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मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में कार्यक्रम, राज्यपाल लालजी टंडन हुए शामिल - महाराज छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय

राजभवन में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के द्वारा शिक्षा के बदलाव में हो रहे नवाचारों के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ राज्यपाल लालजी टंडन ने किया.

Workshop organized
कार्यशाला का आयोजन किया
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Published : Feb 29, 2020, 8:22 AM IST

भोपाल| राजभवन में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के द्वारा शिक्षा के बदलाव में हो रहे नवाचारों के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ राज्यपाल लालजी टंडन ने किया. राजभवन में हुई इस कार्यशाला में प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ ही प्रदेश के कई बुद्धिजीवी और समाजसेवी भी शामिल हुए. जिन्होंने इस कार्यशाला के दौरान शिक्षा व्यवस्था को लेकर विचार व्यक्त किए.

कार्यशाला का आयोजन किया

कार्यशाला के दौरान राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में बढ़ते आर्थिक दखल पर नियंत्रण किया जाना आज बेहद जरूरी हो गया है. इसके लिए अब कार्य योजना बनाई जानी चाहिए, क्योंकि यह आने वाले समय में काफी खतरनाक भी साबित हो सकता है. इसलिए एक आधुनिक शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए नई सोच के साथ नीति बनाने की पहल की जानी चाहिए और इसमें सभी का सहयोग बेहद जरूरी है.

राज्यपाल ने कहा कि दुनिया में भारतीय ज्ञान परंपरा की साख है. इसे बनाए रखते हुए शिक्षा प्रणाली को नया स्वरूप दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों को दृष्टिगत रखते हुए आगे की कार्य योजना पर काम करना चाहिए, क्योंकि समय के साथ चलना बेहतर माना गया है. बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए शिक्षा में आ रही आधुनिक व्यवस्था को भी समझना जरूरी है.

फादर ऑफ सर्जरी सुश्रुत, गणितज्ञ आर्यभट्ट और अर्थशास्त्री चाणक्य का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की इन हस्तियों को आज भी दुनिया मानती है. इस अवसर पर भोज मुक्त विश्वविद्यालय और महाराज छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय के बीच पारस्परिक सहयोग के लिये एमओयू साइन किया गया.

भोपाल| राजभवन में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के द्वारा शिक्षा के बदलाव में हो रहे नवाचारों के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ राज्यपाल लालजी टंडन ने किया. राजभवन में हुई इस कार्यशाला में प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ ही प्रदेश के कई बुद्धिजीवी और समाजसेवी भी शामिल हुए. जिन्होंने इस कार्यशाला के दौरान शिक्षा व्यवस्था को लेकर विचार व्यक्त किए.

कार्यशाला का आयोजन किया

कार्यशाला के दौरान राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में बढ़ते आर्थिक दखल पर नियंत्रण किया जाना आज बेहद जरूरी हो गया है. इसके लिए अब कार्य योजना बनाई जानी चाहिए, क्योंकि यह आने वाले समय में काफी खतरनाक भी साबित हो सकता है. इसलिए एक आधुनिक शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए नई सोच के साथ नीति बनाने की पहल की जानी चाहिए और इसमें सभी का सहयोग बेहद जरूरी है.

राज्यपाल ने कहा कि दुनिया में भारतीय ज्ञान परंपरा की साख है. इसे बनाए रखते हुए शिक्षा प्रणाली को नया स्वरूप दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों को दृष्टिगत रखते हुए आगे की कार्य योजना पर काम करना चाहिए, क्योंकि समय के साथ चलना बेहतर माना गया है. बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए शिक्षा में आ रही आधुनिक व्यवस्था को भी समझना जरूरी है.

फादर ऑफ सर्जरी सुश्रुत, गणितज्ञ आर्यभट्ट और अर्थशास्त्री चाणक्य का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की इन हस्तियों को आज भी दुनिया मानती है. इस अवसर पर भोज मुक्त विश्वविद्यालय और महाराज छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय के बीच पारस्परिक सहयोग के लिये एमओयू साइन किया गया.

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