भोपाल। पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रदेश की जनता को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि लोकतंत्र और संविधान को मजबूत करने के लिये आज सभी लोगों को एकजुट करना होगा. उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया है कि वे सच्चाई को पहचानें और सच्चाई का साथ देने का संकल्प लें. कमलनाथ ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश की जनता के नाम जारी एक संदेश में यह बात कही है.
कमलनाथ ने कहा कि 17 दिसम्बर 2018 को शपथ और 20 मार्च 2020 को इस्तीफा देने के बीच उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में सिर्फ 15 महीने ही काम करने का समय मिला. इतने अल्प समय में उनकी सरकार ने बड़े फैसले लिए. इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश के 27 लाख किसानों का कर्ज पहले और दूसरे चरण में माफ किया.
तीसरे चरण में 1 जून 2020 से लगभग 5 लाख किसानों की कर्ज माफी का प्रावधान किया. प्रदेश के नौजवानों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए उद्योग जगत का निवेश के लिए विश्वास बनाने का प्रयास किया. मेरा मानना है कि निवेश तभी प्रोत्साहित होता है,जब विश्वास का माहौल हो. निवेश बढ़ने से नौजवानों को रोजगार मिलता हैं और आर्थिक गतिविधियां बढ़ती है.
कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश की एक नई पहचान और प्रोफाइल बने इसके लिए एक नई शुरुआत की. हमारे प्रदेश की पहचान माफिया और मिलावटखोर बन गए थे, इनके खिलाफ मेरी सरकार ने सख्ती से अभियान चलाया.
पंद्रह महीने की अपनी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कमलनाथ ने कहा कि आम उपभोक्ताओं को सौ रुपयों में सौ यूनिट बिजली, किसानों को सिंचाई पंप लगाने और बिजली कनेक्शन की राशि कम करने, कन्या विवाह की राशि बढाकर 51 हजार रुपए करने और बुजुर्गों की पेंशन राशि 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये करने का निर्णय लिया. जिसका लोगों को लाभ भी मिला है.
कमलनाथ ने कहा कि इस अवसर पर कोरोना महामारी के संकट के इस समय में उन कोरोना वारियर्स को सेल्यूट करता हूं, जो अपनी जान जोखिम में डाल प्रदेश की जनता की सेवा व सुरक्षा का दायित्व बखूबी निभा रहे हैं. कोरोना के इस संकट काल में हम प्रदेशवासियों के साथ खड़े हैं.
कमलनाथ ने कहा कि त्याग और कुर्बानी के साथ पूज्य महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश आजाद हुआ. प्रजातंत्र के ढांचे में हमारा संविधान बना. आज इसकी रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है. ताकि आगे-आने वाली पीढ़ियों को हम एक प्रजातान्त्रिक चरित्र सौंप सके.
कमलनाथ ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने जब संविधान बनाया. उन्होंने एक नैतिक एवं सैद्धांतिक राजनीति अपने देश में होगी. उसके अनुसार प्रावधान रखे. आज संविधान कितने खतरे में है, यह चित्र आपके सामने है ? कमलनाथ ने कहा कि हर साल 15 अगस्त हम सभी के लिये एक नयी प्रेरणा और चुनौती लेकर आता है. हमें इस बार लोकतंत्र और संविधान को मजबूत बनाने के लिये एकजुट होकर आगे आना होगा.