भोपाल। कोरोना संकट से जूझती अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार बजट पेश करने वाली है. लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदे हैं. बजट सत्र 29 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू भी हो गया है. सरकार 1 फरवरी को बजट संसद में पेश करेगी. लेकिन इससे पहले राज्यसभा सांसद की एक 6 महीने पुरानी चिट्ठी ने सियासी गलियारों में एक बार फिर शोर मचा दिया है.ये चिट्ठी 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह के नाम लिखी थी. अब ये सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. चिट्टी में मध्यप्रदेश में चल रही तमाम विकास परियोजनाओं के लिए फंड की मांग की गई थी.
सिंधिया के इस तरह से चिट्ठी लिखने के अब कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. इस प्रेशर पॉलिटिक्स के रूप में देखा जा रहा है. सवाल उठ रहा है कि क्या सिंधिया दबाव की राजनीति कर रहे थे...या फिर खुद को प्रदेश की जनता का शुभचिंतक जताने की कोशिश थी.
इससे भी अहम सवाल उठा रहा है कि अब 8 अगस्त 2020 को लिखी चिट्ठी अब सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हो गई है. सिंधिया की चिट्ठी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात से भी जोड़कर देखा जा रहा है. जिसमें मध्यप्रदेश की निर्माणाधीन परियाजनाओं को 31 मार्च तक पूरा करने के लिए राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था. ये मुलाकात 15 जनवरी को हुई थी.
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बजट से पहले खुद भी इस चिट्ठी को ट्वीटर हैंडल से शेयर किया है. उन्होंने लिखा कि '15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह को पत्र लिख कर विभिन्न विकास कार्यों के लिए इस वर्ष बजट में फंड आवंटित करने का अनुरोध किया था. जिसमें चंबल नदी से ग्वालियर और मुरैना में पानी लाने के लिए प्रोजेक्ट,चंदेरी के बुनकरों का विकास, ग्वालियर-शिवपुरी और चंदेरी क्षेत्र के पर्यटन में विकास और बाबा महाकालेश्वर मंदिर का अनुरक्षण है. मुझे आशा है कि 1 फरवरी के बजट में, ग्वालियर चंबल संभाग, उज्जैन, शिवपुरी, मुरैना और ओरछा के लिए इनकी स्वीकृति की सकारात्मक खबर आएगी और भविष्य में इन क्षेत्रों के विकास के नए द्वार खुलेंगे.'
बजट के ठीक पहले सिंधिया की पुरानी चिट्ठी का सामने आना. सिंधिया का ट्वीट करना. इन तमाम घटनाक्रमों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि महाराज अभी भी फ्रंट फुट पर खेलना चाहते हैं.