ETV Bharat / state

लॉकडाउन में शादियों पर लगा ब्रेक, बग्गी वालों का कारोबार हुआ चौपट

author img

By

Published : Jun 13, 2020, 3:27 AM IST

राजधानी में शादी के मौके पर दूल्हे के लिए घोड़ा बग्गी तलाशते हुए लोग रशीद के पास पहुंचते थे. रशीद बग्गी तैयार करके शादी और अन्य आयोजनों में जाते और रुपए कमाकर लाते थे, जिससे उनका घर का खर्चा चलता था. लॉकडाउन के चलते इस बार बग्गी वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

Loss to buggy business
बग्गी का कारोबार हुआ चौपट

भोपाल। लॉकडाउन के चलते घोड़ा-बग्गी का कारोबार चौपट हो गया है. शादी रुकने के चलते बग्गी वाले बेरोजगार हो गए हैं. घोड़ों को भी दो वक्त का खाना नहीं मिल पा रहा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन के चलते कई काम-धंधे बंद हो गए. उन्हीं में से एक घोड़ा बग्गी का कारोबार भी शामिल है. इनका कारोबार मुख्य रूप से बारात और धार्मिक जुलूस में चलता था. लॉकडाउन में शादियां कैंसिल हो जाने की वजह से इन बग्गी वालों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए, साथ ही घोड़ों को भी पर्याप्त खुराक नहीं मिल पा रही है.

बग्गी का कारोबार हुआ चौपट

मोहम्मद रशीद का कहना है कि उसका व्यापार का सीजन खराब हो गया है. उसने कहा कि उसका सीजन अप्रैल, मई और जून महीने में होता था. रशीद और उसके भाइयों के पास चार बग्गी और 12 घोड़े हैं. शादी के सीजन में दूल्हे को बैठाने के लिए 15 सौ रुपए घोड़ा के लिए लेते थे. घोड़ा के साथ बग्गी ले जाने पर 3 हजार रुपए मिलते थे. आलम यह है कि रशीद दूसरों से उधार रुपए लेकर घोड़ों की खुराक करा रहे हैं.

एक घोड़े की खुराक करीब 200 रुपए तक होती है. राजधानी में करीब 300 घोड़े और 70 बग्गी हैं. जून के बाद सीजन बंद हो जाने से चार महीने तक घोड़ों को खिलाना होगा. ऐसे में बग्गी वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

भोपाल। लॉकडाउन के चलते घोड़ा-बग्गी का कारोबार चौपट हो गया है. शादी रुकने के चलते बग्गी वाले बेरोजगार हो गए हैं. घोड़ों को भी दो वक्त का खाना नहीं मिल पा रहा है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन के चलते कई काम-धंधे बंद हो गए. उन्हीं में से एक घोड़ा बग्गी का कारोबार भी शामिल है. इनका कारोबार मुख्य रूप से बारात और धार्मिक जुलूस में चलता था. लॉकडाउन में शादियां कैंसिल हो जाने की वजह से इन बग्गी वालों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए, साथ ही घोड़ों को भी पर्याप्त खुराक नहीं मिल पा रही है.

बग्गी का कारोबार हुआ चौपट

मोहम्मद रशीद का कहना है कि उसका व्यापार का सीजन खराब हो गया है. उसने कहा कि उसका सीजन अप्रैल, मई और जून महीने में होता था. रशीद और उसके भाइयों के पास चार बग्गी और 12 घोड़े हैं. शादी के सीजन में दूल्हे को बैठाने के लिए 15 सौ रुपए घोड़ा के लिए लेते थे. घोड़ा के साथ बग्गी ले जाने पर 3 हजार रुपए मिलते थे. आलम यह है कि रशीद दूसरों से उधार रुपए लेकर घोड़ों की खुराक करा रहे हैं.

एक घोड़े की खुराक करीब 200 रुपए तक होती है. राजधानी में करीब 300 घोड़े और 70 बग्गी हैं. जून के बाद सीजन बंद हो जाने से चार महीने तक घोड़ों को खिलाना होगा. ऐसे में बग्गी वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.