भोपाल। प्रदेश में मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए कमलनाथ सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है. मानसून सत्र में सरकार मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधेयक लेकर आएगी. जिसके तहत दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर 3 साल तक की सजा और 25 से 50 हजार तक का जुर्माना लग सकता है.
सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि ये कानून किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का स्पष्ट संदेश है. मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने का जो फैसला किया है वह स्वागत योग्य है. इस फैसले से गोवंश के नाम पर हो रही हत्याओं पर रोक लगेगी.
उनका कहना है कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा. देश के अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए.
दुर्गेश शर्मा ने मॉब लिंचिंग में हुई हत्याओं के आंकड़े पेश किए
⦁ पिछले 5 साल में देश भर में मॉब लिंचिंग की150 घटनाएं हुईं.
⦁ यूपी के दादरी में भीड़ ने गोवंश के नाम पर अखलाक की हत्या सबसे चर्चित रही.
⦁ झारखंड के लातेहार में मजलूम अंसारी और इम्तियाज खान की हत्या के अलावा चार अलग-अलग मामलों में 9 लोगों की हत्या हुई थी.
⦁ अलवर में गो-रक्षकों ने पीट-पीटकर दो शख्स की हत्या कर दी थी. असम में गोवंश के नाम पर दो युवकों की हत्या हुई थी. देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं. जहां गोवंश के नाम पर हत्या हुई है.
दुर्गेश शर्मा ने बीजेपी पर साधा निशाना
दुर्गेश शर्मा का कहना है कि अधिकांश मामलों में बजरंग दल और उससे जुड़े गो-रक्षक समिति सहित अन्य संगठन शामिल हैं, जो धर्म की रक्षा के नाम पर अवैध वसूली भी करते हैं और लोगों की हत्याएं भी करते हैं.
पिछले 15 साल तक प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी, लेकिन हिंसक संगठनों पर रोक लगाने की कोशिश नहीं हुई. जिसके चलते घोर जंगलराज और अन्य जघन्य अपराधों के साथ ही गो-रक्षा के नाम पर भी हिंसक घटनाएं और अवैध वसूली बेखौफ चलती रही, लेकिन अब प्रदेश में जन हितैषी कमलनाथ सरकार बनी है, जो हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है.