भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर में जहरीली शराब कांड में कई लोगों की मौत के बाद इस पूरे मामले की जांच के लिए गृह विभाग ने एसआईटी गठित की थी. एसआईटी के अध्यक्ष राजेश राजौरा ने अपनी 3 सदस्य टीम के साथ मिलकर इसकी जांच की थई. अब SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दी है. खबर है कि जांच में कुछ अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है, ऐसे में उन्हें हटाया जा सकता है.
एसआईटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी जांच रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के मंदसौर में जहरीली शराब कांड से जुड़े सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अवैध शराब से इतन लोगों की मौत होने के बाद प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया था और अवैध शराब का कारोबार करने वालों के अवैध निर्माणों को तोड़ दिया था. इधर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए गृह विभाग ने अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में SIT का गठन किया था. SIT ने मौके पर जाकर अपनी जांच की है.
SIT की जांच में कई तरह की लापरवाही का जिक्र
बताया जा रहा है कि टीम ने मंदसौर में घटना स्थल पर पहुंचकर मृतकों के परिजनों, बीमार हुए अन्य लोगों और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों से पूछताछ कर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान से इन जिलों में अवैध शराब की तस्करी होती है. साथ ही रिपोर्ट में आबकारी विभाग की लापरवाही का भी जिक्र है. अपनी रिपोर्ट में समिति ने तस्करी रोकने के उपायों को भी बताया है.
SIT ने की कई सिफारिश
इन उपायों के तहत शराब का परिवहन करने वाले वाहनों पर जीपीएस लगाने, पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने, शराब बिक्री पर रसीद देने जैसे उपाय टीम ने बताए हैं. साथ ही पुलिस और आबकारी अधिकारियों को नियमित रूप से शराब दुकानों की चेकिंग के निर्देश देने और जुर्माना बढ़ाने की सिफारिश भी की है. साथ ही मंदसौर-नीमच की जनसंख्या को देखते हुए शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने की भी सिफारिश SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट में की है.