भोपाल। पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी में सीधी में हुई बस दुर्घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं. जीतू पटवारी ने कहा है कि घटना के बाद से अब तक सरकार इसकी जिम्मेवारी भी तय नहीं कर पाई. उन्होंने मांग की है कि सरकार को जिम्मेदारी देकर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए, क्योंकि 50 से ज्यादा जाने जानबूझकर ली गई, जो लापरवाही की भेंट चढ़ी है. कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य समर्थक परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के इस्तीफे की मांग की है. वहीं सीधी के सर्किट हाउस में सीएम को मच्छरों के काटने पर वहां के उपयंत्री को सस्पेंड करने पर भी विपक्ष ने मुख्यमंत्री पर तंज कसा है.
सरकार नहीं सर्कस चला रहे शिवराज
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि 'शिवराज सरकार को 1 साल का समय पूरा हो गया है, अभी तक लेकिन सरकार मंत्रियों को जिलों के प्रभार भी नहीं दे सकी है. यदि मंत्रियों के पास प्रभार होते तो परिवहन व्यवस्थाएं इतनी बुरी तरह से चरमराई नहीं होती.' उन्होंने कहा कि 'यह दर्दनाक घटना लापरवाही की वजह से हुई है, इसलिए इस मामले में सरकार को गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए'. उन्होंने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि 'सीधी प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री को मच्छर ने काटा तो एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया लेकिन इतनी बड़ी घटना में अभी तक जिम्मेवारी तय नहीं हो सकी है. लगता है शिवराज सिंह चौहान सरकार नहीं बल्कि सर्कस चला रहे हैं.'
सीधी घटना को लेकर कांग्रेस ने खड़े किए कई सवाल
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने घटना को लेकर सरकार से सवाल किया है कि--
- जब 35 सीटर बस को सिर्फ 70 किलोमीटर तक चलने की अनुमति दी जाती है, तो फिर यह 135 किलोमीटर तक कैसे जा रही थी?
- जब सीधी जाने वाली सड़क पर लगातार जाम था तो फिर इसे खुलवाया क्यों नहीं गया?
- जिस घटना में 50 से ज्यादा लोगों तक की जान चली गई ,सरकार ऐसे मामले में अभी तक जिम्मेवारी तय क्यों नहीं कर सकी?
- उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्घटना को लेकर सरकार चार लाख की आर्थिक मदद देती है, इस घटना में सरकार ने सिर्फ 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद क्यों दी?
इंजीनियर सस्पेंड
गौरतलब है कि सीएम शिवराज के सीधी दौरे के बाद के उन्होंने जिले के सर्किट हाउस में रात में विश्राम किया था, इस दौरान वहां साफ सफाई का अभाव पाया गया और वहां गंदगी के वजह से मच्छर भी थे. सीएम के विश्राम की सूचना वहां के उपयंत्री बाबूलाल गुप्ता के दी गई थी और इसे लेकर इंतजाम की तैयारी भी उन्हें की करने को कहा गया था. ऐसे में अपना काम ठीक ठंग से नहीं करने पर उपयंत्री बाबूलाल गुप्ता को निलंबित कर दिया गया.