ETV Bharat / state

Welcome African Cheetahs : भारत में 70 साल बाद अफ्रीकी चीते बनाएंगे अपना घर, अगले माह आएंगे, कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में तैयारी जोरों पर

author img

By

Published : Jul 17, 2022, 4:03 PM IST

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिला स्थित कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी)(Kuno -Palpur National Park) अपने नए मेहमानों यानी अफ्रीकी चीतों (African Cheetahs) के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है. इन चीतों को अंतरमहाद्वीपीय स्थानान्तरण परियोजना के तहत लाया जा रहा है. इन चीतों के अगले महीने की शुरुआत में यहां पहुंचने की उम्मीद है. इन अफ्रीकी चीतों को 1952 में देश में विलुप्त घोषित किया गया था. अब इन्हें मध्यप्रदेश में एक नया घर मिलेगा. (India make African cheetah its home) (After 70 years African cheetah in India) (African cheetah come next month) (Preparations in Kuno Palpur National Park)

After 70 years African cheetah in India
भारत 70 साल बाद अफ्रीकी चीते

भोपाल। भारत में अफ्रीकी चीतों को 70 साल पर विलुप्त घोषित कर दिया गया था. लेकिन अब अफ्रीकी चीते अब मध्य प्रदेश में धमाचौकड़ी मचाएंगे. इनके लिए श्योपुर जिला स्थित कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में पूरी तैयारी कर ली गई है. वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि श्योपुर जिले में कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) संभवत: ऐसे समय में होगा जब भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा. हम इस पर काम कर रहे हैं.वहीं, वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बरनवाल ने बताया कि अगस्त में चीते मध्य प्रदेश आएंगे.

जल्द होंगे एमओयू पर हस्ताक्षर : बता दें कि ये अफ्रीकी चीते 80 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या दुनिया के सबसे तेज स्तनधारी नामीबिया से लाए जाएंगे या दक्षिण अफ्रीका से, इस पर बरनवाल ने कहा कि शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका से. चीतों के स्थानांतरण पर इन दोनों देशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) की स्थिति पर वन अधिकारी ने कहा कि उन्हें अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है. दक्षिण अफ्रीका के साथ जल्द ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.

12 से 15 चीते आने की संभावना : वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) के डीन और वरिष्ठ प्रोफेसर यादवेंद्र देव विक्रमसिंह झाला ने भी केएनपी में इन चीतों के आगमन की कोई सटीक तारीख नहीं बताई. वन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारत लाए जाने वाले चीतों की संख्या केंद्र सरकार द्वारा तय की जाएगी, लेकिन केएनपी में उन्हें प्राप्त करने और रखने के लिए अतिरिक्त तैयारी चल रही है. चीतों का भारत वापस स्वागत करने के लिए हमारी तैयारी जोरों पर चल रही है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ-वन्यजीव) जेएस चौहान ने कहा कि केएनपी ने महिलाओं सहित 12 से 15 चीतों के आवास की तैयारी की है और शुरू में स्थानांतरित जानवरों को रखने के लिए पांच वर्ग किलोमीटर में आठ डिब्बे वाले क्षेत्र को चिह्नित किया है.

अब मध्य प्रदेश में दिखेंगे अफ्रीकी चीते, नवंबर तक अभ्यारण में देख सकेंगे सैलानी

इन चीतों को संभालने की ट्रेनिंग मिली : श्योपुर के संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) प्रकाश वर्मा ने अन्य अधिकारियों के साथ चीतों को संभालने का प्रशिक्षण लिया है. उनका कहना है कि भारतीय धरती पर इन जानवरों को रखने के लिए 90 प्रतिशत तैयारी की गई है. उन्होंने कहा कि हमें प्रशिक्षण के दौरान सिखाया गया कि चीतों को कैसे संभालना है और उनके व्यवहार के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई है. हम केएनपी में तैनात 125 से अधिक कर्मचारियों को वह कौशल प्रदान करेंगे.

भोपाल। भारत में अफ्रीकी चीतों को 70 साल पर विलुप्त घोषित कर दिया गया था. लेकिन अब अफ्रीकी चीते अब मध्य प्रदेश में धमाचौकड़ी मचाएंगे. इनके लिए श्योपुर जिला स्थित कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में पूरी तैयारी कर ली गई है. वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि श्योपुर जिले में कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) संभवत: ऐसे समय में होगा जब भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा. हम इस पर काम कर रहे हैं.वहीं, वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बरनवाल ने बताया कि अगस्त में चीते मध्य प्रदेश आएंगे.

जल्द होंगे एमओयू पर हस्ताक्षर : बता दें कि ये अफ्रीकी चीते 80 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या दुनिया के सबसे तेज स्तनधारी नामीबिया से लाए जाएंगे या दक्षिण अफ्रीका से, इस पर बरनवाल ने कहा कि शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका से. चीतों के स्थानांतरण पर इन दोनों देशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) की स्थिति पर वन अधिकारी ने कहा कि उन्हें अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है. दक्षिण अफ्रीका के साथ जल्द ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.

12 से 15 चीते आने की संभावना : वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) के डीन और वरिष्ठ प्रोफेसर यादवेंद्र देव विक्रमसिंह झाला ने भी केएनपी में इन चीतों के आगमन की कोई सटीक तारीख नहीं बताई. वन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारत लाए जाने वाले चीतों की संख्या केंद्र सरकार द्वारा तय की जाएगी, लेकिन केएनपी में उन्हें प्राप्त करने और रखने के लिए अतिरिक्त तैयारी चल रही है. चीतों का भारत वापस स्वागत करने के लिए हमारी तैयारी जोरों पर चल रही है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ-वन्यजीव) जेएस चौहान ने कहा कि केएनपी ने महिलाओं सहित 12 से 15 चीतों के आवास की तैयारी की है और शुरू में स्थानांतरित जानवरों को रखने के लिए पांच वर्ग किलोमीटर में आठ डिब्बे वाले क्षेत्र को चिह्नित किया है.

अब मध्य प्रदेश में दिखेंगे अफ्रीकी चीते, नवंबर तक अभ्यारण में देख सकेंगे सैलानी

इन चीतों को संभालने की ट्रेनिंग मिली : श्योपुर के संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) प्रकाश वर्मा ने अन्य अधिकारियों के साथ चीतों को संभालने का प्रशिक्षण लिया है. उनका कहना है कि भारतीय धरती पर इन जानवरों को रखने के लिए 90 प्रतिशत तैयारी की गई है. उन्होंने कहा कि हमें प्रशिक्षण के दौरान सिखाया गया कि चीतों को कैसे संभालना है और उनके व्यवहार के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई है. हम केएनपी में तैनात 125 से अधिक कर्मचारियों को वह कौशल प्रदान करेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.