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स्थापना दिवस: तस्वीरों में देखिए 'देश के दिल' का सफर

मध्य प्रदेश का 64वां स्थापना दिवस शुक्रवार यानी 1 नवंबर को मनाया जा रहा है. इसके लिए प्रदेशभर में खास तैयारियां की गई हैं.

मध्यप्रदेश के गठन का सफर
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Published : Nov 1, 2019, 12:09 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश 1 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मना रहा है. 15 अगस्त 1947 के पहले देश में कई छोटी बड़ी रियासतें और देसी राज्य अस्तित्व में थे. आजादी के बाद उन्हें स्वतंत्र भारत में मिलाया गया. साल 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के फलस्वरूप 1 नवंबर 1956 को नए राज्य के रूप में मध्यप्रदेश अस्तित्व में आया था.

मध्यप्रदेश के गठन का सफर

ऐसे चुनी गई थी राजधानी
1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश के गठन के साथ ही इसकी राजधानी और विधानसभा का भी चयन किया गया. राजधानी के रूप में भोपाल को चुना गया. कहा जाता है कि भोपाल को राजधानी बनाए जाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. शंकर दयाल शर्मा भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान और पंडित जवाहरलाल नेहरु की महत्वपूर्ण भूमिका रही. राजधानी के लिए ग्वालियर और इंदौर का नाम भी मजबूत हुआ था, बताया जाता है कि सरदार पटेल की सलाह के बाद भोपाल को राजधानी बनाया गया थी.

मध्य रात्रि को दिलाई गई थीं राज्यपाल
मध्यप्रदेश के गठन के एलान के साथ ही 31 अक्टूबर 1956 की मध्य रात्रि मध्य प्रदेश के पहले राज्यपाल डॉक्टर पट्टाभि सीता रमैया को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एम हिदायतुल्लाह ने अब के मिंटो हॉल और पुराने विधानसभा भवन में शपथ दिलाई.

पहले मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ला की कैबिनेट में थे 22 मंत्री
मध्यप्रदेश की स्थापना के बाद प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर पंडित रविशंकर शुक्ल ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर 1 नवंबर 1956 को शपथ ली थी. मुख्यमंत्री रवि शंकर शुक्ला की कैबिनेट में 22 मंत्री शामिल थे, जिसमें इकलौती महिला मंत्री रानी पद्मावती देवी थीं.

भोपाल। मध्यप्रदेश 1 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मना रहा है. 15 अगस्त 1947 के पहले देश में कई छोटी बड़ी रियासतें और देसी राज्य अस्तित्व में थे. आजादी के बाद उन्हें स्वतंत्र भारत में मिलाया गया. साल 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के फलस्वरूप 1 नवंबर 1956 को नए राज्य के रूप में मध्यप्रदेश अस्तित्व में आया था.

मध्यप्रदेश के गठन का सफर

ऐसे चुनी गई थी राजधानी
1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश के गठन के साथ ही इसकी राजधानी और विधानसभा का भी चयन किया गया. राजधानी के रूप में भोपाल को चुना गया. कहा जाता है कि भोपाल को राजधानी बनाए जाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. शंकर दयाल शर्मा भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान और पंडित जवाहरलाल नेहरु की महत्वपूर्ण भूमिका रही. राजधानी के लिए ग्वालियर और इंदौर का नाम भी मजबूत हुआ था, बताया जाता है कि सरदार पटेल की सलाह के बाद भोपाल को राजधानी बनाया गया थी.

मध्य रात्रि को दिलाई गई थीं राज्यपाल
मध्यप्रदेश के गठन के एलान के साथ ही 31 अक्टूबर 1956 की मध्य रात्रि मध्य प्रदेश के पहले राज्यपाल डॉक्टर पट्टाभि सीता रमैया को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एम हिदायतुल्लाह ने अब के मिंटो हॉल और पुराने विधानसभा भवन में शपथ दिलाई.

पहले मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ला की कैबिनेट में थे 22 मंत्री
मध्यप्रदेश की स्थापना के बाद प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर पंडित रविशंकर शुक्ल ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर 1 नवंबर 1956 को शपथ ली थी. मुख्यमंत्री रवि शंकर शुक्ला की कैबिनेट में 22 मंत्री शामिल थे, जिसमें इकलौती महिला मंत्री रानी पद्मावती देवी थीं.

Intro: भोपाल। 1 नवंबर को मध्यप्रदेश अपना स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। 15 अगस्त 1947 के पहले देश में कई छोटी बड़ी रियासतें और देसी राज्य अस्तित्व में थे। आजादी के बाद उन्हें स्वतंत्र भारत में मिलाने और एकीकृत किया गया। साल 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के फलस्वरूप 1 नवंबर 1956 को नया राज्य मध्य प्रदेश अस्तित्व में आया। मध्य प्रदेश का गठन ग्वालियर और मालवा को शामिल कर बनाए गए मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल को मिलाकर किया गया।


Body:ऐसे चुनी गई भोपाल राजधानी 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश के गठन के साथ ही इसकी राजधानी और विधानसभा का भी चयन किया गया। राजधानी के रूप में भोपाल को चुना गया। कहा जाता है कि भोपाल को राजधानी बनाए जाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ शंकर दयाल शर्मा भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान और पंडित जवाहरलाल नेहरु की महत्वपूर्ण भूमिका रही। राजधानी के लिए ग्वालियर और इंदौर का भी मजबूत हुआ था। बताया जाता है कि सरदार पटेल की सलाह के बाद भोपाल को राजधानी बनाया गया। भोपाल लौटने पर डॉ शंकर दयाल शर्मा का कार्यकर्ताओं ने शानदार स्वागत किया था। मध्य रात्रि को दिलाई गई थीं राज्यपाल को शपथ 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश के गठन के ऐलान के साथ ही 31 अक्टूबर 1956 की मध्य रात्रि मध्य प्रदेश के पहले राज्यपाल डॉक्टर पट्टाभि सीता रमैया को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एम हिदायतुल्लाह ने अब के मिंटो हॉल और पुराना विधानसभा भवन में शपथ दिलाई गई। पहले मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ला की कैबिनेट में थे 22 मंत्री, 1 महिला मंत्री मध्यप्रदेश की स्थापना के बाद प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर पंडित रविशंकर शुक्ल ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर 1 नवंबर 1956 को शपथ ली थी। मुख्यमंत्री रवि शंकर शुक्ला की कैबिनेट में 22 मंत्री शामिल थे जिसमें इकलौती महिला मंत्री रानी पद्मावती देवी थी।


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