भोपाल । होम्योपैथिक चिकित्सक संघ अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन कर रहा है. सरकारी नौकरी में होम्योपैथिक डॉक्टर्स के साथ भेदभाव करने का आरोप संघ ने लगाया है. होम्योपैथी डॉक्टर्स का कहना है की कोरोना काल में होम्योपैथिक चिकित्सकों द्वारा जान की परवाह किए बिना शासकीय और अशासकीय अस्पताल में काम किया गया, फिर भी होम्योपैथी चिकित्सकों के साथ शासकीय नौकरी के अवसर में लगातार भेदभाव किया जा रहा है.
सीएचओ परीक्षा से होम्योपैथिक डॉक्टर को किया बाहर
वर्तमान में आयुष विभाग की सी.एच.ओ पद की नियुक्ति के लिये वेलनेस सेंटर हो, NRHM की भर्ती हो. सभी जगह होम्योपथी चिकित्सकों को मध्यप्रदेश सरकार ने बाहर कर दिया था. जिसका विरोध लंबे समय से चिकित्सक कर रहे हैं. इसके लिये पहले भी छात्र चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात कर चुके हैं. छात्रों का कहना है की पिछले 10 वर्षों में शासन को अनेकों बार ज्ञापन दिया जा चुका है, फिर भी होम्योपैथी चिकित्सकों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस कारण प्रदेश के 30 हजार होम्योपैथिक चिकित्सकों में रोष बना हुआ है. होम्योपैथी को आयुष विभाग से अलग कर राजस्थान, उत्तर प्रदेश के सामान अलग विभाग बनाए जाने की मांग की है.
मांगें पूरी नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी
समस्याओं के निराकरण के लिए भोपाल के ज्वाइंट कलेक्टर राजेश गुप्ता को ज्ञापन सौंपा गया. संघ ने 7 दिन के अंदर होम्योपैथिक डॉक्टर को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की है. वही होम्योपैथी का अलग विभाग बनाए जाने की मांग जन संवर्धन बोर्ड को लागू करने के लिये ज्ञापन दिया गया.