भोपाल। CM शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में प्रदेश की राजधानी के विकास को नई राह देने का संकल्प लिया है. सीएम हाउस में बैठक हुई है, जिसमें CM ने 15 दिन के अंदर अधिकारियों को एक्शन प्लान पेश करने के लिए कहा है. अधिकारियों से शहर के विकास का एक्शन प्लान मांगा गया है. CM के निर्देशों के बाद अब अधिकारी रोड मैप बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं.
एक्शन प्लान में जुटे अधिकारी
CM के निर्देशों के बाद अधिकारी प्लान बनाने में जुट गए हैं. भोपाल के लिए विकास की योजना बनाने का काम जारी है. नगरी प्रशासन, PWD विभाग समेत कई विभागों के बीच मंथन हो रहा है. सबसे पहले शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने का प्लान बनाया जा रहा है. हालांकि शहर में अतिक्रमण हटाने में राजनीतिक हस्तक्षेप ज्यादा देखने को मिलता है. इस पर काम करने की सहमति मिलने के बाद ही शहर के विकास की योजना लागू हो पाएगी. इसके अलावा भी भोपाल के विकास के सामने कई समस्याएं हैं.
जानें क्या हैं भोपाल विकास की अड़चनें-
- ट्रैफिक
भोपाल के व्यस्तम काजी कैंप, करोंद, रॉयल मार्केट, भोपाल टॉकीज, बस स्टैंड, पुल-पातरा, छोला, रचना नगर, न्यू मार्केट, इब्राहिमपुरा, इतवारा, एमपी नगर,कोलार, बुधवारा, छावनी की सड़कों के साथ ही भोपाल के मुख्य बाजार न्यू मार्केट, जहांगीराबाद और चौक बाजार में घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है. राजधानी की मुख्य सड़कों के हाल बुरे हैं. सड़के सकरी होने के साथ ही सड़कों पर गड्ढे और ब्रेकरों ने वाहन चालकों को निकलना मुहाल कर दिया है. जिस कारण मिनटों का सफर घंटों में तय होता है.
- फुटपाथ
सड़क किनारे दुकानदार अपने सामान को फैलाकर रखते हैं. दुकानदारों की तिरपाल और शेड सड़कों पर निकले हुए हैं. दुकानदार अपनी गाड़ियों को दुकान के पास खड़ा करते हैं, इसके अलावा जो खरीदार आते हैं वे भी अपनी गाड़ियां सड़क किनारे ही पार्क कर देते हैं. इसके साथ ही हाथ ठेले वाले भी जहां-तहां ठेले और गुमटी लगाकर यातायात को बाधित कर देते हैं. इस दौरान यातायात पुलिस भी मौके से नदारद रहती है, जिस वजह से वाहन घंटों जाम में फंस जाते हैं. गाड़ियों से निकलने वाले धुंए से प्रदूषण फैलता है, जो सेहत के लिए बहुत घातक है.
- अतिक्रमण
भोपाल में 20 हजार से ज्यादा अतिक्रमण चिन्हित हैं. बाणगंगा झुग्गी बस्ती, आरिफ नगर बस्ती, अन्ना नगर बस्ती, भीम नगर बस्ती, ईश्वर नगर बस्ती, अतिक्रमण में शामिल है. शहर मे बड़ी संख्या मे झुग्गी बस्तियों का विस्तार हो चुका है, जिससे शहर का विकास प्रभावित होता रहा है.
- सीवेज
भोपाल में 30 फीसदी से ज्यादा क्षेत्र में उचित सीवेज नेटवर्क नहीं है. नालों का निर्माण के कारण सफाई नहीं हो पाती है. पिछले करीब 800 सालों से 80 फीसदी अलग-अलग जगह के नाले जाम हैं, जिससे गंदगी की स्थिति बनी रहती है, जिस तरफ ध्यान देने की जरूरत है.
- पार्क
भोपाल नगर निगम ने शहर के 65 पार्क के साथ सीपीए के 17 पार्क मौजूद हैं, लेकिन 70 फीसदी पार्क बदहाल हैं. नगर निगम को इनका सौंदर्यीकरण कर दुरुस्त करना चाहिए.
- मीट मार्केट
शहर में मीट चिकन और फिश शॉप का खुले में संचालन पर प्रतिबंध कर अलग कवर्ड मार्केट बनाया जाए. यहां से निकलने वाले वेस्ट का इन्हीं के पास निपटान भी सुनिश्चित हो. खुले में स्लॉटिंग और बिक्री पूरी तरह बंद होनी चाहिए, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा न हो.
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एक्सपर्ट की मदद भी ली जा रही
CM के निर्देश पर अधिकारियों का कहना है कि उनके निर्देश के बाद शहर के विकास को लेकर रोडमैप तैयार कर रहे हैं. इसके लिए उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर एक्सपर्ट की मदद भी ली जा रही है.
एक एजेंसी के जरिए काम
शहर के विकास को लेकर कई एजेंसियां काम करती हैं. सड़क के लिए करीब पांच एजेंसियां काम करती है. मास्टर प्लान में सड़क के लिए तीन एजेंसियां शामिल हैं, स्ट्रीट लाइट के लिए चार एजेंसियां और फुटपाथ भी चार एजेंसियों में बंटा हुआ है. अक्सर देखने को मिलता है कि समन्वय की कमी के कारण योजनाएं पूरी तरह से लागू नहीं हो पाती हैं. ऐसे में एक एजेंसी होनी चाहिए जिसके अंतर्गत ही शहर के विकास के लिए सभी एजेंसी काम करें. ऐसे में सही तरीके से काम हो सकता है.