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सात दिन में हो सभी अस्पतालों का ऑडिट

कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते अस्पतालों का सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा. इस ऑडिट को लेकर नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

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सात दिन में हो सभी अस्पतालों का ऑडिट
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Published : May 11, 2021, 7:57 PM IST

भोपाल। प्रदेश भर में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हैं. अब सुरक्षा के लिहाज से सभी अस्पतालों का सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा. इस संबंध में अस्पतालों को 17 मई 2021 तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया हैं. इस ऑडिट को लेकर नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड की मौजूदा स्थिति में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं, जिसके चलते बिजली की खपत भी बढ़ी हैं. इन हालातों में अस्पतालों में फायर एंड लिफ्ट सेफ्टी का महत्व बढ़ गया हैं. लिहाजा सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की फायर ऑडिट और सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट सात दिन में मांगी गई हैं. इसमें सुरक्षा के मद्देनजर मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम 87(5) का हवाला दिया गया हैं. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि फायर एंड लिफ्ट सेफ्टी ऑडिट में जो भी खामियां पाई जायेंगी, उसके बारे में संबंधित अस्पताल संचालकों को लिखित में पूर्ति के लिए सूचित करना होगा.

बीना में बन रहा 1000 बिस्तर का अस्थाई अस्पताल, मंत्री भूपेंद्र सिंह ने लिया जायजा

सेफ्टी मेजर्स का हो पालन
अस्पताल और नर्सिंग होम नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के भाग-04 के अनुसार, इंस्टीट्यूशनल बिल्डिंग्स की कैटेगरी में आते हैं. अस्पतालों और नर्सिंग होम में अग्नि सुरक्षा उपायों के प्रावधान प्रकार ऊंचाई और क्षेत्र के अनुसार लागू होते हैं. 1000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले अस्पतालों और नर्सिंग होम के लिए फायर एक्सटिंग्यूशर और 5000 लीटर पानी की क्षमता वाला टैंक स्थापित किया जाना जरूरी हैं.

फायर इंजीनियर का रजिस्ट्रेशन जरूरी
फायर इंजीनियर और इंजीनियर निर्माता कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया जाना अनिवार्य हैं. अगर किसी निकाय में फायर इंजीनियर और लिफ्ट इंजीनियर का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका हैं, तो संबंधित नगरीय निकाय में पदस्थ फायर अधिकारी और ई-नगर पालिका पोर्टल पर दर्ज 17 फायर कंसल्टेंट्स की सूची में से किसी भी फायर इंजीनियर से फायर ऑडिट कराया जा सकता हैं. साथ ही इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, भवन अधिकारी से भी दल गठित कर लिफ्ट ऑडिट का कार्य सात दिन के अंदर कराया जाए.

लगातार हो मॉनिटरिंग
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि संभागीय संयुक्त संचालक अपने संभाग के निकायों में इन निर्देशों के पालन की सतत मानिटरिंग कर सुनिश्चित करें कि निर्धारित प्रपत्र में प्रतिवेदन पेश हों.

भोपाल। प्रदेश भर में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हैं. अब सुरक्षा के लिहाज से सभी अस्पतालों का सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा. इस संबंध में अस्पतालों को 17 मई 2021 तक अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया हैं. इस ऑडिट को लेकर नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड की मौजूदा स्थिति में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं, जिसके चलते बिजली की खपत भी बढ़ी हैं. इन हालातों में अस्पतालों में फायर एंड लिफ्ट सेफ्टी का महत्व बढ़ गया हैं. लिहाजा सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की फायर ऑडिट और सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट सात दिन में मांगी गई हैं. इसमें सुरक्षा के मद्देनजर मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम 87(5) का हवाला दिया गया हैं. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि फायर एंड लिफ्ट सेफ्टी ऑडिट में जो भी खामियां पाई जायेंगी, उसके बारे में संबंधित अस्पताल संचालकों को लिखित में पूर्ति के लिए सूचित करना होगा.

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सेफ्टी मेजर्स का हो पालन
अस्पताल और नर्सिंग होम नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के भाग-04 के अनुसार, इंस्टीट्यूशनल बिल्डिंग्स की कैटेगरी में आते हैं. अस्पतालों और नर्सिंग होम में अग्नि सुरक्षा उपायों के प्रावधान प्रकार ऊंचाई और क्षेत्र के अनुसार लागू होते हैं. 1000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले अस्पतालों और नर्सिंग होम के लिए फायर एक्सटिंग्यूशर और 5000 लीटर पानी की क्षमता वाला टैंक स्थापित किया जाना जरूरी हैं.

फायर इंजीनियर का रजिस्ट्रेशन जरूरी
फायर इंजीनियर और इंजीनियर निर्माता कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया जाना अनिवार्य हैं. अगर किसी निकाय में फायर इंजीनियर और लिफ्ट इंजीनियर का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका हैं, तो संबंधित नगरीय निकाय में पदस्थ फायर अधिकारी और ई-नगर पालिका पोर्टल पर दर्ज 17 फायर कंसल्टेंट्स की सूची में से किसी भी फायर इंजीनियर से फायर ऑडिट कराया जा सकता हैं. साथ ही इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, भवन अधिकारी से भी दल गठित कर लिफ्ट ऑडिट का कार्य सात दिन के अंदर कराया जाए.

लगातार हो मॉनिटरिंग
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि संभागीय संयुक्त संचालक अपने संभाग के निकायों में इन निर्देशों के पालन की सतत मानिटरिंग कर सुनिश्चित करें कि निर्धारित प्रपत्र में प्रतिवेदन पेश हों.

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