भोपाल। मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टर्स और सरकार के बीच चली आ रही खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स को सीधे शब्दों में हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि जूनियर डॉक्टर हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करें, जबकि जूनियर डॉक्टर लिखित में आदेश निकलने तक हड़ताल वापस नहीं लेने को लेकर अड़े हुए हैं.
HC के आदेश का पालन करें जूडा
मंत्रालय में 1 घंटे तक चली बैठक के बाद भी जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. बैठक के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने साफ कर दिया कि जूनियर डॉक्टरों को हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा और 24 घंटे की जो समय अवधि दी गई है, उसमें काम पर लौटना होगा. सारंग ने कहा कि क्योंकि हाई कोर्ट का निर्णय अंतिम निर्णय है. विश्वास ने कहा कि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर पहले ही सहमति जताई हुई है, ऐसे में डॉक्टर हठधर्मिता ना करें, मरीजों की आड़ में ब्लैक मेलिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
लिखित आदेश निकाले सरकार
अधिकारियों से जूनियर डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल की बैठक फिर से बेनतीजा रही. बैठक में हड़ताल के समाधान का कोई रास्ता नहीं निकल पाया. स्ट्राइक पर बैठे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वह लगातार अपनी मांगों पर अडिग है. उनका कहना है कि वो सिर्फ और सिर्फ लिखित में आदेश चाहते हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इन्होंने पूरे करोना काल में लगातार मेहनत की है और मानदेय की बढ़ोतरी को लेकर भी पिछले 6 महीने से सरकार से मांग कर रहे हैं. जूनियर डॉक्टर्स का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है इसलिए हड़ताल के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है.
178 जूनियर डॉक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, सरकार से की ये मांग
कार्रवाई के लिए तैयार है डॉक्टर
जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि अगर सरकार कोई एक्शन लेती है, तो यह उस एक्शन के लिए भी हम तैयार हैं. इस्तीफा दे चुके जूनियर डॉक्टर का कहना है कि बीच में सेवाएं छोड़ने पर जो बॉन्ड की राशि बन रही है वह भी वो सरकार को लौटाने को तैयार हैं. जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि पूरे देश के डॉक्टर्स उनके समर्थन में है, ऐसे में हठधर्मिता हम नहीं सरकार कर रही है.