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लापरवाह प्रशासन तो कैसे बनेगा प्रदेश पॉलिथीन मुक्त भारत ?

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Published : Nov 11, 2019, 12:04 AM IST

सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए. पीएम की योजना की मजाक उड़ाया है. वही निगम भी प्लास्टिक को लेकर लगातार लापरवाह बनी हुई है.

लापरवाह प्रशासन


भोपाल। एक ओर जहां सरकार ने पर्यावरण के लिए घातक सिंगल यूज़ प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया.तो वहीं प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ गोविंद सिंह का ये बयान बताता है कि वो सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन को लेकर कितने जिम्मेदार है. जब प्रदेश सरकार में मंत्री और विधायक ही ऐसे बयान देंगे तो प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता की बात तो छोड़ ही दीजिए. दरअसल मंत्री गोविंद सिंह ने सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर चल रहे पीएम मोदी के अभियान का मजाक उड़ाते हुए कहा कि सरकार एक तो ये उल्टे-फुल्टे नाम रख देती है फिर जनता भ्रम में की स्थिति पैदा करती है.

लापरवाह प्रशासन

देशभर में प्लास्टिक को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं .वहीं राजधानी में भी प्लास्टिक के प्रतिबंध को लेकर नगर निगम कई अभियान चला रहा हैं. शहर में पॉलिथीन के यूज को लेकर लोगों में जागरूकता तो आ रही है. लेकिन इसके बाद भी राजधानी के बाजारों में दुकानदार खुलेआम पॉलिथीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि नगर निगम शहर के मुख्य बाजारों में पॉलिथीन उपयोग न करने को लेकर स्लोगन और पोस्टर के माध्यम से लोगों को अवगत करा रही है बावजूद इसके खुलेआम दुकानदार पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
शहर के बाजारों में प्रतिबंधित पॉलिथीन भी खूब बिक रही है .फिर चाहे वह कपड़ा मार्केट हो या सब्जी मार्केट. नगर निगम शहर के कोने-कोने में पोस्टर भी लगा रहा है. लेकिन इसके बावजूद इसके नगर निगम पॉलीथिन प्रतिबंध को लेकर बेबस नजर आ रहा है. वही शहर के बड़ा तालाब को निगम कितना ही प्लास्टिक मुक्त करने का दवा करती हो, लेकिन जब ईटीवी भारत ने वहां पहुंचकर पड़ताल की तो हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही थी. तालाब में बड़ी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक पड़ा हुआ था. यहां तक पोस्टर लगाने का असर भी लोगों पर नहीं पड़ा रहा है. शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने शहर में 6 क्योसेक सेंटर भी खोले हैं जहां पर कपड़े की थैली बनाई जा रही है. यहां पर पुराने कपड़े लाकर कपड़े की थैलियां ले सकते हैं. जो पुराने कपड़े नहीं लाता है वो 5 रुपए में कपड़े की थैली खरीद सकते हैं. एक क्योसेक सेंटर बड़े तालाब पर भी बनाया गया है जहां पर महिलाएं थैलियां सिलती है लेकिन इसके चंद कदमों की दूरी पर प्लास्टिक भी नजर आ रहा है और तलाब किनारे पॉलीथिन भी.नगर निगम कमिश्नर विजय दत्ता ने बताया कि हम प्लास्टिक को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं लेकिन अभी प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करने में थोड़ा समय जरूर लगेगा.

वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने प्रशासन की व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि बाहर से प्रदेश में आने वाली पॉलिथीन पर जब तक बैन नहीं लगाया जाएगा तब तक प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगेंगा. उन्होंने कहा आगे कहा कि पॉलिथीन निर्माता कंपनियों पर प्रशासन को रासुका के तहत कार्रवाई करनी चाहिए. एक तरफ पीएम मोदी देश को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त करने की बात कर रहे तो वही दूसरी ओर प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लेकर प्रदेश सरकार से लेकर प्रशासन भी सुस्त नजर आ रहा है.


भोपाल। एक ओर जहां सरकार ने पर्यावरण के लिए घातक सिंगल यूज़ प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया.तो वहीं प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ गोविंद सिंह का ये बयान बताता है कि वो सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन को लेकर कितने जिम्मेदार है. जब प्रदेश सरकार में मंत्री और विधायक ही ऐसे बयान देंगे तो प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता की बात तो छोड़ ही दीजिए. दरअसल मंत्री गोविंद सिंह ने सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर चल रहे पीएम मोदी के अभियान का मजाक उड़ाते हुए कहा कि सरकार एक तो ये उल्टे-फुल्टे नाम रख देती है फिर जनता भ्रम में की स्थिति पैदा करती है.

लापरवाह प्रशासन

देशभर में प्लास्टिक को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं .वहीं राजधानी में भी प्लास्टिक के प्रतिबंध को लेकर नगर निगम कई अभियान चला रहा हैं. शहर में पॉलिथीन के यूज को लेकर लोगों में जागरूकता तो आ रही है. लेकिन इसके बाद भी राजधानी के बाजारों में दुकानदार खुलेआम पॉलिथीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि नगर निगम शहर के मुख्य बाजारों में पॉलिथीन उपयोग न करने को लेकर स्लोगन और पोस्टर के माध्यम से लोगों को अवगत करा रही है बावजूद इसके खुलेआम दुकानदार पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
शहर के बाजारों में प्रतिबंधित पॉलिथीन भी खूब बिक रही है .फिर चाहे वह कपड़ा मार्केट हो या सब्जी मार्केट. नगर निगम शहर के कोने-कोने में पोस्टर भी लगा रहा है. लेकिन इसके बावजूद इसके नगर निगम पॉलीथिन प्रतिबंध को लेकर बेबस नजर आ रहा है. वही शहर के बड़ा तालाब को निगम कितना ही प्लास्टिक मुक्त करने का दवा करती हो, लेकिन जब ईटीवी भारत ने वहां पहुंचकर पड़ताल की तो हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही थी. तालाब में बड़ी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक पड़ा हुआ था. यहां तक पोस्टर लगाने का असर भी लोगों पर नहीं पड़ा रहा है. शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने शहर में 6 क्योसेक सेंटर भी खोले हैं जहां पर कपड़े की थैली बनाई जा रही है. यहां पर पुराने कपड़े लाकर कपड़े की थैलियां ले सकते हैं. जो पुराने कपड़े नहीं लाता है वो 5 रुपए में कपड़े की थैली खरीद सकते हैं. एक क्योसेक सेंटर बड़े तालाब पर भी बनाया गया है जहां पर महिलाएं थैलियां सिलती है लेकिन इसके चंद कदमों की दूरी पर प्लास्टिक भी नजर आ रहा है और तलाब किनारे पॉलीथिन भी.नगर निगम कमिश्नर विजय दत्ता ने बताया कि हम प्लास्टिक को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं लेकिन अभी प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करने में थोड़ा समय जरूर लगेगा.

वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने प्रशासन की व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि बाहर से प्रदेश में आने वाली पॉलिथीन पर जब तक बैन नहीं लगाया जाएगा तब तक प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगेंगा. उन्होंने कहा आगे कहा कि पॉलिथीन निर्माता कंपनियों पर प्रशासन को रासुका के तहत कार्रवाई करनी चाहिए. एक तरफ पीएम मोदी देश को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त करने की बात कर रहे तो वही दूसरी ओर प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लेकर प्रदेश सरकार से लेकर प्रशासन भी सुस्त नजर आ रहा है.

Intro:बिगड़ते पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन भोपाल में पॉलिथीन बैंक की गई... लेकिन उसके बावजूद भी शहर में धड़ल्ले से पॉलिथीन का इस्तेमाल किया जा रहा है खासकर सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग सबसे ज्यादा दिखाई देता है...जिला प्रशासन और नगर निगम दावे करता है कि वो इसको लेकर युद्ध स्तर पर अभियान चला रहे है लेकिन जमीन पर अधिकारियों के दावे दम तोड़ते दिखाई देते है...


Body:शहर मे 2 अक्टूबर के बाद से छोटी दुकानों पर पॉलीथिन का इस्तेमाल कम हो गया है लेकिन बड़े स्तर पर पॉलीथिन बैन का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है...शहर मे जहां नज़र दौड़ाओ वहाँ पर प्लास्टिक दिखाई देती है खासकर नमकीन के पैकेट मे...वही नगर निगम कमिश्नर विजय दत्ता दावा कर रहे है कि प्लास्टिक को लेकर लगातार कार्रवाई कर रहे साथ ही जनता को जागरूक करने के लिए अभियान भी चला रहे है....तो वही पर्यावरणविद ने अभियान पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि अभियान चलाने से कुछ नहीं होगा नीयत साफ होना चाहिए... बाइट, विजय दत्ता, नगर निगम, कमिश्नर बाइट, अजय दुबे , पर्यावरणविद वही भोपाल के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह ने प्लास्टिक को बीमारी बताते हुए कहा कि धीरे - धीरे ये बीमारी ठीक होगी अभी समझाइश दी जा रही है जनता को कुछ दिनों बाद जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी...साथ ही गोविंद सिंह ने 'सिंगल यूज प्लास्टिक' नाम पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि लोग इस नाम को ही समझ नहीं पाते कि आखिर यह है क्या... बाइट, गोविंद सिंह, प्रभारी मंत्री भोपाल


Conclusion:शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने शहर में 6 क्योसेक सेंटर भी खोले हैं जहां पर कपड़े की थैली बनाई जा रही है... यहां पर पुराने कपड़े लाकर कपड़े की थैलियां ले सकते हैं... जो पुराने कपड़े नहीं लाता है वो 5 रुपए में कपड़े की थैली खरीद सकते हैं....एक क्योसेक सेंटर बड़े तालाब पर भी बनाया गया है जहां पर महिलाएं थैलियां सिलती है लेकिन इसके चंद कदमों की दूरी पर प्लास्टिक भी नजर आ जाएगी साथ ही तलाब किनारे पॉलीथिन भी... wt
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