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आवागमन में भी अव्वल इंदौर, जबलपुर में मोबिलिटी खर्च सबसे कम, ईज ऑफ मूविंग इंडेक्स में खुलासा

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधनी इंदौर स्वच्छता के बाद अब आवागम को लेकर भी नंबर वन बन गई है. ईज ऑफ मूविंग इंडेक्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि आवागमन की सुलभता में इंदौर अव्वल है. जबकि मोबिलिटी में कम खर्च की श्रेणी में जबलपुर शहर है.

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Published : Apr 26, 2023, 4:43 PM IST

भोपाल। स्वाद और स्वच्छता में अव्वल इंदौर आवागमन की सुलभता में भी नंबर वन है. देश के वो शहर जहां आवागमन सुलभ है और आसानी से गंतव्य तक पहुंचा जा सकता है. उनमें महाराष्ट्र के पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ के साथ मुंबई, कोयम्बूटर, हैदराबाद और बैंगलुरु के अलावा इंदौर का भी नाम दर्ज है. जबकि एमपी का जबलपुर देश के उन शहरों में शामिल है, जहां मोबिलिटी यानि गतिशीलता पर खर्च देश में सबसे कम है.

आवागमन में भी अव्वल इंदौर, टॉप 10 शहरों में शामिल: ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट (ओएमआई) फाउंडेशन की ओर से 'ईज ऑफ मूविंग इंडेक्स' का सेकण्ड एडीशन जारी किया गया है. इसमें फाउंडेशन की ओर से 50,000 से अधिक नागरिकों के साथ किए गए सर्वे इसके अलावा ग्रुप डिस्कशन और सरकारी आंकड़ों को आधार बनाते हुए ये रिपोर्ट तैयार की गई है. इस रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के दो शहर विशेष उपलब्धि के साथ रेखांकित हुए हैं. जिसमें पहला इंदौर है. इंदौर को मिली ये बड़ी उपलब्धि है कि ये देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल है. जहां आवागमन सुलभ है. इंदौर के अलावा इस सूची में महाराष्ट्र के शहरों का दबदबा है. जिसमें मुंबई और पूणे शामिल है. इसके अलावा हैदराबाद और कोटयम्बटूर हैदराबाद भी इस सूची का हिस्सा हैं.

Robot Chouraha in Indore
इंदौर में रोबोट चौराहा

जबलपुर में मोबेलिटी खर्च देश में सबसे कम: देश के वो शहर जहां गतिशीलता यानि मोबिलिटी खर्च सबसे कम है. उनमें जबलपुर का नाम दर्ज है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जिन शहरों में यात्रा करना सबसे सुरक्षित है. उनमें यूपी के कानपुर के साथ एमपी के जबलपुर का नाम दर्ज है. इसके अलावा फुटपाथ के मामले में भी जबलपुर का नाम दर्ज हुआ है. कोहिमा के बाद जबलपुर ही है जहां फुटपाथों की हालत संतोषजनक है. फुटपाथ के पैरामीटर में जबलपुर ने कोलकाता जैसे महानगर को पछाड़ा है, क्योंकि कोलकाता में फुटपाथों की हालत बेहद खराब है.

इंदौर से जुड़ी कुछ खबरें यहां पढ़ें

भोपाल समेत देश के बीस शहर जहां निजी वाहन बढ़े: इस रिपोर्ट में 20 शहरों का विश्लेषण भी किया गया. जो बताता है कि बीते चार सालों में जम्मू और भुवनेश्वर को छोड़ दिया जाए तो कमोबेश सभी शहरों में आवागमन के लिए निजी वाहनों का उपयोग बढ़ा है. निजी वाहनों की हिस्सेदारी आवागमन में बढ़ी है. एमपी की राजधानी भोपाल भी इसमें दर्ज है. जहां इस दौरान 38 फीसदी के करीब निजी वाहन इस्तेमाल करने वाले लोग बढ़े हैं.

भोपाल। स्वाद और स्वच्छता में अव्वल इंदौर आवागमन की सुलभता में भी नंबर वन है. देश के वो शहर जहां आवागमन सुलभ है और आसानी से गंतव्य तक पहुंचा जा सकता है. उनमें महाराष्ट्र के पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ के साथ मुंबई, कोयम्बूटर, हैदराबाद और बैंगलुरु के अलावा इंदौर का भी नाम दर्ज है. जबकि एमपी का जबलपुर देश के उन शहरों में शामिल है, जहां मोबिलिटी यानि गतिशीलता पर खर्च देश में सबसे कम है.

आवागमन में भी अव्वल इंदौर, टॉप 10 शहरों में शामिल: ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट (ओएमआई) फाउंडेशन की ओर से 'ईज ऑफ मूविंग इंडेक्स' का सेकण्ड एडीशन जारी किया गया है. इसमें फाउंडेशन की ओर से 50,000 से अधिक नागरिकों के साथ किए गए सर्वे इसके अलावा ग्रुप डिस्कशन और सरकारी आंकड़ों को आधार बनाते हुए ये रिपोर्ट तैयार की गई है. इस रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के दो शहर विशेष उपलब्धि के साथ रेखांकित हुए हैं. जिसमें पहला इंदौर है. इंदौर को मिली ये बड़ी उपलब्धि है कि ये देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल है. जहां आवागमन सुलभ है. इंदौर के अलावा इस सूची में महाराष्ट्र के शहरों का दबदबा है. जिसमें मुंबई और पूणे शामिल है. इसके अलावा हैदराबाद और कोटयम्बटूर हैदराबाद भी इस सूची का हिस्सा हैं.

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इंदौर में रोबोट चौराहा

जबलपुर में मोबेलिटी खर्च देश में सबसे कम: देश के वो शहर जहां गतिशीलता यानि मोबिलिटी खर्च सबसे कम है. उनमें जबलपुर का नाम दर्ज है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट में जिन शहरों में यात्रा करना सबसे सुरक्षित है. उनमें यूपी के कानपुर के साथ एमपी के जबलपुर का नाम दर्ज है. इसके अलावा फुटपाथ के मामले में भी जबलपुर का नाम दर्ज हुआ है. कोहिमा के बाद जबलपुर ही है जहां फुटपाथों की हालत संतोषजनक है. फुटपाथ के पैरामीटर में जबलपुर ने कोलकाता जैसे महानगर को पछाड़ा है, क्योंकि कोलकाता में फुटपाथों की हालत बेहद खराब है.

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भोपाल समेत देश के बीस शहर जहां निजी वाहन बढ़े: इस रिपोर्ट में 20 शहरों का विश्लेषण भी किया गया. जो बताता है कि बीते चार सालों में जम्मू और भुवनेश्वर को छोड़ दिया जाए तो कमोबेश सभी शहरों में आवागमन के लिए निजी वाहनों का उपयोग बढ़ा है. निजी वाहनों की हिस्सेदारी आवागमन में बढ़ी है. एमपी की राजधानी भोपाल भी इसमें दर्ज है. जहां इस दौरान 38 फीसदी के करीब निजी वाहन इस्तेमाल करने वाले लोग बढ़े हैं.

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