी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम जोगी का इलाज कर रही थी लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था. उनके बेटे अमित जोगी ने भी कहा था कि उनके पिता को दवाओं से ज्यादा दुआओं की जरूरत है. अजीत जोगी को ऑडियो थेरेपी भी दी गई थी लेकिन कोई असर नहीं हुआ. अस्पताल में बेटे अमित के अलावा पत्नी रेणु जोगी उनका लगातार ख्याल रख रही थीं. डॉक्टरों ने भी अजीत जोगी को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन छत्तीसगढ़ की सियायत का ये सितारा छोड़कर चला गया.

जोगी के सफर पर एक नजर-

अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 को हुआ था. 1968 में उन्होंने स्वर्ण पदक के साथ मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की.1974 में अजीत जोगी भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए.1974 से 1986 तक मध्य प्रदेश के सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर जिलों में जोगी ने प्रशासनिक सेवाएं दी थी.1986 में अजीत जोगी ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य बनकर राजनीतिक करियर की शुरुआत की.1987 में जोगी को जनरल-सेक्रेटरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, मध्य प्रदेश के रूप में भी नियुक्त किया गया था.इसी बीच उन्होंने 1997 से 1999 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल के साथ-साथ AICC के मुख्य प्रवक्ता के रूप में काम किया.नवंबर 2000 को नवगठित राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के रूप में इन्होंने शपथ ली थी.

भोपाल। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी. बीजेपी अध्यक्ष ने उनके कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि अजीत जोगी अपनी एक अलग कार्यशैली के लिए जाने जाते थे और मध्यप्रदेश में भी कलेक्टर के तौर पर उनका कार्यकाल बेहद सराहनीय रहा.

पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे अजीत जोगी के निधन के बाद मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ के सभी नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अजीत जोगी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों क्षेत्रों में अपनी एक अलग छवि बनाई थी, इसके साथ ही मंत्री तुलसी सिलावट ने अजीत जोगी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए, जोगी के इंदौर कलेक्टर रहते हुए किए गए कामों को याद किया.

बीजेपी ने दी अजीत जोगी को श्रद्धांजलि

आपको बता दें कि अजीत जोगी आईएएस अधिकारी थे और मध्यप्रदेश में कलेक्टर भी रहे हैं, इसके बाद छत्तीसगढ़ विभाजित हुआ और बतौर छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के नाम पर अजीत जोगी का नाम इतिहास में दर्ज है. पिछले लंबे समय से अजीत जोगी बीमार चल रहे थे और उसके पहले वे व्हील चेयर से ही अपनी राजनीतिक यात्रा का सफर कर रहे थे.

दिमाग में सूजन आने की वजह से जोगी कोमा में चले गए थे. गंगा इमली का बीच उनके गले में फंस गया था, जिसकी वजह से उनकी सांस रुक गई थी. निजी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम जोगी का इलाज कर रही थी लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था. उनके बेटे अमित जोगी ने भी कहा था कि उनके पिता को दवाओं से ज्यादा दुआओं की जरूरत है. अजीत जोगी को ऑडियो थेरेपी भी दी गई थी लेकिन कोई असर नहीं हुआ. अस्पताल में बेटे अमित के अलावा पत्नी रेणु जोगी उनका लगातार ख्याल रख रही थीं. डॉक्टरों ने भी अजीत जोगी को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन छत्तीसगढ़ की सियायत का ये सितारा छोड़कर चला गया.

जोगी के सफर पर एक नजर-

अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल 1946 को हुआ था. 1968 में उन्होंने स्वर्ण पदक के साथ मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की.1974 में अजीत जोगी भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए.1974 से 1986 तक मध्य प्रदेश के सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर जिलों में जोगी ने प्रशासनिक सेवाएं दी थी.1986 में अजीत जोगी ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य बनकर राजनीतिक करियर की शुरुआत की.1987 में जोगी को जनरल-सेक्रेटरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, मध्य प्रदेश के रूप में भी नियुक्त किया गया था.इसी बीच उन्होंने 1997 से 1999 तक मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस संसदीय दल के साथ-साथ AICC के मुख्य प्रवक्ता के रूप में काम किया.नवंबर 2000 को नवगठित राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री के रूप में इन्होंने शपथ ली थी.

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