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सीएम शिवराज के बयान पर कमलनाथ ने कसा तंज, कहा- मंथन से सिर्फ विष ही विष निकला

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिए गए बयान पर पूर्व सीएम ने चुटकी लेते हुए कहा है कि मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं, सिर्फ विष ही विष निकला है. मंथन से निकले विष को तो अब रोज ही पीना पड़ेगा.

Shivraj-Kamal Nath
शिवराज-कमलनाथ
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Published : Jul 1, 2020, 4:06 PM IST

भोपाल। देशभर में कोरोना काल के बीच मध्यप्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी-कांग्रेस के बीच लगातार सियासी बयानबाजी का दौर चल रहा है. दरअसल मध्यप्रदेश की 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है, इसको लेकर भी प्रदेश की दो प्रमुख पार्टियों बीजेपी-कांग्रेस ने कमर कस ली है और ट्वीट के माध्यम से तंज कसने में भी दिग्गज नेता कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

  • मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं , सिर्फ़ विष ही विष निकला है।

    मंथन से निकले विष को तो अब रोज़ ही पीना पढ़ेगा क्योंकि अब तो कल से रोज़ मंथन करना पढ़ेगा।

    अमृत के लिये तो अब तरसना ही तरसना पढ़ेगा।

    इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पढ़ेगा।

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मध्यप्रदेश के पूर्व मुखिया कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ''मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं, सिर्फ विष ही विष निकला है. मंथन से निकले विष को तो अब रोज ही पीना पड़ेगा, क्योंकि अब तो कल से रोज मंथन करना पढ़ेगा. अमृत के लिये तो अब तरसना ही तरसना पढ़ेगा. इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पढ़ेगा''

बता दें कि मध्यप्रदेश में लगातार टल रहे शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐलान कर दिया है कि गुरुवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. वहीं शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बड़ा मंथन हुआ है. मंथन में जो भी अमृत निकलेगा वो सभी में बांटा जाएगा, और जो विष निकलेगा वो मैं खुद पी जाउंगा, जिसको लेकर कमलनाथ ने ट्वीट कर पलटवार किया है.

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की 15 महीने की सरकार को बीजेपी ने वापस वनवास का रास्ता दिखा दिया और 15 साल राज करने वाली पार्टी एक बार फिर सियासी मिजाज में लौट आई है, लेकिन इस मिजाज के बीच एक समझौते की डोर है. जिसे संभाल पाना एक बड़ी चुनौती है.

भोपाल। देशभर में कोरोना काल के बीच मध्यप्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी-कांग्रेस के बीच लगातार सियासी बयानबाजी का दौर चल रहा है. दरअसल मध्यप्रदेश की 24 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है, इसको लेकर भी प्रदेश की दो प्रमुख पार्टियों बीजेपी-कांग्रेस ने कमर कस ली है और ट्वीट के माध्यम से तंज कसने में भी दिग्गज नेता कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

  • मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं , सिर्फ़ विष ही विष निकला है।

    मंथन से निकले विष को तो अब रोज़ ही पीना पढ़ेगा क्योंकि अब तो कल से रोज़ मंथन करना पढ़ेगा।

    अमृत के लिये तो अब तरसना ही तरसना पढ़ेगा।

    इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पढ़ेगा।

    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मध्यप्रदेश के पूर्व मुखिया कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ''मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं, सिर्फ विष ही विष निकला है. मंथन से निकले विष को तो अब रोज ही पीना पड़ेगा, क्योंकि अब तो कल से रोज मंथन करना पढ़ेगा. अमृत के लिये तो अब तरसना ही तरसना पढ़ेगा. इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पढ़ेगा''

बता दें कि मध्यप्रदेश में लगातार टल रहे शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐलान कर दिया है कि गुरुवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. वहीं शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बड़ा मंथन हुआ है. मंथन में जो भी अमृत निकलेगा वो सभी में बांटा जाएगा, और जो विष निकलेगा वो मैं खुद पी जाउंगा, जिसको लेकर कमलनाथ ने ट्वीट कर पलटवार किया है.

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की 15 महीने की सरकार को बीजेपी ने वापस वनवास का रास्ता दिखा दिया और 15 साल राज करने वाली पार्टी एक बार फिर सियासी मिजाज में लौट आई है, लेकिन इस मिजाज के बीच एक समझौते की डोर है. जिसे संभाल पाना एक बड़ी चुनौती है.

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