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भोपाल: केरवा, भदभदा और कलियासोत डैम में शाम 7 बजे के बाद जाने पर लगाया गया प्रतिबंध - भोपाल केरवा डैम 7 बजे बाद बंद

राजधानी भोपाल में मानसून के आने से पहले प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति में राजधानी स्थित केरवा, भदभदा और कलियासोत डैम पर शाम 7 बजे के बाद लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगाते हुए कलेक्टर ने धारा 144 लगा दी है, जिससे संभावित खतरों को रोका जा सकें.

People gather here in the rain
बारिश में लोगों का होता है यहां जमावड़ा
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Published : Jun 25, 2020, 9:42 AM IST

भोपाल। राजधानी में मानसून कुछ ही दिनों में पूरी तरह से सक्रिय होने वाला है, जिसे देखते हुए प्रशासन की ओर से भी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. कलेक्टर अविनाश लावानिया ने आदेश जारी करते हुए ऐसे सभी बांधों पर शाम 7 बजे के बाद लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जहां भारी संख्या में भीड़ इकट्ठी होती है. इसलिए कि मानसून के चलते इन बांधों में समय-समय पर पानी की निकासी की जाती है. इस दृश्य को देखने के लिए राजधानी के कई डैम लोगों की पहली पसंद रहते हैं. लेकिन ऐसी स्थिति में कई बार हादसे भी हो जाते हैं, जिसे दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है.

People gather here in the rain
बारिश में लोगों का होता है यहां जमावड़ा
कलेक्टर सह जिला दंडाधिकारी अविनाश लावनिया द्वारा बारिश में राजधानी क्षेत्र में स्थित केरवा, भदभदा और कलियासोत डैम सहित छोटे-बड़े डैम पर शाम 7 बजे के बाद आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है.

बरसात के दौरान इन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति, डैम का पानी छोड़ने और सुरक्षा संबंधी सावधानियों को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने धारा 144 के अंतर्गत ये आदेश जारी किए हैं. संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है. इसके साथ ही जिले की जल सरंचना के आसपास 100 मीटर के दायरे में जाना प्रतिबंधित किया गया है. यहां तक कि पर्यटन विभाग की अनुमति के बिना निजी नावों का संचालन भी प्रतिबंधित रहेगा.

धारा 144 के उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत की जाएगी कार्रवाई

आदेश में बताया गया है कि डैम से पानी छोड़ने और जलभराव की स्थिति में पर्यटक और आम जनों को इन जगहों से दूर रखा जाए. यह आदेश आज से दो माह तक लागू रहेगा. धारा 144 के अंतर्गत जारी किए गए आदेश के उल्लंघन पर धारा 188 के अंतर्गत दण्डतात्मक कार्रवाई की जाएगी.

जारी आदेश में कलियासोत डैम के पानी के स्तर को नियंत्रित करने के लिए पानी को कलियासोत नदी में गेट के माध्यम से छोड़े जाने के दौरान सुरक्षा संबंधी सावधानियों को बरतने के आदेश दिए हैं.

बारिश के मौसम में राजधानी के ताल-तालाब और नालों में भारी मात्रा में पानी खतरे की सीमा से ऊपर निकलता है. बारिश में बड़ी संख्या में जन समुदाय जलाशयों के आसपास भ्रमण हेतु जाते हैं. इसके बाद वे नहाने और तैराकी करने का कार्य करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है.

हादसों को रोकने के लिए प्रशासन ने उठाया ये कदम

बता दें कि राजधानी में हो रही बारिश के चलते बड़ा तालाब अपने फुल लेवल के करीब पहुंच गया है और बहुत जल्द ही भदभदा डैम के गेट खोले जा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर कलियासोत डैम भी तेजी से भर रहा है. इन क्षेत्रों में पर्यटकों की भीड़ एकत्रित होने लगी है, जो यहां पर देर शाम तक एकत्रित रहते हैं. इन्हीं हादसों को रोकने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाया है.

भोपाल। राजधानी में मानसून कुछ ही दिनों में पूरी तरह से सक्रिय होने वाला है, जिसे देखते हुए प्रशासन की ओर से भी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. कलेक्टर अविनाश लावानिया ने आदेश जारी करते हुए ऐसे सभी बांधों पर शाम 7 बजे के बाद लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जहां भारी संख्या में भीड़ इकट्ठी होती है. इसलिए कि मानसून के चलते इन बांधों में समय-समय पर पानी की निकासी की जाती है. इस दृश्य को देखने के लिए राजधानी के कई डैम लोगों की पहली पसंद रहते हैं. लेकिन ऐसी स्थिति में कई बार हादसे भी हो जाते हैं, जिसे दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है.

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बारिश में लोगों का होता है यहां जमावड़ा
कलेक्टर सह जिला दंडाधिकारी अविनाश लावनिया द्वारा बारिश में राजधानी क्षेत्र में स्थित केरवा, भदभदा और कलियासोत डैम सहित छोटे-बड़े डैम पर शाम 7 बजे के बाद आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है.

बरसात के दौरान इन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति, डैम का पानी छोड़ने और सुरक्षा संबंधी सावधानियों को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने धारा 144 के अंतर्गत ये आदेश जारी किए हैं. संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है. इसके साथ ही जिले की जल सरंचना के आसपास 100 मीटर के दायरे में जाना प्रतिबंधित किया गया है. यहां तक कि पर्यटन विभाग की अनुमति के बिना निजी नावों का संचालन भी प्रतिबंधित रहेगा.

धारा 144 के उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत की जाएगी कार्रवाई

आदेश में बताया गया है कि डैम से पानी छोड़ने और जलभराव की स्थिति में पर्यटक और आम जनों को इन जगहों से दूर रखा जाए. यह आदेश आज से दो माह तक लागू रहेगा. धारा 144 के अंतर्गत जारी किए गए आदेश के उल्लंघन पर धारा 188 के अंतर्गत दण्डतात्मक कार्रवाई की जाएगी.

जारी आदेश में कलियासोत डैम के पानी के स्तर को नियंत्रित करने के लिए पानी को कलियासोत नदी में गेट के माध्यम से छोड़े जाने के दौरान सुरक्षा संबंधी सावधानियों को बरतने के आदेश दिए हैं.

बारिश के मौसम में राजधानी के ताल-तालाब और नालों में भारी मात्रा में पानी खतरे की सीमा से ऊपर निकलता है. बारिश में बड़ी संख्या में जन समुदाय जलाशयों के आसपास भ्रमण हेतु जाते हैं. इसके बाद वे नहाने और तैराकी करने का कार्य करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है.

हादसों को रोकने के लिए प्रशासन ने उठाया ये कदम

बता दें कि राजधानी में हो रही बारिश के चलते बड़ा तालाब अपने फुल लेवल के करीब पहुंच गया है और बहुत जल्द ही भदभदा डैम के गेट खोले जा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर कलियासोत डैम भी तेजी से भर रहा है. इन क्षेत्रों में पर्यटकों की भीड़ एकत्रित होने लगी है, जो यहां पर देर शाम तक एकत्रित रहते हैं. इन्हीं हादसों को रोकने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाया है.

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