भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नौकरशाहों को राज्य में माफिया अभियान के तहत काम करने के लिए कहा है. कमलनाथ ने अधिकारियों को माफिया के वास्तविक अर्थ को समझने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन पूरी तरह से एक अलग मुद्दा है और माफिया का संचालन अलग है
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अफसरों से भी मिलावट के खिलाफ शुद्ध की योजना के बारे में समीक्षा करते हुए ड्रग मिलावट पर ध्यान केंद्रित करने को कहा. उन्होंने मध्य प्रदेश को एक मिलावट मुक्त राज्य बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. सीएम ने सभी विभागों के प्रमुखों से कहा कि वे अपने विभाग की विभिन्न योजनाओं का आंकलन करने के लिए 'समीक्षा प्रकोष्ठ' का गठन करें.
उन्होंने अधिकारियों को अपने विभागों के लिए एक दृष्टि पत्र तैयार करने के लिए भी कहा. अधिकारियों को प्रेरित करते हुए, सीएम ने कहा कि प्रमुख सचिवों को अन्य राज्यों में अपने विभागों के विकास पर नजर रखने की भी आवश्यकता है.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने के लिए पत्राचार पर भरोसा न करें. दृष्टिकोण को बदलने की जरूरत है और अधिकारियों को केंद्रीय अधिकारियों से मिलने की कोशिश करनी चाहिए.
सीएम ने जोर देकर कहा कि अधिकारियों को जनता की भलाई के लिए नियमों को बदलने में संकोच नहीं करना चाहिए. नाथ ने कहा कि सरकार को ई-गवर्नेंस से वी-गवर्नेंस की ओर बढ़ना चाहिए.नौकरशाही के मनोबल को बढ़ाते हुए, नाथ ने कहा कि सरकार में एक साल हो गया है और अधिकारी अब सरकार की दृष्टि से अच्छी तरह से अवगत हैं. अधिकारियों को अब इस दिशा में काम करना शुरू कर देना चाहिए और कल्याणकारी उपायों को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने की कोशिश करनी चाहिए.
ब्रिटिश शासन के दौरान नौकरशाहों का कर्तव्य राज्य के पक्ष में काम करना था, लेकिन लोकतंत्र में अधिकारियों का कर्तव्य जनता के लिए काम करना है. सभी का ध्यान जनता के लिए कल्याणकारी उपायों को देने पर रहेगा और किसी भी अधिकारी को राज्य और जनता की भलाई के लिए नियमों को बदलने में संकोच नहीं करना चाहिए.मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण मिटाना प्राथमिकताओं में से एक है. इसके अलावा प्रदेश के पर्यटन में अत्यधिक संभावनाओं को देखते हुए उसे आगे बढ़ाने के लिए काम करना होगा.
सोच में परिवर्तन लायें, मध्यप्रदेश की प्रोफाइल बदलें.
ई-गवर्नेंस से वी-गवर्नेंस पर जायें.
सरकार की सोच और प्रशासनिक तंत्र के काम करने के तरीकों में अंतर न हो.
सरकार जवाब देह और मित्रवत हो.
हम समय नहीं बदल सकते, लेकिन समय हमें जरूर बदल देगा. इसलिए समय के साथ आगे बढ़ें.
प्रदेश में विश्वास और आत्म-विश्वास का वातावरण बने.
शासन-प्रशासन में सुधार लाना सबसे बड़ी चुनौती.
दूसरों की सफलताओं और असफलताओं से सीख लें.
हर विभाग समीक्षा प्रकोष्ठ और विजन डाक्यूमेंट बनाए.
केन्द्र सरकार में लम्बित योजनाओं को प्राथमिकता से लें.
थोड़े नुकसान के लिए बड़े फायदे की अनदेखी करना ठीक नहीं.
अन्य राज्यों में हो रहे अच्छे कामों का भी अध्ययन करें.
उद्योग क्षेत्र में अविलम्ब त्वरित स्वीकृति देने की व्यवस्था अमल में लायें.
अनुपयोगी जमीन के लोक हित में उपयोग के लिए भूमि प्रबंधन प्राधिकरण गठित होगा.
एक सप्ताह में कर्मचारी आयोग काम करना शुरू करें.
शिक्षा में गुणवत्ता सुधार प्राथमिक शालाओं से करें.
कौशल उन्नयन की सफलता का आकलन करें.
प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयुर्वेदिक डॉक्टर की पद-स्थापना हो.
विभागीय बजट राशि का उपयोग जनवरी, फरवरी, मार्च में करने की प्रवृत्ति से बचें.
नकली दवाई बनाने वाली दवा कम्पनियों के विरूद्ध अभियान चलेगा.
शुद्ध के लिए युद्ध करने की स्थिति बनना अपने आप में अप्रिय.
मध्यप्रदेश को शुद्धता का प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध.
प्रदेश में माफिया का अंत होगा.
सरकार माफिया को बर्दाश्त नहीं करेगी.
कानून का उल्लंघन करने वाले साधारण लोगों को माफिया की दृष्टि से न देखें.
जनजातीय समाज को उनका अधिकार देने के लिए कदम बढ़ाने होंगे.
सबूत होते हुए गरीब लोगों से रिकॉर्ड माँगना और लकीर के फकीर बने रहने की प्रवृत्ति ठीक नहीं.
कुपोषण मिटाना सर्वोच्च प्राथमिकता.
पर्यटन की संभावनाओं को साकार करें.