भोपाल। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर विवादित बयान को लेकर एमपी में हंगामा मचा है. रामचरित मानस विवाद पर नरोत्तम मिश्रा का रिएक्शन आया है. रामायण पर बयान को लेकर एमपी के गृह मंत्री ने कहा कि यह शिक्षा मंत्री (Professor Chandrashekhar Ramcharitmanas) जब शिक्षकों की भर्तियों पर लाठियां चलीं तब नहीं बोले. मंदिर तोड़ दिया गया पर मुंह से एक शब्द नहीं निकला. जहरीली शराब से मौतें इतनी ज्यादा हो गईं, उसके बावजूद भी एक शब्द का बयान भी नहीं आया. आज समाज तोड़ने की बात आई तो ये खड़े उठ हो गए हैं और बकवास बातें कर रहे हैं.
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#Bihar के शिक्षा मंत्री प्रो.चंद्रशेखर जी धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस की चौपाई की गलत व्याख्या कर समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं, जो सही नहीं है। pic.twitter.com/jsuH5DnnWn
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) January 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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क्या है रामचरित मानस विवाद: बिहार के शिक्षा मंत्री ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में कहा था कि रामचरित मानस, मनुस्मृति नफरत फैलाते हैं. इन ग्रंथों से समाज में नफरत फैलता है, इसी बयान को लेकर देश भर में बवाल हो गया. मंत्रीजी की जीभ काटने पर तो 10 करोड़ का इनाम भी घोषित हो गया. (kya hai ramcharitmanas vivad) MP के गृहमंत्री ने बिहार के शिक्षामंत्री के बयान की आलोचना करते हुए माफी मांगने के लिए कहा है. गृहमंत्री ने कहा कि Bihar के शिक्षा मंत्री को का रामचरितमानस की चौपाई पर व्याख्या सत्य से परे हैं और गलत है. गलत व्याख्या कर वो समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं, जो सही नहीं है.
केजरीवाल को विज्ञापन को लेकर जारी नोटिस को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वे काम तो कुछ नहीं कर रहे विज्ञापनों के अलावा. इसीलिए आप उनका जब भी भाषण सुनें तब देखना कि हमने शिक्षा को मुफ्त कर दिया. शिक्षा तो मध्य प्रदेश में भी मुफ्त है. हमारे यहां तो साइकिल में मुफ्त है. खाद्यान्न मुफ्त है लेकिन हम इसको महिमामंडित करने के लिए प्रचारित नहीं करते. आम आदमी पार्टी विज्ञापन राष्ट्रीय स्तर पर देती है. ये ऐसी पार्टी हैस जिसकी पंजाब में तीन महीने हुए सरकार बने और मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोप में हटाना पड़ा. पंजाब का एक मंत्री जेल में है. पहली बार हिंदुस्तान के इतिहास में हुआ है कि मंत्री जेल में है. उसका इस्तीफा नहीं लिया जा रहा है. इसलिए भ्रम में डालने के लिए विज्ञापन तो देना ही पड़ेगा.
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#Delhi के मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal जी खुद को महिमामंडित करने और लोगों को भ्रमित करने के लिए विज्ञापन का सहारा ले रहे हैं। pic.twitter.com/5iZcxAPGMG
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करणी सेना के आंदोलन पर ये कहा : सागर में एएसआई के अपहरण मामले में गृह मंत्री ने कहा कि एक बात आपके ध्यान में डाल दूं कि आरोपी नशे की स्थिति में बताया गया. प्रथम दृष्टया कोई किडनैप नहीं हुआ. उनकी गाड़ी थाने से आगे चली गई थी और उनके पास में कोई बीजेपी का पद नहीं है. करणी सेना का प्रदर्शन 3 दिन से जारी था परंतु आपके आते ही समाप्त हो गया, इस पर कहा कि मेरा उससे कोई संबंध नहीं है. मैंने कल भी कहा था कि वह हमारे स्वजन हैं. किसी कारण से कोई भ्रम था, वह दूर हो गया. जल और कुल को मिलने में कितनी देर लगती है.
कमलनाथ पर फिर तंज कसा : विधायक अजब सिंह के मिलने आने पर नरोत्तम ने कहा कि कमलनाथ तथ्यों के अभाव में ज्ञान दे रहे हैं. उनकी सरकार 15 महीने रही. अगर आपके विधायक पर कोई झूठा केस था तो वह वापस क्यों नहीं कराया. उनकी मदद करनी चाहिए थी. कांग्रेस का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष को अश्लील सीडी भाजपा के ही नेता ने दी है. इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अगर दी थी तो वह संवैधानिक पद पर थे. उनको तत्काल एसआईटी को देनी थी. आपको अगर मालूम है तो आपने नाम उजागर क्यों नहीं करते. मोहन भागवत के बयान पर ओवैसी ने पलटवार किया है, इस पर कहा कि भागवत ने कहा है कि अल्पसंख्यक भाइयों को कोई खतरा नहीं है. यह उन लोगों के लिए कहा है जो यह कहते थे कि भारत में रहने पर डर लगता है. वह लोग जो टुकड़े टुकड़े गैंग का समर्थन करते थे, उनको संदेश दिया गया. वास्तव में कांग्रेस और ओवैसी जैसे लोग डर दिखाकर राजनीति करते हैं.