भोपाल । नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नगरीय निकायों में घर-घर कचरा एकत्र करने की प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप नगरों में संक्रमण नियंत्रित करने की बात कही है. निकाय 4500 से अधिक कचरा वाहनों से इस विषम परिस्थिति में घरों से कचरा एकत्र कर प्र-संस्करण की प्रक्रिया के लिए कार्य कर रहे हैं. इससे नगरों को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में सहायता मिल रही है. मंत्री सिंह ने इन कर्मचारियों को साधुवाद देते हुए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की है.
घर-घर से कचरा एकत्रित करने से रुक रहा कोरोना
कोरोना काल में घर-घर से कचरा एकत्र करने की प्रक्रिया कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये प्रभावी सिद्ध हुई है. कोरोना संक्रमण बढ़ने से होम आइसोलेशन की व्यवस्था अंतर्गत संक्रमित व्यक्तियों ने घर में रहने का निर्णय लिया है. इन घरों से उत्पन्न होने वाले ठोस अपशिष्ट को हानिकारक अपशिष्ट के अंतर्गत संकलित करने की व्यवस्था नगरीय निकायों ने आरंभ की है. इन घरों से निकलने वाले कचरे को पीली पॉलीथीन में कचरा संग्रहित कर पृथक से प्र-संस्करण किए जाने की व्यवस्था कोविड प्रोटोकॉल अंतर्गत की गई है.
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कोविड संक्रमण फैलने से रोक रहे कर्मचारी
राज्य स्तर पर लगभग 35 हजार घरों से इस प्रकार के लगभग 17 टन कचरे का पृथक्कीकरण नगरीय निकायों द्वारा किया जा रहा है. लगभग 73 नगरीय निकायों द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट प्र-संस्करण करने वाली एजेंसियों से अनुबंध कर कचरा प्रदान किया जा रहा है. वहीं दूसरी और 327 नगरीय निकायों द्वारा प्र-संस्करण के लिये फेंसिंगयुक्त गड्ढे में प्रतिदिन कचरा जमीन में दबाने की प्रक्रिया की जा रही है.
नगरीय निकायों के वाहन प्रचार माध्यम का साधन हैं ही, साथ ही संक्रमण को रोकने के लिये प्रभावी हो रहे हैं. इन वाहनों के माध्यम से निर्धारित रूट पर प्रतिदिन निर्धारित समय पर घर-घर कचरा एकत्र करने की प्रक्रिया की जाती है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जन-सामान्य को इसकी आदत हो गई है. वे निर्धारित समय पर कचरा वाहनों में डालते हैं. संक्रमित व्यक्तियों के उपयोग किए हुए मास्क, कपड़े बाहर न फेंककर पृथक से वाहनों में देने से संक्रमण के खतरे को सीमित रखने में इन वाहनों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राज्य के समस्त नगरीय निकाय अपने 80 हजार से अधिक कर्मचारियों के साथ नगरीय क्षेत्रों में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिये अपनी प्रभावी भूमिका निभा रहे हैं. उनका यह प्रयास सही अर्थों में उन्हें कोरोना योद्धा के रूप में रेखांकित करता है.