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MP के डॉ ओम ढींगरा ने दुनिया में फहराया भारत का परचम, पुरुष हार्मोन्स टेस्टोस्टेरोन की दवा को कैप्सूल में बदला

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Published : Dec 22, 2022, 9:31 PM IST

Updated : Dec 22, 2022, 10:23 PM IST

अमेरिका में रहने वाले भारतवंशी डॉक्टर ओम ढींगरा ने पुरुष हार्मोन्स टेस्टोस्टेरोन की दवा को कैप्सूल रुप में ईजाद किया है. इसके पहले ये दवा केवल इंजेक्शन के जरिए ही दी जा सकती थी. ये दुनिया में पहली बार हुआ है किसी डॉक्टर ने टेस्टोस्टोरोन को कैप्सूल में दिए जाने की दवा खोज ली है. एमपी के सीहोर जिले में ढींगरा फैमिली फाउंडेशन के जरिए बच्चियों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है.

Dr Om Dhingra
डॉक्टर ओम ढींगरा
डॉ ओम ढींगरा ने ईजाद की पुरुषों की जरूरी दवा

भोपाल। दुनिया के चिकित्सा क्षेत्र के लिए ये बड़ी उपलब्धि है. भारत के लिए फक्र करने का मौका कि दुनिया को मेडिकल क्षेत्र की बड़ी सौगात एक भारतवंशी ने दी है. अमेरिका में रहने वाले भारतवंशी डॉक्टर ओम ढींगरा ने पुरुष हार्मोन्स टेस्टोस्टेरोन की दवा को कैप्सूल रुप में बदला है. इसके पहले ये दवा केवल इंजेक्शन के जरिए ही दी जा सकती थी. जिसमें काफी दिक्कतें पेश आती थी. ये दुनिया में पहली बार हुआ है किसी डॉक्टर ने टेस्टोस्टोरोन को कैप्सूल में दिए जाने की दवा खोज ली है. डॉ ढींगरा के अमेरिका में बस जाने के बाद भी भारत से गहरा जुड़ाव है. एमपी के सीहोर जिले में ढींगरा फैमिली फाउंडेशन के जरिए बच्चियों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है. ईटीवी भारत को अमेरिका से भेजे गए संदेश में डॉ ओम ढींगरा ने कहा कि टेस्टोस्टेरोन के इंजेक्शन से होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने मैंने कैप्सूल बनाया है.

टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल दवा की दुनिया में नई क्रांति: लंबे समय से दवाईयों की खोज में लगे रहने वाले डॉ ओम ढींगरा की ये अब तक की सबसे बड़ी खोज है. बीमारियों को रोकने के लिए रिसर्च कर रहे ओम ढींगरा की इस कैप्सूल में लंबी अनथक मेहनत थी. 2008 तक एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी से जुड़े रहे ओम ढींगरा ने 2009 में अपनी वर्चुअल कंपनी एसओवी थेराप्यूटिक्स की नींव रखी. अब जो दवा बनाई है, इसके जानवरों पर टेस्ट करने के बाद कई दौर में मनुष्यों पर क्लीनिकल ट्रायल किए. डॉ. ढींगरा विश्व में पहले ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अकेले बिना किसी कर्मचारी के घर के ऑफिस से ही कंपनी चला कर सारा काम कांट्रैक्ट पर करवाया और इस दवा का अविष्कार किया. 2017 में मैरियस फार्मास्यूटिकल कंपनी के सह-संस्थापक और कंपनी के सीईओ के रूप में उन्होंने इस दवा का मनुष्यों पर आखिरी ट्रायल किया था.

Dr Om Dhingra
डॉक्टर ओम ढींगरा

अमरीका के बाजार में उपलब्ध है दवा: अमेरिका के फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने नई दवा, काइजेट्रैक्स को इसी साल जुलाई महीने से बेचने की मंज़ूरी दे दी. दवाई अब अमेरिका के बाजार में उपलब्ध है. भविष्य में यह दवा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उपलब्ध होगी. अब डॉ. ओम ढींगरा ने अपनी रिसर्च बीमारियों को रोकने की ओर मोड़ ली है.

पुरुषों में टेस्टास्टेरोन ब़ढ़ाने में कैप्सूल कारगर: अमेरिका से ईटीवी भारत को दिए गए संदेश में डॉ ओम ढींगरा ने कहा कि पुरुष का शरीर हर दिन पांच से सात मिलीग्राम टेस्टोस्टेरोन बनाता है. पुरुष को स्वस्थ रखने में इसकी मुख्य भूमिका है. इसकी कमी से पुरुष का शरीर कई बीमारियों से ग्रसित हो जाता है. टेस्टास्टेरोन इंजेक्शन फार्म में पूरी दुनिया में उपलब्ध है. टेस्टास्टेरोन के इंजेक्शन के दुष्परिणाम को देखते हुए मैंने इसे कैप्सूल के रुप में इन्वेंट किया है. कैप्सूल शरीर में टेस्टास्टेरोन वैसे ही बनाता है, जैसे पुरुष की बॉडी बनाती है.

कैप्सूल दिलाएगा कई विकारो से मुक्ति: भोपाल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विजय सक्सेना ने बताया कि पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के कैप्सूल आने से पुरुषों को कई विकारों से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा कि ये देश के लिए बड़ी उपलब्धि है. शरीर की सुगठित संरचना के लिए महत्वपूर्ण भी है. इसी के जरिए किसी व्यक्ति का सामाजिक व्यवहार व मानसिक एकाग्रता को भी नियंत्रित होता है, यह हड्डियों को मजबूती के लिए भी जरुरी है. डॉ विजय सक्सेना ने कहा कि ये भारत के लिए गर्व का विषय है कि एक भारतीय वैज्ञानिक ने इस दावा को लाने में उपलब्धि हासिल की है.

Dhingra Family Foundation
ढींगरा फैमिली फाउंडेशन

डॉ ढींगरा का एमपी कनेक्शन: डॉ ओम ढींगरा का ढींगरा फाउण्डेशन एमपी के सीहोर जिले में गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए लंबे समय से काम कर रहा है. यहां बच्चियों को शिक्षित करने के साथ उन्हें आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास होते हैं. अब तक फाउण्डेशन के जरिए तीन हजार से ज्यादा युवतियां कम्प्यूटर की ट्रेनिंग ले चुकी हैं.

डॉ ओम ढींगरा ने ईजाद की पुरुषों की जरूरी दवा

भोपाल। दुनिया के चिकित्सा क्षेत्र के लिए ये बड़ी उपलब्धि है. भारत के लिए फक्र करने का मौका कि दुनिया को मेडिकल क्षेत्र की बड़ी सौगात एक भारतवंशी ने दी है. अमेरिका में रहने वाले भारतवंशी डॉक्टर ओम ढींगरा ने पुरुष हार्मोन्स टेस्टोस्टेरोन की दवा को कैप्सूल रुप में बदला है. इसके पहले ये दवा केवल इंजेक्शन के जरिए ही दी जा सकती थी. जिसमें काफी दिक्कतें पेश आती थी. ये दुनिया में पहली बार हुआ है किसी डॉक्टर ने टेस्टोस्टोरोन को कैप्सूल में दिए जाने की दवा खोज ली है. डॉ ढींगरा के अमेरिका में बस जाने के बाद भी भारत से गहरा जुड़ाव है. एमपी के सीहोर जिले में ढींगरा फैमिली फाउंडेशन के जरिए बच्चियों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है. ईटीवी भारत को अमेरिका से भेजे गए संदेश में डॉ ओम ढींगरा ने कहा कि टेस्टोस्टेरोन के इंजेक्शन से होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने मैंने कैप्सूल बनाया है.

टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल दवा की दुनिया में नई क्रांति: लंबे समय से दवाईयों की खोज में लगे रहने वाले डॉ ओम ढींगरा की ये अब तक की सबसे बड़ी खोज है. बीमारियों को रोकने के लिए रिसर्च कर रहे ओम ढींगरा की इस कैप्सूल में लंबी अनथक मेहनत थी. 2008 तक एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी से जुड़े रहे ओम ढींगरा ने 2009 में अपनी वर्चुअल कंपनी एसओवी थेराप्यूटिक्स की नींव रखी. अब जो दवा बनाई है, इसके जानवरों पर टेस्ट करने के बाद कई दौर में मनुष्यों पर क्लीनिकल ट्रायल किए. डॉ. ढींगरा विश्व में पहले ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अकेले बिना किसी कर्मचारी के घर के ऑफिस से ही कंपनी चला कर सारा काम कांट्रैक्ट पर करवाया और इस दवा का अविष्कार किया. 2017 में मैरियस फार्मास्यूटिकल कंपनी के सह-संस्थापक और कंपनी के सीईओ के रूप में उन्होंने इस दवा का मनुष्यों पर आखिरी ट्रायल किया था.

Dr Om Dhingra
डॉक्टर ओम ढींगरा

अमरीका के बाजार में उपलब्ध है दवा: अमेरिका के फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने नई दवा, काइजेट्रैक्स को इसी साल जुलाई महीने से बेचने की मंज़ूरी दे दी. दवाई अब अमेरिका के बाजार में उपलब्ध है. भविष्य में यह दवा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उपलब्ध होगी. अब डॉ. ओम ढींगरा ने अपनी रिसर्च बीमारियों को रोकने की ओर मोड़ ली है.

पुरुषों में टेस्टास्टेरोन ब़ढ़ाने में कैप्सूल कारगर: अमेरिका से ईटीवी भारत को दिए गए संदेश में डॉ ओम ढींगरा ने कहा कि पुरुष का शरीर हर दिन पांच से सात मिलीग्राम टेस्टोस्टेरोन बनाता है. पुरुष को स्वस्थ रखने में इसकी मुख्य भूमिका है. इसकी कमी से पुरुष का शरीर कई बीमारियों से ग्रसित हो जाता है. टेस्टास्टेरोन इंजेक्शन फार्म में पूरी दुनिया में उपलब्ध है. टेस्टास्टेरोन के इंजेक्शन के दुष्परिणाम को देखते हुए मैंने इसे कैप्सूल के रुप में इन्वेंट किया है. कैप्सूल शरीर में टेस्टास्टेरोन वैसे ही बनाता है, जैसे पुरुष की बॉडी बनाती है.

कैप्सूल दिलाएगा कई विकारो से मुक्ति: भोपाल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विजय सक्सेना ने बताया कि पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के कैप्सूल आने से पुरुषों को कई विकारों से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा कि ये देश के लिए बड़ी उपलब्धि है. शरीर की सुगठित संरचना के लिए महत्वपूर्ण भी है. इसी के जरिए किसी व्यक्ति का सामाजिक व्यवहार व मानसिक एकाग्रता को भी नियंत्रित होता है, यह हड्डियों को मजबूती के लिए भी जरुरी है. डॉ विजय सक्सेना ने कहा कि ये भारत के लिए गर्व का विषय है कि एक भारतीय वैज्ञानिक ने इस दावा को लाने में उपलब्धि हासिल की है.

Dhingra Family Foundation
ढींगरा फैमिली फाउंडेशन

डॉ ढींगरा का एमपी कनेक्शन: डॉ ओम ढींगरा का ढींगरा फाउण्डेशन एमपी के सीहोर जिले में गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए लंबे समय से काम कर रहा है. यहां बच्चियों को शिक्षित करने के साथ उन्हें आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास होते हैं. अब तक फाउण्डेशन के जरिए तीन हजार से ज्यादा युवतियां कम्प्यूटर की ट्रेनिंग ले चुकी हैं.

Last Updated : Dec 22, 2022, 10:23 PM IST

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