भोपाल। मध्यप्रदेश में सीनियर आईपीएस अफसरों का विवाद अब खुलकर सामने आ गया है. पुलिस सुधार की जिम्मेदारी संभाल रहे स्पेशल डीजी मैथिलीशरण गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अपने ही बैचमेट पूर्व डीजीपी वीके सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि वीके सिंह जलन भावना रखते हैं. इसीलिए डीजीपी रहते हुए उन्होंने मेरी तैयार की हुई जीआरपी हेल्पलाइन को बंद करवा दिया.
जीआरपी हेल्पलाइन बंद कराने का लगाया आरोप
मैथिलीशरण गुप्त ने बताया कि जीआरपी हेल्पलाइन इतनी कारगर थी कि उसके लिए मुझे ई-गवर्नेंस अवार्ड और भी कई अवार्ड मिले हैं. इस हेल्पलाइन के जरिए रेल डीजी रहते हुए देश के लगभग सभी राज्य में घूम घूमकर लोगों को ट्रेनिंग दी है और तैयार किया है. इसके बाद जीआरपी हेल्पलाइन तैयार की गई थी. जो मध्य प्रदेश का नाम देशभर में रोशन कर रही थी और रेल अपराधों का ग्राफ भी काफी कम हो गया था. इसके बावजूद तत्कालीन डीजीपी वीके सिंह ने हेल्पलाइन को बंद करवा दिया. जीआरपी हेल्पलाइन पूरे देश की मदद कर रही थी. लेकिन तत्कालीन डीजीपी वीके सिंह ने झूठ बोलकर इस हेल्पलाइन को डिलीट करवा दिया. वीके सिंह ने पूरे भारत की पुलिस और मध्य प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया है.
मैथिलीशरण गुप्त ने गृहमंत्री को खिला पत्र
मैथिलीशरण गुप्त का कहना है कि इस हेल्पलाइन से जीआरपी को लाभ मिल रहा था, लेकिन उन्होंने पता नहीं किस कुंठा के चलते यह काम किया है. गुप्त ने कहा कि इस हेल्पलाइन को दोबारा इंस्टॉल करने के लिए सरकार को भी पत्र लिखा था और अब उसके लिए गृहमंत्री को भी पत्र लिखा है.
जब ईटीवी भारत ने पूर्व डीजीपी और वर्तमान में खेल विभाग के संचालक वीके सिंह से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. बताया जा रहा है कि इस पूरे विवाद की जड़ कहीं ना कहीं मध्य प्रदेश का डीजीपी पद है. विवेक जौहरी के डीजीपी बनने से पहले 5 नामों के पैनल में मैथिलीशरण गुप्त का भी नाम शामिल था. माना जा रहा था कि वीके सिंह को हटाए जाने के बाद प्रदेश पुलिस का मुखिया मैथिलीशरण गुप्त को बनाया जा सकता है. लेकिन इस बीच प्रतिनियुक्ति पर गए विवेक जौहरी को मध्य प्रदेश पुलिस की कमान सौंपी गई. इसी मसले को लेकर दोनों आईपीएस अफसरों के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है.