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एमपी में हिंसा पर जीरो टॉलरेंस, मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाएगी कमलनाथ सरकार - सरकार मॉब लिंचिंग  के खिलाफ बिल लाएगी

मॉब लिंचिंग के खिलाफ कमलनाथ सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है. जिसके तहत दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर 3 साल तक की सजा हो सकती है. इस फैसले को लेकर कांग्रेस का कहना है कि सरकार हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है.

कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा
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Published : Jun 29, 2019, 9:55 PM IST

भोपाल। प्रदेश में मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए कमलनाथ सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है. मानसून सत्र में सरकार मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधेयक लेकर आएगी. जिसके तहत दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर 3 साल तक की सजा और 25 से 50 हजार तक का जुर्माना लग सकता है.

सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि ये कानून किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का स्पष्ट संदेश है. मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने का जो फैसला किया है वह स्वागत योग्य है. इस फैसले से गोवंश के नाम पर हो रही हत्याओं पर रोक लगेगी.

मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाएगी कमलनाथ सरकार

उनका कहना है कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा. देश के अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए.

दुर्गेश शर्मा ने मॉब लिंचिंग में हुई हत्याओं के आंकड़े पेश किए


⦁ पिछले 5 साल में देश भर में मॉब लिंचिंग की150 घटनाएं हुईं.
⦁ यूपी के दादरी में भीड़ ने गोवंश के नाम पर अखलाक की हत्या सबसे चर्चित रही.
⦁ झारखंड के लातेहार में मजलूम अंसारी और इम्तियाज खान की हत्या के अलावा चार अलग-अलग मामलों में 9 लोगों की हत्या हुई थी.
⦁ अलवर में गो-रक्षकों ने पीट-पीटकर दो शख्स की हत्या कर दी थी. असम में गोवंश के नाम पर दो युवकों की हत्या हुई थी. देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं. जहां गोवंश के नाम पर हत्या हुई है.

दुर्गेश शर्मा ने बीजेपी पर साधा निशाना

दुर्गेश शर्मा का कहना है कि अधिकांश मामलों में बजरंग दल और उससे जुड़े गो-रक्षक समिति सहित अन्य संगठन शामिल हैं, जो धर्म की रक्षा के नाम पर अवैध वसूली भी करते हैं और लोगों की हत्याएं भी करते हैं.
पिछले 15 साल तक प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी, लेकिन हिंसक संगठनों पर रोक लगाने की कोशिश नहीं हुई. जिसके चलते घोर जंगलराज और अन्य जघन्य अपराधों के साथ ही गो-रक्षा के नाम पर भी हिंसक घटनाएं और अवैध वसूली बेखौफ चलती रही, लेकिन अब प्रदेश में जन हितैषी कमलनाथ सरकार बनी है, जो हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है.

भोपाल। प्रदेश में मॉब लिंचिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए कमलनाथ सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है. मानसून सत्र में सरकार मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधेयक लेकर आएगी. जिसके तहत दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर 3 साल तक की सजा और 25 से 50 हजार तक का जुर्माना लग सकता है.

सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि ये कानून किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का स्पष्ट संदेश है. मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने का जो फैसला किया है वह स्वागत योग्य है. इस फैसले से गोवंश के नाम पर हो रही हत्याओं पर रोक लगेगी.

मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाएगी कमलनाथ सरकार

उनका कहना है कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा. देश के अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए.

दुर्गेश शर्मा ने मॉब लिंचिंग में हुई हत्याओं के आंकड़े पेश किए


⦁ पिछले 5 साल में देश भर में मॉब लिंचिंग की150 घटनाएं हुईं.
⦁ यूपी के दादरी में भीड़ ने गोवंश के नाम पर अखलाक की हत्या सबसे चर्चित रही.
⦁ झारखंड के लातेहार में मजलूम अंसारी और इम्तियाज खान की हत्या के अलावा चार अलग-अलग मामलों में 9 लोगों की हत्या हुई थी.
⦁ अलवर में गो-रक्षकों ने पीट-पीटकर दो शख्स की हत्या कर दी थी. असम में गोवंश के नाम पर दो युवकों की हत्या हुई थी. देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं. जहां गोवंश के नाम पर हत्या हुई है.

दुर्गेश शर्मा ने बीजेपी पर साधा निशाना

दुर्गेश शर्मा का कहना है कि अधिकांश मामलों में बजरंग दल और उससे जुड़े गो-रक्षक समिति सहित अन्य संगठन शामिल हैं, जो धर्म की रक्षा के नाम पर अवैध वसूली भी करते हैं और लोगों की हत्याएं भी करते हैं.
पिछले 15 साल तक प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी, लेकिन हिंसक संगठनों पर रोक लगाने की कोशिश नहीं हुई. जिसके चलते घोर जंगलराज और अन्य जघन्य अपराधों के साथ ही गो-रक्षा के नाम पर भी हिंसक घटनाएं और अवैध वसूली बेखौफ चलती रही, लेकिन अब प्रदेश में जन हितैषी कमलनाथ सरकार बनी है, जो हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है.

Intro:भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार आगामी मानसून सत्र में मॉब लिंचिंग के विरुद्ध में कानून बनाने जा रही है। कमलनाथ सरकार के इस फैसले को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस का कहना है कि मॉब लिंचिंग के विरुद्ध कानून बनाने का फैसला लेकर प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अनुकरणीय कदम उठाया है।देश के अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए।कमलनाथ सरकार का यह कानून किसी भी प्रकार की हिंसा के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति का स्पष्ट संदेश है।


Body:मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मॉब लिंचिंग के विरुद्ध कानून बनाने का जो फैसला किया है। वह स्वागत योग्य है, गोवंश के नाम पर हो रही थी बस से हत्याओं को रोकने के लिए कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है और यह कैसा अनुकरणीय उदाहरण बन गया है। जिसका की अन्य राज्यों को भी अनुसरण करना चाहिए। पिछले 5 वर्षों में मॉब लिंचिंग के मामले के देश भर में लगभग 150 घटनाएं सामने आई हैं। उत्तर प्रदेश के दादरी में भीड़ द्वारा की गई अखलाक की निर्मम हत्या का बहुचर्चित मामला हो,झारखंड के लातेहार में मजलूम अंसारी और इम्तियाज खान की हत्या के अलावा चार अलग-अलग मामलों में 9 लोगों की हत्या,अलवर में पहलू खान की हत्या के साथ ही गौ रक्षकों द्वारा की गई उमर खान और रकबर खान की हत्या और असम में गौ रक्षकों द्वारा दो युवकों की हत्या से लेकर अभी हाल ही में झारखंड के बहुचर्चित शम्स तरबेज की भीड़ द्वारा की गई नृशंस हत्याओं तक, देश ने एक ऐसा खौफनाक दौर देखा है जिसमें गाय के नाम पर इंसानो की बलियां ली गई है।


Conclusion:दुर्गेश शर्मा का कहना है कि अधिकांश मामलों में बजरंग दल और उससे जुड़े गौ रक्षक समिति आदि अन्य छद्म संगठनों के लोग ही लिप्त पाए गए हैं और यह भी उजागर हुआ है कि यह लोग धर्म की रक्षा के नाम पर अवैध वसूली में लिप्त थे और पैसा ना मिलने पर यह निर्मम पिटाई और हत्याएं करते थे।किंतु मॉब लिंचिंग के विरुद्ध कानून बन जाने के बाद प्रदेश में गौ रक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों को 6 महीने से लेकर 3 सालों तक जेल की हवा खानी पड़ेगी। मध्यप्रदेश में भी पिछले 15 साल तक भाजपा की सरकार के चलते इन हिंसक संगठनों पर रोक लगाने के लिए तो कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई और घोर जंगलराज के चलते अन्य जघन्य अपराधों के साथ ही गौ रक्षा के नाम पर भी हिंसक घटनाएं और अवैध वसूली बेखौफ चलती रही। किंतु अब जबकि राज्य में कांग्रेस की जन हितेषी का कमलनाथ सरकार बनी है,तब मॉब लिंचिंग के विरुद्ध सख्त कानून बनाने का फैसला लेकर यह सिद्ध कर दिया गया है कि भाजपा के जुमलों के विपरीत कांग्रेस पार्टी है,जिसकी किसी भी हिंसा के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति है और उसका साफ संदेश भी मॉब लिंचिंग के विरुद्ध कानून बनाने के इस फैसले से दे दिया गया है।
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