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मकर संक्रांति पर भगवान राम ने की थी पतंग उड़ाने की शुरुआत, जानें क्या है कहानी - श्री राम ने उड़ाई पतंग

मकर संक्रांति पर बाजार में रंग-बिरंगी पतंगे देखने को मिलती हैं. सभी लोग इस दिन पतंग उड़ाने (kite flying in mp)का आनंद लेते हैं. क्या आप जानते हैं कि मकर संक्रांति पर भगवान श्री राम ने भी पतंग उड़ाई थी.

shree ram flying kite
भगवान राम ने उड़ाई पतंग
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Published : Jan 15, 2022, 6:00 AM IST

भोपाल। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति त्योहार का विशेष महत्व है. इस दिन पूजा-पाठ के अलावा पतंग भी उड़ाई जाती है. मकर संक्रांति पर बाजार में रंग-बिरंगी पतंगे देखने को मिलती हैं. सभी लोग इस दिन पतंग उड़ाने (kite flying in mp)का आनंद लेते हैं. क्या आप जानते हैं कि मकर संक्रांति पर भगवान श्री राम ने भी पतंग उड़ाई थी.

बालकांड में है पतंग उड़ाने का जिक्र
प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ 'रामचरित मानस' के बालकांड में इस बात का उल्लेख (shree ram flying kite) मिलता है कि प्रभु श्रीराम ने अपने तीनों भाइयों के साथ पतंग उड़ाई थी. बालकांड में एक चौपाई का जिक्र है-

'राम इक दिन चंग उड़ाई।
इन्द्रलोक में पहुंची जाई।।'

अर्थात, श्रीराम अपने भाइयों और मित्रों के साथ पतंग उड़ाने (lord ram story of flying kite) लगे. पतंग उड़ते-उड़ते देवलोक तक जा पहुंची. इसको लेकर एक बड़ा ही रोचक प्रसंग है कि पंपापुर से हनुमानजी को बुलवाया गया था. तब हनुमानजी बालरूप में थे. जब वे आए, तब 'मकर संक्रांति' का पर्व था. तब भगवान राम ने पतंग उड़ाई. यह पतंग इंद्र लोक तक पहुंच गई. उस पतंग को देखकर इंद्र के पुत्र जयंत की पत्नी बहुत आकर्षित हो गई.

मकर सक्रांति पर यहां लगा है पारंपरिक बाजार, मोदी से लेकर वैक्सीन वाली पतंगों की डिमांड

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व (religious importance of kite flying) हैं. धार्मिक महत्व की बात करें तो इसका संबंध भगवान राम से बताया जाता है. वहीं वैज्ञानिक कारण की बात करें तो पतंग उड़ाने का संबंध स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. पतंग उड़ाने से कई व्यायाम एकसाथ हो जाते हैं. सर्दियों की सुबह पतंग उड़ाने की शरीर को ऊर्जा मिलती है.

भोपाल। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति त्योहार का विशेष महत्व है. इस दिन पूजा-पाठ के अलावा पतंग भी उड़ाई जाती है. मकर संक्रांति पर बाजार में रंग-बिरंगी पतंगे देखने को मिलती हैं. सभी लोग इस दिन पतंग उड़ाने (kite flying in mp)का आनंद लेते हैं. क्या आप जानते हैं कि मकर संक्रांति पर भगवान श्री राम ने भी पतंग उड़ाई थी.

बालकांड में है पतंग उड़ाने का जिक्र
प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ 'रामचरित मानस' के बालकांड में इस बात का उल्लेख (shree ram flying kite) मिलता है कि प्रभु श्रीराम ने अपने तीनों भाइयों के साथ पतंग उड़ाई थी. बालकांड में एक चौपाई का जिक्र है-

'राम इक दिन चंग उड़ाई।
इन्द्रलोक में पहुंची जाई।।'

अर्थात, श्रीराम अपने भाइयों और मित्रों के साथ पतंग उड़ाने (lord ram story of flying kite) लगे. पतंग उड़ते-उड़ते देवलोक तक जा पहुंची. इसको लेकर एक बड़ा ही रोचक प्रसंग है कि पंपापुर से हनुमानजी को बुलवाया गया था. तब हनुमानजी बालरूप में थे. जब वे आए, तब 'मकर संक्रांति' का पर्व था. तब भगवान राम ने पतंग उड़ाई. यह पतंग इंद्र लोक तक पहुंच गई. उस पतंग को देखकर इंद्र के पुत्र जयंत की पत्नी बहुत आकर्षित हो गई.

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मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व (religious importance of kite flying) हैं. धार्मिक महत्व की बात करें तो इसका संबंध भगवान राम से बताया जाता है. वहीं वैज्ञानिक कारण की बात करें तो पतंग उड़ाने का संबंध स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. पतंग उड़ाने से कई व्यायाम एकसाथ हो जाते हैं. सर्दियों की सुबह पतंग उड़ाने की शरीर को ऊर्जा मिलती है.

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