भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक तलैया स्थित काली माता मंदिर है. मान्यता है कि मां काली यहां से किसी को खाली हाथ नहीं जाने देतीं. यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है. नवरात्रि में यहां भक्तों का जमावड़ा रहता है लेकिन, इस साल कोरोना कर्फ्यू के चलते मंदिर में केवल पुजारी ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं. यहां पर माता दक्षिण काली की मूर्ति की स्थापना की गई है, जबकि मंदिर के गर्भगृह में मां बीजासन की मूर्ति है.
1967 में हुआ था निर्माण
भोपाल के छोटे तालाब के किनारे बने इस सिद्ध मंदिर का निर्माण 1967 में कालिका मंदिर धर्मार्थ न्यास ने किया था. इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि पुराने भोपाल के इतवारा में रहने वाले मूर्तिकार ने इस मूर्ति का निर्माण किया था. इस मंदिर की एक और विशेषता इसका 108 फीट ऊंचा शिखर है. इस शिखर के कारण मंदिर दूर से ही पहचान में आ जाता है. लोग दूर-दूर से मन्नत लेकर काली माता के दरबार में आते हैं.
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कोरोना के कारण श्रद्धालुओं की एंट्री बेन
भोपाल के तलैया स्थित काली माता मंदिर में आम दिनों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन नवरात्रि के दिनों में यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है. वैसे मंदिर दिन में कुछ घंटों के लिए बंद रहता है, लेकिन नवरात्र के आखिरी तीन दिनों में मंदिर पूरे दिन खुला रहता है. इस बार कोरोना कर्फ्यू के चलते आम लोगों की एंट्री मंदिर में बैन है.मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी ने बताया कि इस बार कोरोना से मुक्ति के लिए मंदिर में नवचंडी पाठ भी किया जा रहा है.