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बाल श्रम और बंधक श्रम से 2020 तक प्रदेश हो जाएगा मुक्त: महेन्द्र सिंह सिसोदिया

राजधानी भोपाल में बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला में श्रम मंत्री ने 2020 तक प्रदेश को बाल श्रम और बंधक श्रम की कुरीतियों से मुक्त करने की बात कही.

Madhya Pradesh Child Labor Eradication Workshop organized
मध्यप्रदेश बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला का किया गया आयोजन
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Published : Nov 26, 2019, 5:38 AM IST

Updated : Nov 26, 2019, 6:33 AM IST

भोपाल। राजधानी के प्रशासन अकादमी में राज्य स्तरीय मध्यप्रदेश बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया शामिल हुए. श्रम मंत्री ने कहा कि जून 2020 तक प्रदेश को बाल श्रम और बंधक श्रम की कुरीतियों से मुक्त करवा दिया जाएगा.

मध्यप्रदेश बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला का किया गया आयोजन

श्रम उन्मूलन कार्यशाला के दौरान प्रदेश में बाल श्रम को लेकर गहन मंथन किया गया. साथ ही प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे बाल श्रम समाप्ति को लेकर कार्यों की भी रूपरेखा प्रस्तुत की गई. श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने वचन पत्र के मुताबिक प्रदेश में बाल श्रम और बंधक श्रम की सामाजिक कुरीति समाप्त करने के वचन को पूरा करने के लिये दृढ़ संकल्पित है. श्रम मंत्री ने बताया कि प्रदेश में हाल ही में 211 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. आगामी 6 महिने में 5 हजार बाल श्रमिकों को मुक्त कराने का लक्ष्य निर्धारित है.

श्रम मंत्री ने अधिकारियों को बाल श्रम और बंधक श्रम की कुरीतियों को खत्म करने के लिए कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए है. उन्होंने कार्य-योजना में हर जिले के लिए निर्धारित लक्ष्य की समय-सीमा में पूर्ति की सुनिश्चित व्यवस्था करने के लिए कहा है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सिर्फ कानून बनाने से बाल श्रम उन्मूलन की समस्या समाप्त नहीं होगी. इसके लिए राज्य सरकार के साथ स्वयंसेवी संगठनों को भी सक्रिय रूप से जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा. उन्होंने बताया कि सीएम कमलनाथ ने बाल श्रम और बंधक मजदूरी को समाप्त करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं.

भोपाल। राजधानी के प्रशासन अकादमी में राज्य स्तरीय मध्यप्रदेश बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया शामिल हुए. श्रम मंत्री ने कहा कि जून 2020 तक प्रदेश को बाल श्रम और बंधक श्रम की कुरीतियों से मुक्त करवा दिया जाएगा.

मध्यप्रदेश बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला का किया गया आयोजन

श्रम उन्मूलन कार्यशाला के दौरान प्रदेश में बाल श्रम को लेकर गहन मंथन किया गया. साथ ही प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे बाल श्रम समाप्ति को लेकर कार्यों की भी रूपरेखा प्रस्तुत की गई. श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने वचन पत्र के मुताबिक प्रदेश में बाल श्रम और बंधक श्रम की सामाजिक कुरीति समाप्त करने के वचन को पूरा करने के लिये दृढ़ संकल्पित है. श्रम मंत्री ने बताया कि प्रदेश में हाल ही में 211 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. आगामी 6 महिने में 5 हजार बाल श्रमिकों को मुक्त कराने का लक्ष्य निर्धारित है.

श्रम मंत्री ने अधिकारियों को बाल श्रम और बंधक श्रम की कुरीतियों को खत्म करने के लिए कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए है. उन्होंने कार्य-योजना में हर जिले के लिए निर्धारित लक्ष्य की समय-सीमा में पूर्ति की सुनिश्चित व्यवस्था करने के लिए कहा है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सिर्फ कानून बनाने से बाल श्रम उन्मूलन की समस्या समाप्त नहीं होगी. इसके लिए राज्य सरकार के साथ स्वयंसेवी संगठनों को भी सक्रिय रूप से जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा. उन्होंने बताया कि सीएम कमलनाथ ने बाल श्रम और बंधक मजदूरी को समाप्त करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं.

Intro:बाल श्रम और बंधक श्रम से 2020 तक प्रदेश हो जाएगा मुक्त = श्रम मंत्री


भोपाल | राजधानी के प्रशासन अकादमी में राज्य-स्तरीय मध्यप्रदेश बाल श्रम उन्मूलन कार्यशाला का आयोजन किया गया . इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया उपस्थित हुए . कार्यशाला के दौरान प्रदेश में बाल श्रम को लेकर गहन मंथन किया गया , साथ ही प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे बाल श्रम समाप्ति को लेकर कार्यों की भी रूपरेखा प्रस्तुत की गई . Body:इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि राज्य सरकार अपने वचन पत्र के मुताबिक प्रदेश में बाल श्रम एवं बंधक श्रम की सामाजिक कुरीति समाप्त करने के वचन को पूरा करने के लिये दृढ़-संकल्पित है. उन्होंने कहा कि जून 2020 तक प्रदेश को बाल श्रम और बंधक श्रम की कुरीतियों से मुक्त करवा दिया जाएगा .

श्रम मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन कुरीतियों को समाप्त करने के लिये कार्य-योजना बनाएं। कार्य-योजना में प्रत्येक जिले के लिये निर्धारित लक्ष्य की समय-सीमा में पूर्ति की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए. उन्होंने बताया कि प्रदेश में हाल ही में 211 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है .आगामी 6 माह में 5 हजार बाल श्रमिकों को मुक्त कराने का लक्ष्य निर्धारित है .Conclusion:श्रम मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सिर्फ कानून बनाने से बाल श्रम उन्मूलन की समस्या समाप्त नहीं होगी. इसके लिये राज्य सरकार के साथ स्वयंसेवी संगठनों को भी सक्रिय रूप से जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा.उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बाल श्रम और बंधक मजदूरी को समाप्त करने के लिये सख्त निर्देश दिए हैं .

प्रमुख सचिव अशोक शाह ने भी कार्यशाला को संबोधित किया. श्रम विभाग द्वारा पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई.इस अवसर पर यूनिसेफ के प्रतिनिधि माईकल जुमा, श्रम आयुक्त आशुतोष अवस्थी तथा विधि-विधायी कार्य, पुलिस, महिला-बाल विकास, श्रम विभाग के सभी जिला अधिकारी और स्वयंसेवी संगठनों के प्रति‍निधि उपस्थित थे .
Last Updated : Nov 26, 2019, 6:33 AM IST
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