देहरादूनः भारतीय सैन्य अकादमी में यूं तो हर एक हीरे को तराश कर उसे मोती बना दिया जाता है. अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद जब यह मोती अपने मां बाप से मिलते हैं तो वह क्षण ही कुछ अलग होता है. अवनेश के लिए भी यह पल अकल्पनीय था. मध्य प्रदेश के एक नटखट लेकिन होनहार बेटे को सैन्य अफसर के रूप में देखकर हर कोई खुश था. इस बीच अवनेश ने जेब से कुछ निकाला और हर कोई वहां भावुक हो गया.
पीपिंग सेरिमनी के बाद हर कोई अपने लाल को बधाई दे रहा था. कोई गले मिलकर तो कोई मिठाई खिलाकर इस खुशी का इजहार कर रहा था. इसी में एक मध्य प्रदेश का अवनेश भी था, जो अब लेफ्टिनेंट अवनेश हो चुका था. अवनेश के माता-पिता उससे बात कर रहे थे और अपनी खुशी का इजहार भी कर रहे थे. अवनेश की माता ने बताया कि अधिकारी बनने वाला ये बचपन मे बहुत शैतान था.
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वह बताती हैं कि अवनेश की शैतानी इतनी ज्यादा थी कि वो कंट्रोल से बाहर था. लेकिन उसने एक ऐसा रास्ता चुना जो अनुशासन का था, जो देश सेवा का था. अवनेश कहते हैं कि भारतीय सेना में अफसर बनना उनका सपना था, लेकिन उनसे पहले यह सपना उनके पिता ने देखा था. उनके पिता जो मध्य प्रदेश में रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर हैं.
अवनेश ने कहा कि उन्होंने जीवन में खूब मस्ती की और कई फिल्में भी देखी. लेकिन जो मूवमेंट वह जी रहे हैं. ऐसा कोई सीन किसी फिल्म में नहीं देखा. इस खुशी के माहौल में अवनेश अपनी जेब से आईएमए की तरफ से दिया गया एक बैच निकालते हैं और अपने पिता की छाती पर लगाकर उनका सीना और भी चौड़ा कर देते हैं. उनके ऐसा करते ही उनके पिता भी काफी भावुक हो जाते हैं.