भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग के बीच अधिकारों को लेकर नाराजगी शुरू हो गई है. आईपीएस अधिकारियों के तबादलों को लेकर गृह विभाग ने पत्र लिखकर आपत्ति जताई है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने डीजीपी विवेक जौहरी को पत्र लिखकर अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आईपीएस के तबादलों पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि उन्हें आइपीएस के तबादलों का अधिकार नहीं है. डीजीपी अगर चाहे तो सरकार को प्रस्ताव भेज सकते हैं. इसके बाद गृह विभाग ने डीजीपी द्वारा जारी तबादला आदेश निरस्त करते हुए, उन्हीं पदों पर अधिकारियों को नियुक्ति के नए सिरे से आदेश जारी कर दिए हैं.
तीन आईपीएस के तबादलों पर विवाद
दरअसल डीजीपी विवेक जौहरी ने 27 अक्टूबर 2020 को आईजी पुलिस मुख्यालय रहे साजिद फरीद शापू का तबादला आईजी एंटी नक्सल कर दिया था. बाद में गृह विभाग ने आदेश को निरस्त करते हुए नए सिरे से आदेश जारी कर दिया. इसके बाद गृह विभाग को एक और आईपीएस तरूण नायक के तबादले का आदेश मिला. इसमें एआईजी पीएचक्यू तरूण नायक का तबादला कमांडेंट 7वीं बटालियन एसएएफ किया गया था. यह आदेश भी गृह विभाग ने निरस्त कर दिया.
पिछले दिनो गृह विभाग की जानकारी में आया कि 9 अक्टूबर 2020 को आईपीएस विवेक शर्मा को प्रशासन पीएचक्यू पद पर पदस्थ किया गया है. हालांकि बताया जा रहा है कि पीएचक्यू का तर्क है कि तबादलों के बाद खाली पदों पर अस्थाई रूप से पदस्थापना की जाती है.
कमलनाथ सरकार के समय डीजीपी बने थे विवेक जौहरी
विवेक जौहरी 30 सितंबर 2020 को रिटायर्ड होने वाले हैं. पूर्व कमलनाथ सरकार ने उन्हें दो साल का एक्सटेंशन दिया था. बाद में शिवराज सरकार आने के बाद भी उनके काम और बेहतर छवि के कारण उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज पसंद करते रहे हैं.