भोपाल। मध्यप्रदेश के रेस्तरां और बार पर कोरोना का खासा असर हुआ है. प्रदेश में 40 फीसदी बार बंद हो चुके हैं तो कई बंद होने के कगार पर हैं. राजधानी भोपाल में भी कई बार संचालकों ने बार शॉप के बिजनेस से अपने हाथ खींच लिए हैं. अकेले राजधानी भोपाल के 52 होटल, रेस्तरां- बार में से 14 बार बंद हो चुके हैं, जबकि पूरे प्रदेश में कोरोना काल में पिछले डेढ़ साल के दौरान 40 फ़ीसदी बार बंद हो गए हैं. इसका सबसे बड़ा कारण रहा कोरोना जिसके चलते लोगों ने होटल ,रिसॉर्ट, रेस्तरां और क्लब से दूरियां बना लीं इसका असर कारोबार पर पड़ा है. एक आंकड़े के मुताबिक मार्च 2020 के बाद से भोपाल सहित प्रदेश भर में एक तिहाई बार संचालकों ने अपने बार लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है. जिसकी वजह है कोरोना की तीसरी लहर के आने का डर.
सरकार लाइसेंस फीस घटाए तो बर्बाद होने से बच सकते हैं बार
भोपाल होटल एंड रेस्टॉरेंट इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष तेजपाल सिंह पाली का कहना है कि कोरोना इफ़ेक्ट के चलते व्यापारी त्रस्त हैं, माल की उपलब्धता नहीं है, सरकार मिनिमम गारंटी के साथ ही साल भर की फीस ले लेती है. यही वजह है कि 14 बार बंद हो चुके हैं. पाली मांग करते हैं कि रेस्टॉरेंट और बार व्यवसाय को बर्बाद होने से बचाने के लिए सरकार को अपनी नीतियों का सरलीकरण करना चाहिए, लाइसेंस फीस में कमी करनी चाहिए. बार बंद होने से व्यापारी को ही नहीं सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है.
कारोबारी नहीं करा रहे लाइसेंस का रिन्यूअल
- साल 2019-20 में भोपाल में 65 होटल- बार संचालित हो रहे थे जो 2020-21 में घटकर 52 रह गए हैं.
- आज की स्थिति में भोपाल में केवल 38 बार ही संचालित हो रहे हैं.
- प्रदेश भर में अब तक 1055 बार लाइसेंस दिए गए हैं.
- पिछले साल 123 रेस्तरां ने लाइसेंस लिए गए थे जो कि अब घटकर 114 पर आ गए हैं.
- होटल- बार के लाइसेंस की संख्या भी 158 से घटकर 120 पर और रिसोर्ट बार लाइसेंस 27 से कम होकर 22 पर आ गए हैं.
सरकार का तर्क सरल हुई लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया
बार और रेस्टॉरेंट इंडस्ट्री को आ रही परेशानियों को लेकर आबकारी आयुक्त राजीव दुबे का कहना है कि
हमने बार और रेस्टॉरेंट के लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल कर दिया है. दूसरे नियमों को भी सरल बनाया जा रहा है. आगे की स्थिति व्यापारियों के ऊपर निर्भर करती है. व्यापारी व्यापार करना चाहेंगे तो करेंगे, हम किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते.
राजीव दुबे ,आबकारी आयुक्त
हर साल बढ़ रहे हैं शराब के रेट, कम हुआ मार्जिन
बार कारोबारियों का कहना है कि बार बिजनेस की बर्बादी का कारण सरकार की नीतियां और बढ़ती लाइसेंस फीस तो ही इसके अलावा सबसे बड़ा कारण है शराब के रेट का हर साल बढ़ना. बार कारोबारियों ने बताया कि रेट बढ़ रहे हैं लेकिन उनका मार्जिन घट रहा है लेकिन बार खर्चा जस का तस बना हुआ है. कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से कारोबार 50 फ़ीसदी तक सिमट गया है.
बना हुआ है कोरोना की तीसरी लहर का डर
बार कारोबारियों का कहना है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में लगे लॉकडाउन की वजह से ऐसे कारोबारी जो किराए की जगह पर बार संचालित कर रहे थे वे अपना किराया तक जमा नहीं कर पाए हैं. कोरोना की तीसरी लहर का डर भी बना हुआ है इसलिए कई कारोबारियों ने अभी तक अपना लाइसेंस रिन्यूअल भी नहीं कराया है. इसके अलावा हुक्का बार, लाउंज, ढाबे और अन्य जगहों पर अवैध शराब बिकने से लोग अब बार नहीं आ रहे हैं. ऐसी हालत में बार और रेस्टॉरेंट कारोबारी सरकार से नियमों को सरल किए जाने की गुहार लगा रहे हैं.