भोपाल। इंदौर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यहां अब तक 20 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. जिसे सरकार ने पूरी गंभीरता से लेते हुए कुछ सख्त निर्णय लिए हैं. जिसके तहत 30 मार्च से 3 दिनों तक के लिए इंदौर पूरी तरह से लॉकडाउन रहेगा. इस दौरान केवल दवाइयां ही मिल सकेंगी. इस दौरान दूध भी तीन दिन तक नहीं मिलेगा. शिवराज सरकार के इस निर्णय को लेकर कमलनाथ ने सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है.
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शिवराज जी,प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख़्ती से पालन हो,इसमें किसी को गुरेज़ नहीं है लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वो बेहद ही आपत्तिजनक है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 29, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
दूध-दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आती है। @ChouhanShivraj
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">शिवराज जी,प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख़्ती से पालन हो,इसमें किसी को गुरेज़ नहीं है लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वो बेहद ही आपत्तिजनक है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 29, 2020
दूध-दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आती है। @ChouhanShivraj
1/2शिवराज जी,प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख़्ती से पालन हो,इसमें किसी को गुरेज़ नहीं है लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वो बेहद ही आपत्तिजनक है।
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दूध-दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आती है। @ChouhanShivraj
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देश भर में आवश्यक वस्तुओं पर कोई रोक नहीं है।इस निर्णय से उन बच्चों , बुजुर्गों , मरीज़ों का क्या होगा जो दूध पर ही आश्रित है ?
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उन पशु पालकों के बारे में भी सोचे , जो पूर्व से ही दोहरी मार झेल रहे है।
जनहित में इस निर्णय को तत्काल बदला जावे।
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उन पशु पालकों के बारे में भी सोचे , जो पूर्व से ही दोहरी मार झेल रहे है।
जनहित में इस निर्णय को तत्काल बदला जावे।
2/2देश भर में आवश्यक वस्तुओं पर कोई रोक नहीं है।इस निर्णय से उन बच्चों , बुजुर्गों , मरीज़ों का क्या होगा जो दूध पर ही आश्रित है ?
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उन पशु पालकों के बारे में भी सोचे , जो पूर्व से ही दोहरी मार झेल रहे है।
जनहित में इस निर्णय को तत्काल बदला जावे।
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लॉकडाउन करने के निर्णय के साथ ही सड़कों पर ना दो पहिया वाहन चल पाएंगे और ना ही चार पहिया वाहनों को किसी प्रकार की अनुमति दी है. इसके अलावा पेट्रोल पंप सहित किराना सब्जी दूध किसी की भी दुकान नहीं खोली जा सकेंगी. प्रदेश सरकार के इस निर्णय को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि यह निर्णय बेहद आपत्तिजनक है. साथ ही उन्होंने मांग की है कि तत्काल प्रभाव से इस निर्णय को बदला जाए.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि शिवराज जी प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो इसमें किसी को गुरेज नहीं है, लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वह बेहद ही आपत्तिजनक है. दूध, दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आती हैं. देशभर में आवश्यक वस्तुओं पर कोई रोक नहीं है. इस निर्णय से उन बच्चों, बुजुर्गों ,मरीजों का क्या होगा जो दूध पर ही आश्रित है. उन पशुपालकों के बारे में भी सोचे जो पूर्व से ही दोहरी मार झेल रहे हैं. जनहित में इस निर्णय को तत्काल बदला जाए.