भोपाल। शहर में चल रही अंतरराष्ट्रीय वूमेंस टेनिस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए कई खिलाड़ी पहुंचे हैं. भारत की नंबर वन टेनिस प्लेयर अंकिता रैना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि, उनके जीवन में किस तरह से अचीवमेंट रहे और आगे उनका लक्ष्य क्या है. अंकिता से ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि, भारतीय टीम के लिए खेलने का सपना बचपन से था. अंकिता ने कहा कि, जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और आज इस मुकाम पर हूं. इस दौरान बहुत से साथी मिले, परिवार का सहयोग रहा. टेनिस में इसीलिए लोग कम आते हैं, क्योंकि यह खेल बड़ा महंगा होता है लेकिन परिवार का सहयोग रहा और मैं आगे बढ़ती गई.
खेल को बताया महंगा: लड़कियां को लेकर अंकिता का कहना है कि, दो तीन चीजें हैं जिसके कारण लड़कियां आगे नहीं आ पाती, लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि जब मैं छोटी थी. खेलना शुरू किया था. जब मैं जूनियर खेल रही थी. उस समय सानिया मिर्जा को देखती थी. हमेशा से मेरे आइडियल रही हैं. जो मैं जूनियर खेलती थी, वह नंबर वन थी. मेरे लिए वह इंस्पिरेशन और मोटिवेशन रही हैं, मुझे लगा कि मुझे वहां तक पहुंचना है. खेल बहुत महंगा है, जो जिनका परिवार के लोगों का सहयोग नहीं है वह नहीं आगे आ पाते हैं. जितने ज्यादा इवेंट्स इंडिया में होंगे और जितने ज्यादा प्रतियोगिताएं आगे होती रहेंगी तो निश्चित तौर पर नए-नए खिलाड़ी आगे आएंगे.
सपना हुआ साकार: पहले और अभी के समय में काफी अंतर आया है. अभी लगातार खेल विभाग और सरकारी सहयोग कर रही हैं. हमें मोटिवेशन रहे है. अंकिता का कहना है कि वह सानिया मिर्जा की बहुत बड़ी फैन बचपन से ही बन रही है. जब उनके साथ खेलने का मौका मिला तो निश्चित ही सपना साकार हुआ. इस दौरान सानिया मिर्जा से कई ऐसे टिप्स मिले जिसकी बदौलत वह उसे अपना करियर में आगे बढ़ती गई है.
ओलंपिक लक्ष्य: अंकिता का कहना है कि, ओलंपिक में देश के लिए पदक लाना उनका सपना और लक्ष्य है. अगर ओलंपिक में पदक लेकर आती हैं तो उन्हें बेहद खुशी होगी और इसके लिए वह तैयारी कर रही है.वह बताती हैं कि डाइट और फिजियो आपके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होता है. खिलाड़ी को हमेशा अपनी फिटनेस पर ध्यान रखना पड़ता है. साथ ही अगर सही समय पर डाइट मेंटेन की जाए तो निश्चित ही आप सफलता को प्राप्त होते हैं.
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अंकिता का सफर: अंकिता रैना का जन्म: 11 जनवरी 1993 में हुआ. भारतीय टेनिस खिलाड़ी और महिला एकल में वर्तमान भारतीय नंबर 1 हैं. अंकिता ने आईटीएफ महिला सर्किट में 8 एकल और 14 युगल खिताब जीते हैं. अप्रैल 2018 में उन्होंने एकल रैंकिंग के शीर्ष 200 में प्रवेश किया. वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की केवल पांचवीं खिलाड़ी बन गई. 28 अगस्त 2017 को वह युगल रैंकिंग में दुनिया की नंबर 159 पर पहुंच गईं. अंकिता ने 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में महिला एकल और मिश्रित युगल मुकाबलों में भी स्वर्ण पदक जीते हैं.