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3 साल की मासूम अपने पिता के खिलाफ पहुंची कोर्ट, मांग रही इंसाफ

भोपाल के फैमिली कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां 3 साल की मासूम बच्ची अपने अधिकार के लिए पिता के खिलाफ कानून की लड़ाई लड़ने पर मजबूर है.

पिता के खिलाफ फैमिली कोर्ट पहुंची मासूम
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Published : Nov 9, 2019, 9:31 PM IST

भोपाल। फैमिली कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां 3 साल की मासूम बच्ची अपने अधिकार के लिए पिता के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने को मजबूर है. काउंसलर ने बताया कि माता-पिता के अलग होने के बाद इस बच्ची को अपने पिता का नाम नहीं मिल सका. जिसके चलते बच्ची को स्कूल में एडमिशन नहीं मिल रहा, साथ ही कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसीलिए इस बच्ची ने अपने पिता के खिलाफ कोर्ट में अर्जी लगाकर न्याय की गुहार लगाई है.

3 साल की मासूम अपने पिता के खिलाफ पहुंची कोर्ट

फैमिली कोर्ट में 3 साल की मासूम बच्ची ने शिक्षा के लिए अपने पिता के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है. मामले की काउंसलिंग कर रही सरिता राजानी के मुताबिक माता-पिता से अलग होने के बाद जब ये मासूम बच्ची स्कूल में एडमिशन लेने पहुंची तो उससे पिता का नाम पूछा गया लेकिन बच्ची के पास पिता की कोई पहचान नहीं थी. और इसी वजह से उसका एडमिशन नहीं हुआ.

क्या है पूरा मामला

काउंसलर बताती है कि मासूम की मां ने अपने पहले पति से तलाक लेकर दूसरी शादी कर ली. इसी से नाराज पहले पति ने बच्ची को अपना नाम देने से इंकार कर दिया. वहीं महिला के दूसरे पति ने भी बच्ची को अपनाने से मना कर दिया. माता-पिता के तलाक के बाद बच्ची, नाना-नानी के साथ रहने लगी और कुछ दिनों बाद नाना का भी स्वर्गवास हो गया. ऐसे में बुजुर्ग नानी बच्ची को पढ़ाने में असमर्थ हो गई है.काउंसलर बच्ची को हक दिलाने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन बच्ची के पिता ने बच्ची को अपना नाम देने से साफ इनकार कर दिया है.

भोपाल। फैमिली कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां 3 साल की मासूम बच्ची अपने अधिकार के लिए पिता के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने को मजबूर है. काउंसलर ने बताया कि माता-पिता के अलग होने के बाद इस बच्ची को अपने पिता का नाम नहीं मिल सका. जिसके चलते बच्ची को स्कूल में एडमिशन नहीं मिल रहा, साथ ही कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसीलिए इस बच्ची ने अपने पिता के खिलाफ कोर्ट में अर्जी लगाकर न्याय की गुहार लगाई है.

3 साल की मासूम अपने पिता के खिलाफ पहुंची कोर्ट

फैमिली कोर्ट में 3 साल की मासूम बच्ची ने शिक्षा के लिए अपने पिता के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है. मामले की काउंसलिंग कर रही सरिता राजानी के मुताबिक माता-पिता से अलग होने के बाद जब ये मासूम बच्ची स्कूल में एडमिशन लेने पहुंची तो उससे पिता का नाम पूछा गया लेकिन बच्ची के पास पिता की कोई पहचान नहीं थी. और इसी वजह से उसका एडमिशन नहीं हुआ.

क्या है पूरा मामला

काउंसलर बताती है कि मासूम की मां ने अपने पहले पति से तलाक लेकर दूसरी शादी कर ली. इसी से नाराज पहले पति ने बच्ची को अपना नाम देने से इंकार कर दिया. वहीं महिला के दूसरे पति ने भी बच्ची को अपनाने से मना कर दिया. माता-पिता के तलाक के बाद बच्ची, नाना-नानी के साथ रहने लगी और कुछ दिनों बाद नाना का भी स्वर्गवास हो गया. ऐसे में बुजुर्ग नानी बच्ची को पढ़ाने में असमर्थ हो गई है.काउंसलर बच्ची को हक दिलाने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन बच्ची के पिता ने बच्ची को अपना नाम देने से साफ इनकार कर दिया है.

Intro:राजधानी के फैमिली कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां 3 साल की मासूम बच्ची अपने अधिकार के लिए पिता के खिलाफ कानून की लड़ाई लड़ने पर विवश है इस मामले की काउंसलिंग कर रही काउंसलर ने बताया कि माता-पिता के अलग होने के बाद इस बच्चे को पिता का नाम नहीं मिल सका जिस कारण से स्कूल में एडमिशन नहीं दिया जा रहा था जिससे हताश मासूम ने कोर्ट का सहारा लिया और अपने पिता के ही खिलाफ कोर्ट में अर्जी लगा दी मासूम ने अपनी नानी की मदद से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया


Body:राजधानी के फैमिली कोर्ट में 3 साल की मासूम बच्ची ने शिक्षा ग्रहण करने के लिए अपने पिता के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, मामले की काउंसलिंग कर रही सरिता राजानी ने बताया माता-पिता से अलग होने के बाद जब यह मासूम बच्चे स्कूल में एडमिशन लेने पहुंची तो उससे उसके पिता की आईडेंटिटी मांगी गई लेकिन बच्चे के पास पिता की कोई आईडेंटिटी ना होने के कारण स्कूल में बच्चे को एडमिशन नहीं मिला,
काउंसलर बताती है कि मासूम की मां ने अपने पहले पति से तलाक लेकर दूसरी शादी कर ली थी इसी से नाराज पहले पति ने बच्चे को अपना नाम देने से इंकार कर दिया वहीं महिला के दूसरे पति ने भी बच्चे को अपनाने से मना कर दिया माता पिता के तलाक के बाद बच्ची नाना नानी के साथ रहने लगी और कुछ दिनों बाद नाना का भी स्वर्गवास हो गया ऐसे में नानी बच्ची को पढ़ाने में अब असमर्थ हो गई है
मामले की जांच फैमिली कोर्ट में चल रही है काउंसलर बच्ची को हक दिलाने के लिए प्रयास कर रही है लेकिन बच्ची के पिता ने बच्चे को अपना नाम देने से साफ इनकार कर दिया है ऐसे में अब देखना होगा कि बच्ची को उसके पिता का नाम मिल पाता है या नहीं..

सरिता राजानी काउंसलर





Conclusion:राजधानी के फैमिली कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां 3 साल की मासूम ने अपने ही पिता के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया
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