भोपाल। प्रदेश के महाविद्यालयों में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग नए नए प्रयास कर रहा है और इस दिशा में उच्च शिक्षा विभाग ने काफी कुछ बदलाव करना शुरू भी कर दिया है. प्रदेश के कॉलेजो में नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए सबसे पहले शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना है और इसके लिए बदलाव की बेहद ज़रूरी है. उच्च शिक्षा विभाग पहली बार उच्च शिक्षा के सिलेबस में बदलाव करेगा. अब कॉलेजों के सिलेबस में जीएसटी, टेक्स, अविष्कार, रिसर्च जैसे कई नए विषय शामिल किए जाएंगे.
सत्र 2021-20 में होगा नया सिलेबस लागू
मध्य प्रदेश के कॉलेजों में फिलहाल नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं है. प्रदेश में 10% से भी कम ऐसे कॉलेज है जहां पर स्थाई प्राचार्य नहीं है. प्रदेश के 90% कॉलेज प्रभारी प्राचार्य के भरोसे चल रहे हैं. वहीं शिक्षकों की कमी भी है, साथ ही कॉलेजों में ना तो इंफ्रास्ट्रक्चर है ना लाइब्रेरी है ना लैब है ना रिसर्च की कोई खास व्यवस्था है. ऐसे में नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए मध्यप्रदेश में अभी काफी कुछ बदलाव करने जरूरी है. हालांकि उच्च शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रहा है. जिसके तहत प्रदेश के 100 कॉलेजों को गुणवत्तापूर्ण बनाने की तैयारी भी की जा रही है.
उच्च शिक्षा मंत्री ने अगले सत्र तक होंगे कई बदलाव
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया प्रदेश के महाविधालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हमारा काम है. इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधरे इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग भी गंभीर है. उन्होंने कहा इस ओर राज्य सरकार ने काफी कुछ प्रयास किए हैं. जैसे ओपन बुक प्रणाली से परीक्षाएं आयोजित करना जिसे अन्य राज्यों ने भी अपने यहां लागू किया है. इसके साथ ही अब हम प्रदेश के 100 कॉलेजों को गुणवत्तापूर्ण बनाएंगे. जहां पर पर्याप्त सुविधाएं छात्रों को दी जाएंगी कंप्यूटर लैब, रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी सहित अन्य सभी सुविधाएं छात्रों को कॉलेजों में उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते कई सारे काम नहीं हो पाए हैं लेकिन सत्र 2021-22 के लिए हम अभी से तैयार है. उन्होंने कहा अब हम कॉलेज के सिलेबस में जीएसटी और रिसर्च को शामिल करेंगे. कॉमर्स में जीएसटी, टेक्स इत्यादि को जोड़ा जाएगा तो वंही साइंस में रिसर्च, अविष्कार को शामिल किया जायेगा उन्होंने कहा इससे छात्रों को कोर्स से हटके चीजे सीखने को मिलेगी.
सिलेबस में बदलाव से मिलेगा छात्रों को फायदा
वहीं कॉलेजों में सिलेबस में बदलाव को लेकर शिक्षकों का कहना है कि इस बदलाव से प्रदेश की शिक्षा में काफी हद तक सुधार होगा. सरोजिनी नायडू कॉलेज की प्रिंसिपल प्रतिभा सिंह ने बताया लंबे समय से प्रदेश के कॉलेजों में सिलेबस में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं हुआ है. बच्चे वही पुराना सिलेबस आज तक पढ़ रहे हैं और यही वजह है कि कुछ नया सीखने को बच्चों को नहीं मिल पाता है. लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत अब कॉलेजों में बदलाव हो रहे हैं. सिलेबस में भी बदलाव किए जा रहे हैं यह बदलाव छात्रों के भविष्य के लिए कारगर साबित होगा.
मोतीलाल महाविज्ञान कॉलेज के प्रिंसिपल महेंद्र सिंह का कहना है कि नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कई सारे बदलाव कॉलेजों में किए जाने हैं और बदलाव जब भी होता है तो वो अच्छे के लिए ही होता है. उन्होंने कहा अगर जीएसटी टेक्स ओर अविष्कार जैसे सब्जेक्ट कॉलेज के सिलेबस में जुड़ेंगे तो इससे छात्रों को फायदा मिलेगा. प्रिंसिपल महेंद्र सिंह ने कहा यह बदलाव इस सत्र से ही किए जाना था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसे डिलीट कर दिया गया है. उन्होंने कहा उच्च शिक्षा विभाग के साथ हमारी नवा चारों को लेकर हर 10 दिन में बैठक होती है और कई सारे सुझाव कॉलेजों से भी मांगे जाते हैं. उन्होंने कहा सिलेबस को लेकर भी पिछली बैठक में चर्चा हुई है, जिसे अगले सत्र में लागू किया जाएगा, उन्होंने का सिलेबस में इस बदलाव से छात्रों को फायदा मिलेगा.